अमृतसर और जालन्धर में नगर निकाये में 500 करोड़ रुपयों की विसंगतियों

जालन्धर : स्थानीय सरकार मंत्री पंजाब श्री नवजोत सिंह सिद्धू ने आज कहा कि विभाग द्वारा आयोजित लेखापरीक्षा ने पिछले दस वर्षों के दौरान अमृतसर और जालन्धर में नगर निकाया में 500  करोड़ रुपयों की विसंगतियों का पता लगाया है। जालन्धर इम्प्रूवमेंट ट्रस्ट कार्यालय में अचानक निरिक्षण करने के उपरान्त स्थानीय सर्किट हाउस में मीडिया के साथ बातचीत करते हुए मंत्री ने कहा कि अमृतसर के स्थानीय निकाये के लेखा परीक्षा में 225 करोड रुपये की अनियमितताओं का पता चला है, जबकि जालन्धर में 250 करोड रुपये से ज्यादा विसंगतियों का पता चला है , जिसमें स्थानीय रूप से 120 विस्थापित व्यक्तियों (एलडीपी) की फाइलें भी  शामिल हैं। उन्होंने कहा कि पिछले दस वर्षो के दौरान शिरोमणि अकाली दल-बीजेपी गठबंधन सरकार के शासन के दौरान नगर निगमों और सुधार ट्रस्ट इन नगर निकायों का भ्रष्टाचार की गढ बन गये थे , जहां अनियमितताएं और घोटाले दिनचार्य थे।

उदाहरणों का हवाला देते हुए मंत्री ने कहा कि नागरिक निकाय अभी भी 500 वर्ष पुरानी एकल प्रविष्टि प्रणाली का पालन कर रहे हैं, जिसे लगभग 450  वर्ष पहले पश्चिमी देशों ने छोड़ दिया था, क्योंकि  यह चोरी की सुविधा के लिए एक सरल रास्त था। उन्होंने कहा कि इस तरह नगर निकायों द्वारा कैश बुकों को रोजाना ना भरने के वजाये सप्ताहिक और मासिक तौर पर भरी  जाती हैं। श्री सिद्धू ने कहा कि इन शहरों में प्रमुख संपतियों को या तो अतिक्रमण करने की अनुमति दी गई थी या बिना किसी उचित समझौते के कुछ लोगों को लाभ पहुंचाने के लिए पट्टे पर दिया गया था।

उन्होने कहा कि सबसे बडी धोखाधडी समृद्ध लोगों को लाभ पहुंचाने के लिए राज्य सरकार द्वारा सीमांकन की गलत व्याख्या थी। उन्होंने कहा कि ना केवल गलत दरों को लागू किया गया था बल्कि कुछ लोगों को अधिक क्षेत्र के प्लाट(भूमि) आवंटित किया गये थे। एक चौंकाने वाला रहस्योद्घाटन करते हुए श्री सिद्धू ने यह भी कहा कि यहां तक कि अधिकारियों ने भी खाली टिकटों वाले पेपरों पर हस्ताक्षर किए और कुछ लोगों को लाभ पहुंचाने के लिए बैंकों में जमा कर दिया। उन्होने आगे बताया कि 40-50  प्रतिशत रिकार्ड जो उपलब्ध था ओडिट विभाग  द्वारा लेखापरीक्षा करने के उपरान्त 500 करोड रुपये की विसंगतियों पाई गई जबकि शेष रिकॉर्ड ऑडिट विभाग को प्रदान नहीं किया गया है और इस संबंधी प्रक्रिया चल रही है। उन्होंने अधिकारियों / कर्मचारियों को चेतावनी दी की आने वाले समय में रिकॉर्ड प्रस्तुत नहीं करेंगे तो उनके विरुध कठोर कार्रवाई की जाएगी। श्री सिद्धू ने स्पष्ट रूप से कहा कि इन विसंगतियों के लिए किसी भी दोषी किसी भी कीमत पर सहन नही किया जाएगा और उनके खिलाफ सख्त-से-सख्त  कार्रवाई की जाएगी।

भविष्य में ऐसी विसंगतियों की जांच में राज्य सरकार द्वारा शुरू किए जाने वाले उपायों के बारे में मंत्री ने कहा कि ई-शासन इसके लिए अंतिम समाधान था। उन्होंने कहा कि राज्य की सभी इमारतों का पूरा मैपिंग रिकार्ड है और कहा कि सभी सरकारी संपतियों को जल्द ही कमप्यूटरीकृत किया जाएगा। श्री सिद्धू ने कहा कि राज्य सरकार ने न1शे और भवनों की योजनाओं के लिए ऑनलाइन स्वीकृति शुरू कर दी है, जो इस उद्देश्य के लिए पूरे राज्य से 450 आर्किटेक्ट पंजीकृत हैं। उन्होने आगे कहा कि विभाग यह सुनिश्चित करना चाहता है कि आगामी मार्च तक60 सेवाएं ऑनलाइन की गईं ताकि एक पारदर्शी और कुशल तंत्र विकसित किया जा सके। इसी प्रकार, उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में राज्य के सभी नगर निकायों का लेखापरीक्षा आयोजित की जाएगी। श्री सिद्धू ने कहा कि घर को व्यवस्थित करने के लिए उचित ध्यान दिया जा रहा था ताकि करदाताओं के पैसे का उचित रूप से शहरों और कस्बों के विकास के लिए उपयोग किया जा सके। इस अवसर पर, विधायक श्री प्रगट सिंह, श्री राजिंदर बेरी और श्री बावा हेनरी, महापौर जालन्धर श्री जगदीश राज राजा, निर्देशक स्थानीय सरकार श्री कर्णेश शर्मा, आयुक्त नगर निगम श्री दीपरवा लाकरा, सहायक आयुक्त सुश्री आशिका जैन और अन्य भी उपस्थित थे।

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