अंमृतसर :भारत में हर साल एक लाख के करीब लोगों की मौत हो जाने का कारण काला पीलिया बनता है और एक सर्वे के अनुसार देश भर में हर सौ में से एक व्यक्ति इस का बीमारी से ग्रस्त है। उत्तरी भारत में इस का पसार ज्यादा है और केवल पंजाब में 50 हजार व्यक्ति काला पीलिया से पीडित हैं। उक्त शब्द स्वास्थ मंत्री श्री ब्रह्म महिन्द्रा ने हैपेटाईटस -डे (काला पीलिया) दिवस संबंधित पेट की बीमारियों संबंधित डाक्टरों की संस्था जी. आई. रोनदियों , पन बोर्ड व पंजाब सरकार की तरफ से संयुक्त तौर पर संत सिंह सुक्खा सिंह स्कूल में करवाए समारोह में संबोधित करते हुए व्यक्त किए। श्री महिन्द्रा ने बताया कि राज्य के 25 सरकारी अस्पतालों में काले पीलिया का निशुल्क इलाज किया जाता है और सरकार ने इस कार्य के लिए 28 करोड़ रुपए की राशि जारी की है।
महिन्द्रा ने कार्यक्रम में काले पीलिया से जागरूक करने के लिए दिखाई फिल्म की प्रसंशा करते हुए कहा कि इस तरह की फिल्मों को ज़्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुँचाने की ज़रूरत है, क्योंकि इस घातक बीमारी से अभी हमारी आम जनता अनजान हैं, जिस के चलते यह और भी ज्यादा चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि मुय मंत्री पंजाब की तरफ से राज्य को नशा मुक्त करने के लिए शुरू की मुहिम के प्रति कहा कि हमें नशे के रोगियों का इलाज करवाना चाहिए और सरकार ने इस काम के लिए सभी निशुल्क प्रबंध किए हैं। उन्होंने बताया कि अस्पतालों में डाक्टरों की कमी पूरी करने के लिए 541 नए डाक्टर भर्ती किए जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि सरकारी अस्पतालों में सेवा मुक्ति के बाद भर्ती किए गए प्रोफेसर व अन्य स्टाफ की मांग को मानते हुए उनको गर्मियों की छुट्टियाँ, 20 औचक छुट्टियाँ और 20 अकैडमिक छुट्टियां देने की घोषणा की।
उन्होंने इस अवसर पर घोषणा करते हुए कहा कि सरकारी मैडीकल कालेज और अस्पताल में प्रतिदिन होने वाली फीस सरकारी खजाने में न जमा करवा कर अपने पास रख सकेंगे और कालेज प्रिंसिपल व सुपरडैंट उस से अस्पताल की जरुरत को पूरी करने के लिए अपनी मर्ज़ी के साथ इस्तेमाल कर सकेंगे।
इस अवसर पर श्री सुनील दत्ती विधायक क्षेत्र उत्तरी की तरफ से मुख्य मेहमान का स्वागत किया व संस्था को आश्वासन दिलाया कि उनका जो भी सरकारी कार्य होगा उसको प्राथमिक्ता के तौर पर किया जाएगा ।
इस अवसर पर संबोधित करते डा. गुरबिलास सिंह पन्नू, डा. अमिताब मोहन जैरथ व डा. सोलन अस्थाना ने स्पष्ट किया कि काला पीलिया लीवर की बीमारी है और यह एक वायरस है, जो कि एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति को ख़ून के द्वारा फैलता है, न कि गंदे पानी के साथ। उन्होंने बताया कि इस बीमारी का ईलाज अब संभव है और पहले की अपेक्षा सस्ता भी है, सो बीमारी की सूरत में विशेषज्ञ डाक्टर के पास से ईलाज करवा कर कीमती जान बचाई जा सकती है। डाक्टरों की तरफ से इस अवसर पर स्वास्थ मंत्री को विशेष तौर पर सम्मानित भी किया गया। इस अवसर पर डिप्टी कमिशनर स. कमलदीप सिंह संघा, कमिशनर पुलिस श्री एस श्रीवास्तव, डा. एच. पी. सिंह, प्रिंसिपल जगदीश सिंह, डा. अरुण चोपड़ा, डा. रविन्द्र सिंह, रोबिन्द्र सिंह रोबिन, डा. जगतेश सिद्धू, डा. विकास गुप्ता व अन्य डाक्टरों ने भी संबोधित किया। इसके अतिरिक्त इस अवसर पर श्रीमती दीप पन्नूं, सहायक कमिशनर मैडम अलका कालिया, प्रिंसिपल डा. सुजाता शर्मा, सिवल सर्जन डा. हरदीप सिंह घई, जि़ला सेहत अफ़सर स. लखबीर सिंह भागोवालिया व अन्य उपस्थित थे।