रेड क्रॉस ने बचाई 160 बच्चो की जान

अमृतसर : जिला  प्रशासन की और से वर्ष 2008 में लावारिस बच्चो की जान बचने के लिए रेड क्रॉस की सहायता से शुरू की गई पंघूड़ा स्कीम अब तक  160 बच्चो की जाने बचाने में कामयाब होइ है। आज इस पंघूड़े में अये 160व बच्चा जो एक लड़की है जिसको रतनजीत सिंह एस.आई. पुलिस स्टेशन छायुनि की और से एक औरत जिसका नाम नीलम पत्नी कमल कुमार थी उसके पास से प्रार्प्त हुआ। पुलिस की ओर से इस औरत पर केस दर्ज कर पूछताछ की जा रही है। इस लड़के को पुलिस द्वारा पंघूड़े में दिया गया। उस बच्चे का मेडिकल पारवती देवी हस्पताल से करवाया गया था और अब बच्ची बिलकुल ठीक है और स्वस्थ है। डिप्टी कमिश्नर श्री कमलदीप सिंह संघा की हिदायतों के अनुसार श्री हिमांशु अग्रवाल आई.ऐ.ऐस., आंतरिक डिप्टी कमिश्नर जर्नल व् श्रीमती अलका कालिया सहायक कमिश्नर की ओर से बच्चे को पालने में से प्राप्त किया गया और लापा सकीम अधीन स्वामी गंगा नंद भूरी वाले फॉउंडेशन धाम भोजन की प्रिकिरिया पूरी की।

उन्होंने बताइया की रेड क्रॉस सोसाइटी की सहायता से शुरू इस  अद्वितीय पहलकी तारीफ करते हुए कहा की यह 160 मासूम जिंदगियों को बचाने वाला पालना जो की मुबारकबाद का हक़दार है, वही अब तक हुए बच्चो में  बड़ी गिनती से लड़कियों का मिलना समाज के लिए गंभीरता एक गंभीर मुद्दा है। बताने योग ये कि पालने में आये बच्चो की जानकारी पालने के निचे लगी हुई घंटी से रेड क्रॉस कर्मचारियों को मिल जाती है और वह समय पर
बच्चे को नेदिक पारवती हॉस्पिटल से मेडिकल सहायता  करते है। इसके बाद सुरक्षित पालन पोषण और अच्छे भविष्य की आशा में सरकार की और से घोषणा किये गए संथाओं  संस्थाओं लीगल एडॉप्शन ऐड प्लेसमेंट एजेंसी में बच्चे की परविश  परविश कर बदला जाता है ,यंहा जरूरतमंद परिवार बच्चो को को गोद ले लेते है। अब तक पंघूड़ा स्कीम तहत इस बच्ची के आने  आने वाले कूल बच्चो की गिनती 160 हो गई है, जिनमे  136 लड़किया ओर 24 लड़के शामिल है। उन्होंने कहा की  अगर कोई व्यक्ति बच्चा गोद लेना चाहता हो तो ऑनलाइ  वेबसाइट www.care.nic.in के जरिये  अपनी रेसिस्टेरशन करवा सकते है। इस अवसर पर  श्रीमती वीने शर्मासेक्टरी रेड क्रॉसभी साथ शामिल थे।

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