अमृतसर / मुंबई ( सविंदर सिंह ) पंजाब की पंजाबीयत हमेशा रंग लाई है चाहे वो किसी भी तरह का काम हो, पंजाब के शहर अमृतसर से बहुत सारे कलाकारो ने अपनी कला से दर्शको को मोहित किया है चाहे वो अदाकार, निर्देशक, निर्माता या लेखक हो सब लोगो ने अपनी भूमिका अच्छे तरीके से निभाई है और निभाते नज़र भी आ रहे है।
अमृतसर के ही रहने वालो है मदन पाल जिन्होंने अपनी कलम से आज तक जो भी लिखा है उसको सब लोगो ने पूरा संमान दिया है। मदन पाल कुछ वर्षो से मुंबई मायानगरी में रह रहे और बहुत सारी हिंदी फिल्मो के लिए गीत लिखकर अपना ही नहीं बालिके आपने पंजाब का नाम भी रोशन करते आ रहे, बहुत सारे गीत आज भी लोगो की जुबान पे है जो गुनगुनाते हुए नज़र आते है जिसमे बहुत सारी फिल्मे है जो मदन पाल के गीतों की वजह से हिट नहीं बालिके सुपर हिट हुई है जिसमे आशकी, ( दिल का आलम मैं क्या बतायो तुम ) सलामी ( चेहरा क्या देखते हो दिल में उत्तर कर देखो ना ) इसके इलावा बहुत सारे गीत अपनी कलम से लिखकर दर्शको के दिल पे राज कर रहे है।
गीत के साथ साथ बहुत सारी किताबे मार्किट में आ चुकी है जिनकी नज्मे लोग आज भी याद करते है कुछ दिन पहले मदन पाल जी द्वारा एक किताब लिखी गयी है जिसका नाम ” खवाबो के पंछी” है जिसको वावी प्रकाशन के द्वारा छापा गया है। इस किताब के कुल 112 पेज है जिनमे मदन पाल द्वारा लिखी गयी नज्मे एक से बढ़कर एक है। इस किताब को मायानगरी मुंबई में बॉलीवुड की बहुत साड़ी महान हस्तियों ने आपने हाथो से रिलीज किया जिसमे प्ले बेक सिंगर शान, जतिन, सुरेश वाडेकर, अनूप जलोटा , विजय गौतम, ललित पंडित, अंकित तिवाड़ी के इलावा बहुत सारे कलाकार भी उपस्तिथ हुए। इस अवसर पे सब आये हुए कलकारो के मदन पाल द्वारा लिखी ये किताब खवाबो के पंछी की जमकर पसंसा की।