जालंधर : पंजाब इंस्टीच्यूट आफ मेडिकल साइंसिका (पिम्स) में मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया के तत्वाधान में आई.एस.आर.पी.टी पंजाब चेप्टर के सहयोग से पिम्स के फार्माकॉलॉजी विभाग की ओर से सीएमई का आयोजन किया। मेडिकल रिसर्च में नेतिक मद्दों और दायित्व के विषय में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का आगाज पिम्स की डायरेक्टर प्रिंसीपल डा. कुलबीर कौर, पंजाब मेडिकल काउंसिल के डा. कपिल गुप्ता और फार्माकॉलॉजी विभाग की प्रमुख डा. जगमिंदर कौर बजाज की ओर से द्वीप प्रज्जवलित करके किया गया।
इस अवसर पर पिम्स की डायरेक्टर प्रिंसीपल डा. कुलबीर कौर ने कहा कि आई.एस.आर.पी.टी पंजाब चेप्टर और पिम्स की ओर से करवाई गई सीएमई का विषय बहुत ही गंभीर है । पंजाब के अलावा अन्य राज्यों से आए डाक्टरों की ओर से मेडिकल रिसर्च में नेतिक मुद्दों के बारे में विस्तार से विचार विमर्श किया गया। उन्होंने बताया कि मेडिकल रिसर्च में हमारे नियम और दायित्व क्याहै ? इस प्रकार की सीएमई डाक्टरों के अलावा भविष्य के डाक्टरों के लिए भी फायदेमंद होती है।
पिम्स के रेजिडेंट डायरेक्टर श्री अमित सिंह ने बताया कि सीएमई से कई प्रकार की जानकारिया प्राप्त होती है और काफी कुछ सीखने को मिलता है। नई-नई खोजों के बारे में पता चलता है। उन्होंने आगे बताया कि भविष्य में भी इस प्रकार की सीएमई जारी रहेंगी। डीएमसी लुधियाना से आए डा.संदीप कौशल ने रिसर्च पर नेतिक मुद्दों के बारे में विस्तर पूर्वक बताया। इसी प्रकार पी जी आई चंडीगढ़ के डा. पीएल शर्मा ने क्लीनिकल शोध में हितधारकों का दायित्व, पीजी आई चंडीगढ़ के डा.समीर मल्होत्रा ने क्लीनिक शोध में नेतिकता का अवलोकन, डा. नुसरत शफीक नेवर्तमान क्लीनिक परीक्षण नियम और मेरठसे आए डा.पी.पी खोसला ने आई.ई.सी के निरीक्षण और पंजीकरण विषय पर विस्तार से विचार विमर्श किया। इस अवसर पर पिम्स के वाइस प्रिंसीपल डा.राजीव अरोड़ा के अलावा पिम्स के एम.बी.बी.एस के छात्र और पिम्स केअन्य डाक्टर उपस्थित थे।