पिम्स में फोरेंसिक मेडिसिन और मेडिसिन विभाग की ओर से सीएमई का आयोजन

जालंधर : पंजाब इंस्टीच्युट आफ मेडिकल साइंसिस (पिम्स) में फोरेंसिक मेडिसिन और मेडिसिन विभाग की ओर से सीएमई का आयोजन किया गया। चिकित्सीय लापरवाही और डाक्टरों पर हो रहे हमले पर सीएमई का विषय था। सीएमई में श्री संजय कुमार पंजाब कके प्रिंसीपल सेक्रेटरी लेबर, मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च मुख्यातिथि और पुलिस कमिश्नर श्री प्रवीण सिन्हा विशेषातिथि के रूप में शामिल हुए। पिम्स की डायरेक्टर प्रिंसिपल डा. कुलबीर कौर, रेजिडेंट डायरेक्टर श्री अमित सिंह, पिम्स सोसायटी के डायरेक्टर डा. विमल सेकरी, पीएससी के डा. कपिल गुप्ता, पिम्स के फोरेंसिक मेडिसन विभाग की प्रमुख डा. अंजू गुप्ता और मेडिेसन विभाग के प्रमुख डा. एच एल काजल ने शमां रोशन कर समारोह का आगाज किया। विशेषातिथि श्री प्रवीण सिन्हा ने कहा कि ऐसे सेशन बहुत जरूरी हैं। डाक्टरों पर हो रहे हमलों के बारे में उन्होंने बताया कि हमें अपना सिस्टम में कुछ सुधार लाने की करने की जरूरत है। उन्होंने बताया कि सबसे पहले मरीज और डाक्टरों में अच्छा तालमेल होना चाहिए और पूरी तरह पारदर्शिता होनी चाहिए। कई बार पारदर्शिता की कमी के कारण भी ऐसी घटनाएं हो जाती है। समय-समय पर मरीज की काउंसलिंग करवानी चाहिए। उन्होंने बताया कि अगर फिर भी ऐसी कोई घटना हो तो तुरंत पुलिस को फोन करें। उन्होने जरूरत पडऩे पर अस्पतालों के लिए अलग फोन नंबर देने की बात भी की। उन्होंने बताया कि आगे आने वाले समय में अस्पतालों, नर्सिंग होम के लिए पुलिस की ओर से अलग फोन नंबर दिया जाएगा।

सीएमई में पिम्स की डायरेक्टर प्रिंसीपल डा. कुलबीर कौर ने कहा कि इस सीएमई का विषय बहुत ही गंभीर है। डाक्टरों पर हो रहे हमले पंजाब ही नहीं पूरे भारत में चर्चा का विषय बना हुआ है। इस हमलों को रोकने के लिए डाक्टरों को इन पर ध्यान देने की जरूरत है। यह एक ऐसा विषय है जिसमें डाक्टरों के साथ-साथ पुलिस का भी अहम योगदान होता है। उन्होंने कहा कि डाक्टर अपने कागजात पूरे रखें। उन्होंने बताया कि इस ओर भविष्य में बनने वाले डाक्टरों को ओर ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है। अगर अपने कागजात पूरे रखेंगे तो होने वाली घटनाओं से काफी हद तक बचा जा सकता है। पिम्स के रेजिडेंट डायरेक्टर श्री अमित सिंह ने कहा कि डाक्टरी एक ऐसा पेशा है जिसमें निस्वार्थ मरीजों की सेवा की जाती है। मगर कई बार ऐसी घटनाएं हो जाती है, जिसमें डाक्टरों पर हमलों के साथ-साथ अस्पताल की प्रापर्टी को भी नुकसान पहुंचाया जाता है। यह बहुत दुर्भागयपूर्ण है। इसे रोकने के लिए सख्त कदम उठाने की जरूरत है। इसी को ध्यान में रखते हुए इस प्रकार की सीएमई का आयोजन किया गया। इस सीएमई में विभिन्न स्थानों से आए डाक्टरों और पुलिस अधिकारियों ने अपने-अपने विचार रखे।

डा. रंजनीश कुमार ने वर्तमान परिदृश्य में सर्जिकल नैतिकता के बारे में डाक्टरों को बताया। उन्होंने बताया कि डाक्टरों पर हो रहे हमले से बचने के लिए सभी डाक्टरों को एकजुट होने पड़ेगा। अपने व्यवहार में तबदीली लानी होगी। पिम्स के डा. अमनदीप सिंह ने डाक्टरों और अस्पताल संपत्ति अधिनियम 2008 के खिलाफ हिंसा
सीएमई में मेडिकल ने चिकित्सा अभियास और मरीजों की ओर से सहमति, चिकित्सा लापरवाही के मुकद्दमें के लिए चिकित्सक क्या करे, पंजाब पुुलिस के अधिकारियों ने चिकित्सा लापरवाही के मामलों में डाक्टरों का आपराधिक दायित्व, चिकित्सा लापरवाही के कुछ केसों में रिपोर्टिंग के बारे में विचार विमर्श किया गया।
इस अवसर पर पिम्स के वाइस प्रिंसीपल डा. राजीव अरोड़ा, मेडिकल सुपरिटेंडेंट डा. कुलबीर शर्मा के अलावा पिम्स के ही नहीं बल्कि पूरे पंजाब के अन्य डाक्टरों ने इस सीएमई में भाग लिया।

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