जालंधर:ड्रग्ज स्मगलिंग की एक बड़ी मछली को बेनकाब करते हुए आज पंजाब पुलिस ने 4 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया है जोकि विदेशों में नशीले पदार्थ की तस्करी करने के लिए कोरियर सेवाओं का प्रयोग किया करते थे। इस तरह पंजाब से कैनेडा तक की जाने वाली नशीले पदार्थों की तस्करी का अंतरराष्ट्रीय नैटवर्क तोड़ दिया गया है।
इन गिरफ्तारियों ने कैप्टन अमरिंदर सिंह के नेतृत्व वाली सरकार की नशों के विरूद्ध मुहिम को बड़ा प्रोत्साहन दिया है जिसमें एक अंतरराष्ट्रीय नशीले पदार्थों के तस्कर गिरोह का खुलासा किया गया है, जोकि ‘‘अफीम’’ और ‘‘कैटामाईन’’ की तस्करी में शामिल मोड्यूल को नियंत्रित कर रहा था।
ए.आई.जी. काउंटर इंटेलिजेंस एचकेपीएस खख, जो गत कुछ समय से एक बदनाम कैनेडियन तस्कर ‘‘दविंदर देव’’ का पीछा कर रहे थे, ने इस कार्यवाही संबंधी मीडिया को बताया कि यह रैकेट कैनेडियन नागरिक ‘‘कमलजीत सिंह चौहान’’ टोरंटो, जो इस समय कैनेडा में रह रहा है तथा जि़ला जालंधर के गांव नगर का रहने वाला है और दविंदर निरवाल उर्फ देव जो मूल रूप से गंगानगर, राजस्थान का रहने वाला है तथा वर्तमान में एच. 53, गुरबख्श सिंह नगर, खन्ना, लुधियाना में रहता है के द्वारा संयुक्त रूप से मिलकर चलाया जा रहा था।
ए.आई.जी. खख जिनकी निगरानी में काउंटर इंटेलिजेंस तथा जालंधर ग्रामीण पुलिस ने यह संयुक्त ऑपरेशन चलाया, ने बताया कि देव जिसका नशा तस्करी की दुनिया में एक बड़ा नाम है, के ऊपर प्रवर्तन निदेशालय और नार्कोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) द्वारा भी नजऱ रखी जा रही थी।पुलिस ने 4.75 किलग्राम ‘‘कैटामाईन’’ और 6 किलोग्राम ‘‘अफीम’’ जो दोहरी परत वाली 7 बड़ी कढ़ाहियों में पैक की गई थी को ज़ब्त किया है। मूल रूप में इन कढ़ाहियों को ‘‘लंगर’’ सामग्री की तैयारियों के लिए प्रयोग किया जाता है।देव (68) के अलावा अन्य अपराधियों की पहचान अजीत सिंह (45) पुत्र हरजिंदर सिंह, निवासी गांव जैतेवाली, थाना पतारा जिला जालंधर, तरलोचन सिंह (42) पुत्र हरजिंदर सिंह निवासी गांव जैतेवाली थाना पतारा जिला जालंधर तथा गुरबख्श सिंह (50) पुत्र प्रगट सिंह निवासी गांव काठे थाना बुलोवाल, होशियारपुर के रूप में हुई है।
गिरफ्तारी संबंधी जानकारी देते हुए ए.आई.जी. खख ने कहा कि एक विश्वसनीय सूत्र से मिली अहम जानकारी पर जिला पुलिस जालंधर ग्रामीण की सी.आई.ए. स्टाफ की टीम के साथ काउंटर इंटैलिजेंस विभाग ने जंडू सिंह के समीप हरिपुर टी प्वाईंट पर एक विशेष मुहिम चलाई औरा दो कारें निस्सान माईक्रा तथा निस्सान टरैनो में 7 बड़ी खाना पकाने वाली कढ़ाहियों में नशीले पदार्थ छुपाकर ले जा रहे 4 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया है। इन नशीले पदार्थों को आगे कोरियर द्वारा विदेश कैनेडा भेजा जाना था। निजी कोरियर या डाक सेवाओं का प्रयोग करके नशा तस्कर द्वारा तस्करी करने के नए ढंग की खोज की गई है, जो उन्होंने पुलिस और अन्य ऐजंसियों से बचने के लिए की है।शुरूआती जांच से पता चला है कि कमलजीत चौहान जो पिछली शरद ऋतु में भारत आया था, ने इनके साथ कैटामाईन और अफीम को कैनेडा तस्करी करके भेजने की साजिश रची थी। इस योजना अनुसार दविंदर उर्फ देव तथा अजीत सिंह उर्फ जीत ने अपने भारतीय स्रोतों से नशीले पदार्थों का प्रबंध करना और उनको अच्छे ढंग से पैक करना था तथा कमलजीत चौहान ने ‘‘कोरियर’’ रूट द्वारा इसे कैनेडा तक लेजाने की जिम्मेवारी ली थी।
शुरूआत में, अनुभव के लिए इन्होंने कमलजीत चौहान को भेजने के लिए 6 किलो और 14 किलो अफीम की 2 खेपें जालंधर बस अड्डे के समीप कमलजीत के बंदों को सुपुर्द कीं जिसकी सफलतापूर्वक सुपुर्दगी लेने के बाद , कमलजीत ने देव और जीत को कहा कि वह अफीम के साथ महंगा बिकने वाला नशीला पदार्थ कैटामाईन भी भेजें।
कमलजीत के कहने पर अजीत सिंह जीत ने मलेरकोटला से 14 बड़ी खाना बनाने वाली कढ़ाहियों की खरीद की और दो कढ़ाहियों को एक दूसरे में रखकर उनके बीच नशीले पदार्थों को छुपाकर इतनी अच्छी तरह जोड़ा कि ये यह देखने में केवल एक ही कढ़ाही प्रतीत होती थीं और इस तरह उसने कुल 7 एसी कढ़ाहियां बनाईं। अजीत सिंह जीत ने वैल्डिंग के कार्य में विशेष प्रशिक्षण प्राप्त किय हुआ था। उन्होंने उत्तर प्रदेश के रामपुर और मध्यप्रदेश से कैटामाईन और अफीम को खरीदा था। अजीत सिंह ने इस रैकेट में अपने दो भाईयों को भी शामिल किया जिसमें एक उसका सगा भाई तरलोचन सिंह जोकि ट्रक ड्राईवर था और दूसरा उसके मामा का बेटा गुरबख्श सिंह था। उन्होंने गुरबख्श सिंह का एक नकली पहचान पत्र भी तैयार किया और इसे दिखाकर उन्होंने यह सामान कोरियर करना था।
यह खेप पहले जालंधर के शे$ख बाज़ार के ‘‘श्री देव कोरियर’’ द्वारा कोरियर की गई परंतु बाद में कमलजीत ने इनको इस कोरियार कंपनी से वापस लेने और किसी अन्य कोरियर कंपनी द्वारा भेजने का निर्देश दिया। देषियों द्वारा गुरबख्श सिंह का जो नकली पहचान पत्र तैयार किया गया था वह दिखाकर इन्होंने कढ़ाहियों को कोरियार किया था।
इस कार्रवाई के लिए मुख्य कैनेडियन आयोजकों और भारतीय तस्करों सहित कुल 5 व्यक्तियों के विरूद्ध एन.डी.पी.एस. ऐक्ट तथा आई.पी.एस. की धाराओं अधीन केस एफआईआर नं.01 दिनांक 17.06.2018 थाना पातरा जिला जालंधर ग्रामीण में दर्ज किया गया है।पुलिस विभाग के एक प्रवक्ता ने बताया कि यह ड्रग तस्करी गिरोह भारत और विदेशों में सप्लाई का बढिय़ा नैटवर्क स्थापित कर चुका था, जिसको पंजाब पुलिस पूर्ण रूप से बेनकाब कर चुकी है। अब पुलिस दल इस गिरोह में शामिल ‘‘कोरियर कंपनी’’ तथा अन्य शामिल लोगों की तलाश कर रहे हैं। इन लागों द्वारा कच्चा माल और तैयार उत्पादों की अदायगी हवाला द्वारा की जा रही थी। पुलिस इसके साथ हवाला चैनलों द्वारा हुए लेन-देन की भी जांच कर रही है तांकि इस गिरोह से जुड़े सभी लोगों की भूमिकाओं की जांच करके जल्द से जल्द उनको गिरफ्तार किया जा सके।
प्रवक्ता ने कहा कि मुख्य दोषी देव जो एक बदनाम तस्कर है को पटियाला पुलिस ने वर्ष 2011 में गिरफ्तार किया था। उसने नशीले पदार्थों की तस्करी से कमाय पैसे से जयपुर में 6000 वर्ग फुट एक व्यापारिक प्लाज़ा तथा कुछ अन्य संपत्तियों को खरीदा था, जिसको ईडी ने सील कर दिया था। देव जो विदेशों से भारत में भी विभिन्न राज्यों महाराष्ट्र, गोआ, राजस्थान में अपने तस्करी के धंधे का सचालन करता रहा है इससे पहले उसने कैंडला पोर्ट गुजरात से कंटेनरों द्वारा क्विंटलों में कैटामाईन ड्रग की (लगभग 5 क्विंटल) तस्करी कैनेडा के लिए की थी।
अजीत सिंह जीत भी एक नामी हैरोईन तस्कर है, जिसको पहले एनडीपीएस एक्ट तथा जाली करंसी केसों के अंतर्गत गिरफ्तार किया गया था और वह सितंबर 2017 तक जेल में रहा है। जेल से बाहर आने के बाद वह दविंदर सिंह देव के संपर्क में आया तथा दानों ने नशीले पदार्थ तस्करी करने के लिए एक साथ काम करने की योजना बनाई। इस योजना में जीत ने भारतीय स्रोतों से नशीले पदार्थों का प्रबंध करने और देव विदेश ग्राहकों को इस नशीले पदार्थ की सप्लाई के लिए प्रबंध करने के लिए तथा कमलजीत से मिलकर कैनेडा नशा सप्लाई करने की योजना बनाई।