जालंधर : पंजाब इंस्टीट्यूट ऑफ मैडकिल साइंस (पिम्स) नेपंजाब के मेडिकल शिक्षा के क्षेत्र में उस समय इतिहास रच दिया जब माननीय राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद की ओरसेनशा मुक्ति अभियान में उत्कृत्ट योगदान देने के लिए पुरस्कृत किया गया।नई दिल्ली के विज्ञान भवनमें आयोजित भव्य समारोह में पिम्स की डायरेक्टर प्रिंसीपल डा. कुलबीर कौर और रेजिडेंट डायरेक्टरश्री अमित सिंह ने संस्थान की ओर से यह पुरस्कार प्राप्त किया। साइंस और मेडिकल के क्षेत्र में यह उपलब्धि अर्जित करने से जहां देश की मेडिकल शिक्षाक्षेत्र में पंजाब का नाम एक बारफिर चमका है,वहीं प्रदेश में भीपिम्स, नेअपनी दक्षता को सिद्ध कियाहै।का बिलेगौर हो कि पिम्स हमेशा से ही समाजिक भलाई के कार्य हेतु अग्रणी रहा है। इसी के मद्दे नजर लोगों कों नशों की मु्क्ति के लिए अभियान की शुरूआत की।
इस दौरान पिम्स की डायरेक्टर प्रिंसीपल डा. कुलबीर कौरने कहा कि इस उपलब्धि का श्रेय यहां के अनुभवी शिक्षाविदों और पूरे पिम्स के स्टाफ को जाताहै। जिन्होंने अपनी कड़ी मेहनत के बूते पर देश भर में नशा मु्क्ति अभियान में उत्कृष्ट योगदान देने का गौरव पिम्स को दिलाया। उन्होंने आगे बताया कि नशा वह सामाजिक बुराई है, जिसे केवल कानून और दंड से दूर नहीं कियाजा सकता। जिंदगी तबाह करने वाली इस सर्वनाशीनशा मुक्ति हे तुसामाजित चेतना, और एकजुट होकर प्रयास करने की जरूरत है। जब सारा समाज एकजुट होकर नशे के खिलाफ कमर कस लेगा, उस दिन बुराई समाप्त होगी।
उन्होंने आगेबताया कि पिम्स की ओरसेभीशहरों व गांवों में नुक्कड़ नाटकों, लेक्चर और अन्य साधनों द्वारालोगों को जागरुक किया जारहा है। उन्होंने कहा कि पिम्स को चुनने वाले विद्यार्थियों की संख्या में लगातार बढ़ौत्तरी हो रही है। सीमित संसाधनों के बावजूद पिम्स उत्कृष्ठशिक्षा परिणाम दिलाने को लेकर प्रतिबद्ध है।
इस अवसर पर पिम्स के रेजिडेंट डायरेक्टर श्री अमित सिंहने कहा कि पिम्सको सम्मानमिलनान सिर्फ हमारेलिए गौरव की बात है बल्कि यह समूचे पंजाब राज्य की उपलब्धि है। इस क्षेत्र में पंजाब इंस्टीच्यूट आफ मेडिकल साइंसस (पिम्स) की ओर से यह छोटी सी पहल थी। जिसे भारत के माननीय राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद की ओरसे सम्मानित किया गया। यह सम्मान संस्थान द्वारा अपनाए जाने वाले उच्चस्तरीय मानदंडों की बदौलत ही अर्जित किया जा सका है।पिम्स का उद्देश्यहर गांव, हर शहर, हर गली में नशा मु्क्ति अभियान में हर संभव योगदान देना है। ताकि आने वाले समय में पंजाब ही नहीं बल्कि समूचा भारत नशा मुक्त भारत बन सके। उन्होंने कहा कि युवाओं के साथ-साथ उनके पारिवारिक सदस्यों को भी अपने बच्चों पर ध्यान देने की जरूरत है। अपनी भागदौड़ वाली जिंदगी में माता-पिता के पास इतना समय भी नहीं होता कि वह अपनी बच्चों की हरकत पर नजर रख सकें। लेकिन जब बच्चे नशे की दलदल में फंस जाते हैं तब जाकर इस चीज का एहसास होता है।पिम्स शुरूआतसेही इस बातों पर ध्यान देता आयाहै कि बच्चों के साथ-साथ उनके पारिवारिक सदस्यों को भी जागरुक किया जासके।उन्होंने आगे कहा कि भविष्य में भीसमाज में अपना अहम योगदान देने के लिए पिम्स ऐसे नए प्रोटेक्टों पर भी काम कर रहा है।आशाहै कि भविष्य में भी पिम्स इसी प्रकार सफलता केआयाम छुएगा।