अमृतसर : दमदमी टकसाल के मुखी संत ज्ञानी हरनाम सिंह खालसा ने कहा कि केंद्र जेल पटियाला में हिरासत भाई बलवंत सिंह राजोआना की और से भूख हड़ताल फिर से करने के लिए मजबूर होगा , भारतीय राजनितिक सिस्टम का सिख कोम के महत्वपूर्ण मुद्दों से अ-सहमत होना सही नहीं है। जिसके माध्यम से सिख समुदाय को न्याय देने की भारतीय प्रणाली पर प्रश्न चिह्न एक बार फिर हर किसी के सामने दिखाई दिया जा रहा है। दमदमी टकसाल के मुख्य प्रमुख ने कहा कि शिरोमणि अकाली दल और शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के भाई राजोआना के मामले को हल करने के लिए केंद्र सरकार को इस मामले को जल्द से जल्द हल करना होगा और लगातार कदम उठाने के लिए कहा। उन्होंने कहा की दमदमी टकसाल और पूरा पंथ भाई साजोआना के साथ है। उन्होंने केंद्र सरकार को कहा कि भाई राजोआना ने अपने किये के लिए जेल में 22 साल से अधिक समय व्यतीत कर लिया है , अब पंथ उनको जेल से बाहर देखना चाहता है।
उन्होंने कहा कि राज्य अदालतों में मुख्यमंत्री बेअंत सिंह की हत्या के मामले की सुनवाई के दौरान भाई राजोआना, भारत में, सिख समुदाय पर हो रही ज्यादतियों , 1984 के सन्ताप और सिख नरसंहार आदि को ` अदालत के मंच पर एक नोट लिखवाकर सिख कॉम पर किये जा रहे भयानक जुइलर्मो की दास्ताह के प्रति दुनिया के इन्साफ पसंद लोगो को न्यायप्रिय लोगो को आकर्षित करने के लिए प्रेरित किया था,उन्होंने कहा कि भाई राजोआना को उनके निष्पादन मामले में न्यायिक कार्यवाही का चाराजोर करने से इंकार करते कोमी परंपराओं को कायम रखा।
फांसी की सजा को उम्र कैद में बदलने के लिए, शिरोमणि कमेटी ने मार्च 2012 में भारत के राष्ट्रपति से अपील की गईं थी। राष्ट्रपति द्वारा आगे की कार्रवाई के लिए अपील केंद्रीय गृह मंत्रालय को भेजी गई थी,जिस पर आज 6 साल से अधिक समय बीतने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई, सिख समुदाय में केंद्र के प्रति निराशाजनक और भारी विरोध करता है। उन्होंने खेद व्यक्त किया कि केंद्रीय गृह मंत्रालय कांग्रेस सरकार की पंक्तियां पर सिख समुदाय के मामलों में जानबूझकर निर्णय लेने में देरी कर रहा है। उन्होंने सिख पंथ के मामलो के प्रर्ति गंभीरता और ईमानदारी दिखाते हुए कहा भाई बलवंत सिंह राजोआना वाक्य के पूरा होने सहित कर चुके सिख केदियो की तुरंत रिहाई की केंद्रीय सरकार से मांग की गई।