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पंजाब के डी.जी.पी. द्वारा क्षेत्रीय अधिकारियों को गैंगस्टरों, नशा तस्करों पर शिकंजा कसने के आदेश

चंडीगढ़ : पंजाब के डी.जी.पी. सुरेश अरोड़ा ने क्षेत्रीय अफसरों को गैगस्टरों और नशा तस्करों की गतिविधियों पर शिकंजा कसने की सख्त हिदायतें जारी करते हुए यह स्पष्ट किया है कि उनके अधिकार क्षेत्र में किसी भी तरह की नशा तस्करी के लिए वह जवाबदेह होंगे।
यह निर्देश शुक्रवार को पंजाब पुलिस अकैडमी फिलौर में एस.एस.पीज़ /सी.पीज़, रेंज आई.जी.पीज़ /डी.आई.जीज़ और अन्य सीनियर पुलिस अधिकारियों की मीटिंग के दौरान जारी किये गए।
यह मीटिंग डी.जी.पी. द्वारा राज्य में मौजूदा सुरक्षा हालातों और कानून-व्यवस्था का जायज़ा लेने के लिए बुलाई गई थी। इस मीटिंग में आतंकवादी गतिविधियों, राज्य विरोधी गतिविधियों के लिए नौजवानों को गर्मख्याली बनाना, नशा तस्करों और गैगस्टरों के विरुद्ध कार्यवाई आदि के साथ सबंधित मुद्दे एजंडे के शिखर पर थे।
क्षेत्रीय इकाईयों की नशा तस्करों के विरुद्ध कार्यवाईयोंं का जायज़ा लेते हुए डी.जी.पी. ने सभी क्षेत्रीय अफसरों को उनके अधिकार क्षेत्रों के बीच की नशों की सप्लाई लाईनों को पूरी तरह नाकाम करने को यकीनी बनाने की सख्त हिदायतें जारी की हैं। कैप्टन अमरिन्दर सिंह के नेतृत्व वाली सरकार की नशों के प्रति कतई न बर्दाश्त करने वाले व्यवहार का हवाला देते हुए डी.जी.पी. की तरफ से इस मामले संबंधी किसी तरह की भी ढील के विरुद्ध सख्त चेतावनी दी है।
डी.जी.पी. ने स्पष्ट शब्दों में अधिकारियों को बताया कि विभिन्न स्तरों पर काम कर रहे क्षेत्रीय अफ़सर अपने अधिकार क्षेत्र में किसी भी तरह की नशा तस्करी के लिए जवाबदेह होंगे। डी.जी.पी. ने पंजाब पुलिस की विभिन्न इकाईयों द्वारा विभिन्न नशों की बड़ी बरामदगियों संबंधी भी बताया और नशा तस्करों पर और अधिक ज़ोर के साथ शिकंजा कसने का न्योता दिया।
उन सभी क्षेत्रीय अफसरों को इन तस्करों द्वारा अवैध ढंग से हासिल की ज़मीनों-जायदादों संबंधी विस्तृत वित्तीय जांच करने के आदेश दिए और इनको कबजे मे लेने की प्रक्रिया को जल्द शुरू करने के लिए कहा।
डी.जी.पी. ने क्षेत्रीय अफसरों को नशा मामलों के आदतन नशा तस्करों की पहचान करने और नशों की अवैध तस्करी संबंधी बने एक्ट, 1188  की विभिन्न धाराओं अधीन हिरासत में लेने के लिए कार्यवाई शुरू करने के लिए भी कहा है।
    उन नशों के खि़लाफ़ लोगों को लामबंध करने के लिए एक जागरूकता मुहिम शुरू करने के लिए भी कहा जिसमें ग़ैर सरकारी संस्थाएंं (एनजीओ), सिविल सोसायटी के अधिकारी, पंचायतों शैक्षिक संस्थाओं के अलावा नौजवानों को भी इस जागरूकता मुहिम का एक सक्रिय हिस्सा बनाया जाये।
    अलगाववादी और आतंकवादी ग्रुपों की गतिविधिओं का जायज़ा लेते हुए पुलिस प्रमुख ने क्षेत्रीय अफसरों को यह आदेश दिए कि नौजवानों को सही मार्गदर्शन और शिक्षा प्रदान करके इन अलगाववादी ग्रुपों की देश-विरोधी गतिविधिओं संबंधी प्रकाश डाला जाए।
    उन पुलिस अफसरों को चौकसी बढ़ाने का आदेश देते हुए कहा कि इन संगठनों द्वारा सोशल मीडिया के दुरुपयोग पर ख़ास नजऱ रखी जाये और किसी भी गैंगस्टर द्वारा की जा रही ऐसी किसी देश विरोधी गतिविधि नजऱ आने पर उसके विरुद्ध सख्त कानूनी एक्शन लिया जाये।
    पुलिस प्रमुख ने राष्ट्रीय एमरजैंसी रिसपोंस व्यवस्था लागू किये जाएँ संबंधी हुई प्रगति का जायज़ा भी लिया जिसको सी.डैक. के द्वारा लागू किया जा रहा है। इस व्यवस्था के लागू होने से किसी भी विपरीत स्थिति का पता लगने पर पुलिस द्वारा एक्शन लेने के लिए समय बहुत कम जायेगा क्योंकि पुलिस इस व्यवस्था से तुरंत हरकत में आ जायेगा।
    इस अवसर पर हरदीप सिंह ढिल्लों, आई.पी.एस, डी.जी.पी. (एल एंड ओ); दिनकर गुप्ता, आई.पी.एस., डी.जी.पी. (इंटेलिजेंस); एम.के. तिवाड़ी, आई.पी.एस. डी जी पी (प्रशासन); प्रबोध कुमार, डायरैक्टर / बी ओ आई ; और ईश्वर सिंह, आई.पी.एस., मीटिंग में मौजूद डीजीपी (कानून और व्यवस्था) सीनियर अधिकारियों भी उपस्थित थे।

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