जालन्धर : काऊंटर इंटेलिजेंस जालंधर ने नशों के खिलाफ चलाई मुहिम को आगे बढाते हुए आज विंग ने दो सगे भाइयों को नशीले पदार्थों की सप्लाई करने के मामले में गिरफ्तार किया है, जोकि सफेद सैंट्रो जिंग कार में लोहे के कड़े के बंडलों के नीचे छुपा कर मध्य प्रदेश और राजस्थान से पंजाब में अफीम तस्करी कर रहे थे। इस गिरफ़्तारी से कैप्टन अमरिन्दर सिंह के नेतृत्व वाली सकरार को पंजाब के नशीले पदार्थों के खिलाफ मुहिम को बडा उत्साह मिला है।
इस अवसर पर ए.आई.जी काउन्टर इंटैलीजैंस श्री एच.पी.एस खख ने मीडिया को बताया कि यह दोनों भाई अंतरराष्ट्रीय स्तर के नशीले पदार्थों के गिरोह का अहम अंग हैं जो कोरियर सेवाओं के द्वारा, कड़ाहियों में नशीले पदार्थों को छुपा कर कैनेडा में तस्करी कर रहे थे।
उन्होने बताया कि उनकी टीम इस अंतरराष्ट्रीय नशीले पदार्थों की तस्करी गिरोह के भारतीय लिंक का पीछा कर रही थी, और उनको आज भरोसेयोग सूत्रों ने बताया कि मनप्रीत सिंह (29 ) और कमलजीत सिंह (33 ) निवासी गाँव वारपाल अमृतसर के दो भाइयों की तरफ से पिछले कई सालों से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नशो की तस्करी कर रहे थे और आज यह दोनों भाई जी.टी रोड (फिलौर-गोराया) पर सफेद सैंट्रो जिंग कार नंबर (PB02 BG 8677 ) में आ रहे थे और वह लोहे के कड़े के बंडलों के नीचे बडी मात्रा में अफीम छुपा कर ले जा रहे थे। खख ने बताया कि यह सूचना जालंधर ग्रामीण पुलिस के प्रमुख श्री नवजोत माहल के साथ सांझी की और जिस के बाद एक गोरायआं पुलिस की टीम और काउन्टर इंटेलिजेंस जालंधर की सांझी टीम की तरफ से जी.टी रोड (फिलौर-गोराया)पर भारी नाकाबंदी की गई और नाकाबंदी के दौरान एक सफेद सैंट्रो जिंग कार नंबर (क्कक्च०२ क्चत्र ८६७७) की चैकिंग के लिए रोका जिस को यह दोनों भाई चला रहे थे।
कार की जांच दौरान 7.5 किलो अफीम के 2 पैकेट मिले और दोनों भाइयों को पुलिस की हिरासत में ले लिया गया। इन दोनों भाइयों के खिलाफ गोराया पुलिस स्टेशन में 18, 25/61/85 एन.डी.पी.एस एक्ट के अंतर्गत मामला दर्ज किया गया।
खख ने बताया कि यह दोनों भाई अमृतसर में लोहे के कड़े बनाने की फैक्ट्री चलाते थे। यह दोनों लोहे के कड़े को धार्मिक मेलों और भारत अलग-अलग राज्य के गुरुद्वारों में सप्लाई करते थे। खख के बताया कि एक भाई मनप्रीत महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश में ट्रक ड्राईवरों के संपर्क में आ गया जिन्होने मनप्रीत को पंजाब में नशों की सप्लाई करने को कहा जिससे वह आसानी से पैसे कमा सके।
खख ने बताया कि 2010 में मनप्रीत को राजस्थान पुलिस ने 500 ग्राम अफीम के साथ बस में गिरफ़्तार किया था और बाद में जेल में रहा था। उन्होने बताया कि इस केस में वह चितोरगढ़ से अफीम ला कर पंजाब में सप्लाई करने लग पड़ा। फिर इस को एक ओर नशे के केस में 6 साल की सजा हुई और जेल हो गई फिर यह राजेश नाम के व्यक्ति के संपर्क में आया और नशे का काम शुरू कर दिया। उन्होने के बताया कि 2016 में उन्होने सैंट्रो कार खरीदी और उसकी सीट के नीचे दो बडे बो1स बनावा कर उस में अफीम को डाल कर स्पलाई करते थे और बो1स पर लोहे के कड़े रख लेते थे ताकि किसी को शक न हो । खख ने बताया कि पंजाब के मुख्य मंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह के दिशा निर्देशों में नशे के खिलाफ चलाई गई यह मुहिम पंजाब में नशे को खत्म करके ही रहेगी।