जालन्धर : राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) द्वारा 2018 उष्मा तरंग के परामर्श के मद्देनजर, जिलाधीश जालन्धर श्री वरिंदर कुमार शर्मा जिला प्रशासन के अधिकारियों को एक सप्ताह के भीतर जिले में उष्मां तरंग क्रिया योजना की रिर्पोट पेश के लिए कहा।
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग की भविष्यवाणी को मदेनजर जारी परामर्श के में अधिकारियों को अवगत करवाते हुए जिलाधीश ने कहा कि राज्य में मौसमी तापमान अधिकतम तापमान से 1 डिगरी अधिक रहेगा।
उन्होंने कहा कि इसके लिए एक बहु-क्षेत्रीय और बहु-आयामी प्रशासनिक दृष्टिकोण जिसमें पेयजल, अस्थायी आश्रय, कामकाजी घंटे और शैक्षिक संस्थानों, पार्कों का उपयोग, बेहतर आपातकालीन सेवाएं, चिकित्सा सेवाएं, सार्वजनिक स्वास्थ्य और अन्य तरीके अपनाना आवश्यक है, श्री शर्मा ने कहा कि किसी विशेष क्षेत्र में संभावित उष्मा तरंग की घटनाओं की प्रारंभिक जानकारी देकर उष्मा की तरंगों के प्रतिकूल प्रभाव को कम करने में लोगों राहत देने में सहायता दी जा सकती है।
जिलाधीश ने कहा कि जिला को उष्मा तरंग परिस्थितियों के प्रभावी ढंग और प्रबंधन के लिए खुद को तैयार करने के लिए, यह योजना एक सप्ताह के भीतर पेश की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि उष्मा तरंग सावधानी पूर्वक उपायों के संबंध में लोगों के बीच जागरूकता पैदा करना चाहिए। इसी तरह, श्री शर्मा ने कहा कि इस कार्य योजना के अनुसार सनस्ट्रोक से होने वाली मौतों को रोकने पर भी जोर दिया जाना चाहिए।
योजना के व्यापक रूपों को देखते हुए, डिप्टी कमिश्नर ने स्वास्थ्य विभाग से कहा कि गांव स्तर के कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण देकर लोगों को गर्मी से बचाव से संबंधित प्रशिक्षण देकर जागरूक किया जाये। उन्होंने कहा कि श्रम विभाग को गर्मी से संबंधित बीमारी पर जागरूकता शिविर आयोजित करने के तरीकों और साधनों का विकास करना चाहिए,
उन्होने पशुपालन विभाग को भी मवेशियों की सुरक्षा के लिए उष्मा तरंग योजना क्रिया तैयार करना चाहिए। श्री शर्मा ने परिवहन विभाग को कहा कि वे प्रमुख बस स्टैंड / टर्मिनलों और अन्य सार्वजनिक स्थानों को सुरक्षित परिवहन व्यवस्था को सूचारू ढंग से जारी रखने के लिए स्वास्थ्य टीमों का गठन करें।