जलंधर : जालन्धर जिले के गाँवों को विकास के माडल के तौर पर विकसित करने के लिए पंजाब सरकार ने मनरेगा के अंतर्गत इन गाँवों के संपूर्ण विकास के लिए दिए जाने वाले फंडों में करीब 350 प्रतिशत का वृद्धि करके इन गाँवों के संपूर्ण विकास के लिए अहम प्रयास किया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार माली साल 2017-18 के दौरान पंजाब सरकार की तरफ से अप्रैल से जून महीने के दौरान मनरेगा के अंतर्गत 1.60 लाख रुपए ख़र्च किये गए थे परन्तु मौजूदा माली वर्ष के दौरान (2018-19) पंजाब सरकार ने इन गाँवों के विकास के लिए 5.29 करोड़ रुपए खर्च किये हैं। डिप्टी कमिशनर जालंधर श्री वरिन्दर कुमार शर्मा के नेतृत्व में जिला प्रशासन ने यह सुनिश्चित बनाया है कि करीब 350 के वृद्धि से गाँवों के लोगों को मानक सुविधाएं दीं जा सकें।
जिला प्रशासन ने यह पैसा भूमि विकास, बूंद सिंचाई, झ्पडों के कायाकल्प और अन्य अहम प्रोजै1टों पर खर्च किया है। जिस का एक मात्र उदेश्य गाँवों के लोगों को बढ़ी सुविधाएं उपलब्ध करवाना है। पंजाब सरकार के इन अंथक प्रयासों के कारण आज खिंची पुर, कपूर गाँव, नारंगपुर, बुल्लोवाल, होडावाही, अलीपुर, दीवाली, मुजफर पुर, मूसापुर, फूल, सीचेवाल, आलोवाल, मुद्दा, कोहाड़ खुर्द, कोटला सूरज कब्ज़ा कर, सालापुर, तग्गड़, हरीपुर, इसमायलपुर और अन्यों के संपूर्ण विकास को विश्वसनीय बनाया जा सका है।
इस बारे में और ज्यादा जानकारी देते हुए डिप्टी कमिशनर श्री वरिन्दर कुमार शर्मा ने कहा कि मनरेगा स्कीम गाँव वासियों के लिए एक वरदान साबित हुई है। उन्होने कहा कि इसी लिए जिला प्रशासन की यह अधिक से अधिक कोशिश है कि गाँवों का विकास इस स्कीम के अंतर्गत विश्वसनीय बनाया जा सके। उन्होने कहा कि इसी मनोरथ के अंतर्गत अधिक से अधिक गाँवों का काम मनरेगा के अंतर्गत करवाया जा रहा है।
उन्होने कहा कि आने वाले दिनों में इस काम को ओर भी तेज किया जायेगा। और गाँवों के संपूर्ण विकास को विश्वसनीय बनाया जायेगा। उन्होने कहा कि जहाँ एक तरफ मनरेगा के साथ जरूरतमन्द लोगों को 100 दिनों का रोजगार उपलब्ध होता है। वहीं इस के साथ गाँवों का संपूर्ण विकास को भी विश्वसनीय बनता है। उन्होने कहा कि इसी लिए ग्रामीण विकास पर पंचायत विभाग को इस स्कीम के अंतर्गत अधिक से अधिक काम करवाने के लिए निर्देश दिए गए हैं।