अमृतसर ( हिमांशु ) : रीढ़ की हड्डी की दर्द व् इलाज के बारे विष्व भर में प्रसिद्ध डॉक्टर्स की संस्था एसोसिएशन ऑफ़ स्पाइन सर्जन ऑफ़ इंडिया की और से अमृतसर में करवाई जा रही है तीन रोज़ाना वर्कशॉप (इंस्ट्रक्शनल कोर्स इन स्पाइन 2018) के उद्धघाटन समागम के मोके पर इकठे हुए डॉक्टरों ने अब तक की गयी खोज और अपने तज़ुर्बे साँझ करते हुए कहा की रीढ़ की हड्डी के दर्द को अनदेखा करने से बढ़ी समस्या बन सकती है। उन्होंने बताया की भारत में ज़ादा समय बैठे रहना या बैठ के ज़ादा करने मजबूरी कारण यह समस्या बढ़ रही है।
इस मोके पे मुख मेहमान शामिल हुए बाबा फरीद सेहत साइंस यूनिवर्सिटी के उप डॉ. राज बहादर ने कहा की नौजवान के साथ साथ बच्चों में बढ़ रही रीढ़ की हड्डी की दर्द गंभीर समस्या बनती जा रही है , इस का मुख्य कारण हमारा आलसी किसम का जीवन है, जिस में काम के लिए लम्बे समय के लिए बैठना पड़ता है और कसरत करने की रूचि भी बहुत काम है। उन्होंने कहा की रीढ़ की हड्डी की दर्द के साथ काम करने की समर्था कम हो जाती हैं , वही इंसान छोटी उम्र में बूढ़ा हो जाता है। इस लिए ज़रूरी है की रीढ़ की हड्डी की दर्द को हलके में न लेने के बजाए घरेलू नुक्से अपनाये या माहिर डॉक्टरों से इलाज करवाया जाये।
डॉक्टरों ने बताया की भारत में बैठने के गलत ढंग , मोटापा , कास्त्रत में कमी आदि कारण लगभग 28 प्रतिशत नौजवान रीढ़ की हड्डी की दर्द से परेशान है , जो की बहुत बड़ी गिनती है। इस मोके पे विशेष मेहमान के ररूप में डिप्टी कमिश्नर कमलदीप सिंह संघा ने डॉक्टरों की और से कॉन्फ्रेंस के लिए गुरु नगरी को चुने के लिए धन्यवाद किया। उन्होंने कहा की हमारे लिए ख़ुशी की बात है की देश भर में डॉक्टर इस कॉन्फ्रेंस में हिंसा लेने के लिए अमृतसर पहुंचे है , जिस का बहुत बड़ा लाभ हमारे डॉक्टरी पेशे से जुड़ा जिसका फयदा इस बीमारी से पीड़ित लोगो को मिलेगा। कॉन्फ्रेंस में चेयरमैन डॉ. शंकर आचार्य , डॉ.आर.एस चाहल , डॉ. बी.एस वालिआ, डॉ. अनिल और सीनियर डॉक्टर मौजूद थे।