जालन्धर : अतिरिक्त डिप्टी कमिशनर जालन्धर श्री जतिन्दर जोरावल ने किसानों को न्योता दिया कि वे फसली विभिन्नता को ओर प्रफुलित करने के लिए पंजाब सरकार द्वारा आधुनिक कृषि के यंत्रों पर दी जाती सब्सिडी का अधिक से अधिक लाभ उठायें ।
तंदुरुस्त पंजाब मिशन के अंतर्गत मिट्टी के उपजाऊ शक्ति को बढ़ाने के लिए कृषि विभाग ने जिला प्रशासकी काम्प्लेक्स में कृषि यंत्रों के ड्रा निकालने से पहले अतिरिक्त डिप्टी कमिशनर ने कहा कि यह समय की आवश्यकता है कि उपलब्ध साधनों से ही किसानों की अधिक से अधिक आमदन को विश्वसनीय बनाया जाये। उन्होने कहा कि कृषि विभिन्नता के लिए खेती की नई और अति-आधुनिक ढंग को अपना कर ही किसानों के 5ााग्य को बदला जा सकता है। उन्होने कहा कि किसानों में कम हो रही जमीन, खेती लागतों में वृद्धि और कम हो रहे ला5ा की समस्याओं का सामना किया जा रहा है।
अतिरिक्त डिप्टी कमिशनर ने कहा कि कृषि की अति-आधुनिक ढंग ही एक मात्र साधन है जो किसानों के लिए बहुत लाभदायक सिद्ध हो रही हैं। उन्होने कहा कि कृषि विभिन्नता किसानों की खुशहाली को विश्वसनीय बनाने के साथ-साथ राज्य को गेहूँ और धान के फसली चक्कर में से निकलने का एक मात्र रास्ता दिखाई दे रहा है। श्री जौरवल ने कहा कि अति-आधुनिक तकनीकों का प्रयोग से कृषि विभिन्नता को आपना कर किसानों के लिए अधिक से अधिक लाभ को विश्वसनीय बनाया जा सकता है जो कि समय की मुख्य आवश्यकता है।
अतिरिक्त डिप्टी कमिशनर ने कहा कि सब्सिडी पर मिलने वाले कृषि यंत्र जिस में मलचर, हैपी सिडर, सुपर एस.एम.एस., रीवरसीबल पले, ज़ीरो टिल्लर, कस्टम हायर सैंटर, रोटावेटर, पैडी स्टराय शामिल हैं खेतों में अवशेष के निपटारो के लिए किसानों के लिए बहुत लाभदायक सिद्ध हो रहे हैं। उन्होने कहा कि कृषि के यह यंत्र स4िसडी पर देने का मुख्य उदेश्य कृषि के अवशेषों को खेतों में जोत कर मिट्टी की उपजाऊ श1ित को विश्वसनीय बनाना है।
इस अवसर पर 10 रोटावेटर, 10 मलचर, 10 लाख रुपए की लागत वाले 24 सैंटरों के निर्माण, 20 से 30 लाख रुपए की लागत और 30 से 75 लाख रुपए की लागत से बनने वाले 2 सैंटरों के ड्रा निकाले गए। इस अवसर पर मुख्य कृषि अधिकारी डा.बलविन्दर सिंह छीना और अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे।