दिल्ली : तीन-दिवसीय 71वाँ वार्षिक निरंकारी सन्त समागम 24 नवम्बर, 2018 से आयोजित किया जा रहा है। सद्गुरु माता सुदीक्षा जी महाराज ने समागम स्थल पर तैयारियों का उद्घाटन 14 अक्तूबर को किया। तभी से 4000 से भी अधिक सन्त निरंकारी सेवादल के सदस्य तथा अन्य श्रद्धालु भक्त प्रत्येक दिन सेवा कर रहे हैं। इनमें दिल्ली और हरियाणा के अलावा देश के अन्य भागों से आकर भी भक्त सेवा कर रहे हैं। इस वर्ष पहली बार यह समागम सन्त निरंकारी मिशन की अपनी भूमि ’सन्त निरंकारी आध्यात्मिक स्थल’ जी.टी. रोड, समालखा में आयोजित किया जा रहा है जो कि 600 एकड़ से भी अधिक क्षेत्र में फैला हुआ है। आज कल जी.टी. रोड से आने जाने वाले यात्री इस शामियानों की चमकती हुई नगरी को देख सकते हैं।
समागम के प्रबन्ध के लिए सन्त निरंकारी मण्डल की कार्यकारिणी समिति को ही समागम समिति का रूप दिया गया है। इसके महासचिव श्री वी. डी. नागपाल जी को समागम के लिए संयोजक ;ब्ववतकपदंजवतद्ध की जिम्मेदारी दी गई है। केन्द्रीय योजना तथा सलाहकार बोर्ड के सदस्यों एवं सन्त निरंकारी सेवादल के केन्द्रीय अधिकारियों से भी इस समिति में सहयोग प्राप्त किया जा रहा है। प्रत्येक विभाग की सहायता के लिए कुछ विशेष समितियों का गठन भी किया गया है।मुख्य सत्संग पण्डाल के गिर्द विभिन्न विभागों के कार्यालय तथा मिशन की अन्य गतिविधियों के लिए स्थान बनाये जा रहे हैं। बसों तथा अन्य वाहनों की पार्किंग व्यवस्था भी सत्संग पंडाल से अधिक दूर नहीं है।
सत्संग पंडाल के पीछे पहली बार एक ही स्थान पर चार प्रर्दशनियां लगाई जा रही हैं। इनमें से मुख्य ’निरंकारी प्रदर्शनी’ का एक बहुत बड़ा भाग सद्गुरु माता सविन्दर हरदेव जी महाराज के जीवन एवं शिक्षाओं के प्रति समर्पित रहेगा। इसके अतिरिक्त यह प्रदर्शनी मिशन के इतिहास के साथ-साथ समागम, सद्गुरु की भारत तथा दूर देशों की कल्याण यात्राओं तथा समाज कल्याण की गतिविधियों को दर्शायेगी।संत निरंकारी चेरिटेबल फाउंडेशन द्वारा अपनी गतिविधियों को दुर्लभ माॅडलों तथा फोटो द्वारा एक अलग प्रदर्शनी में प्रस्तुत किया जायेगा। इसमें रक्तदान शिविर, वृक्षारोपण तथा सफाई अभियान तथा युवा एवं महिला सशक्तीकरण इत्यादि कार्यों को प्रदर्शित किया जायेगा। इसके साथ स्वास्थ्य एवं समाज कल्याण विभाग भी अपनी प्रदर्शनी लगायेगा।गत् वर्षों की भांति मिशन की चण्डीगढ़ शाखा द्वारा ’बाल प्रदर्शनी’ का आयोजन किया जायेगा। यह प्रदर्शनी बच्चों के द्वारा माॅडल तथा एनीमेशन के आधार पर तैयार की जा रही है। इसका उद्देश्य मिशन के सिद्धान्तों को बच्चों के दृृष्टिकोण से प्रदर्शित करना है।
समागम में भाग लेने के लिये बाहर से आने वाले भक्तों को सलाह दी गई हैं कि वे समागम स्थल के पास लगने वाले भोडवाल माजरी रेलवे स्टेशन पर ही उतरें। वहां सेवादल उनका स्वागत करेगा और उन्हें अपने रिहाइशी टेंटों तक पहुंचायेगा। रेलवे द्वारा पहले ही यह आदेश जारी कर दिया गया है कि 10 नवम्बर से लेकर 5 दिसम्बर, 2018 तक सभी मेल तथा एक्सप्रेस गाड़ियां 2 मिनट के लिये भोडवाल माजरी स्टेशन पर रूकेंगी।इसके अलावा जो श्रद्धालु भक्त पानीपत रेलवे स्टेशन पर उतरेंगे, उनके लिये समागम कमेटी की ओर से विशेष बसों का प्रबंध किया गया है जिसमें भक्तों को किराया नहीं देना पड़ेगा। दूर देशों से आने वाले प्रतिनिधियों को दिल्ली हवाई अड्डे से निरंकारी कालोनी तक बसों द्वारा लाया जायेगा जहां उन सबके लिये ठहरने का प्रबंध किया गया है। समागम के दौरान उन्हें समालखा समागम स्थल पर ले जाने के लिए व सायं वापसी के लिए समागम कमेटी की ओर से बसें लगाई जायेंगी। मण्डल के ट्रांसपोर्ट विभाग ने समागम के लिये लगभग 100 बसों की व्यवस्था की है।
ट्रांसपोर्ट विभाग की ओर से एक हेल्पलाईन नम्बर भी जारी किया जा रहा है। नम्बर है 011-43188666। यह हेल्पलाईन 20 नवम्बर से 28 नवम्बर, 2018 तक उन सभी महात्माओं के लिए उपलब्ध रहेगी जो समागम में भाग लेने के लिए बाहर से आयेंगे और हवाई अड्डे, दिल्ली के रेलवे स्टेशनों तथा आई.एस.बी.टी. पर उतरेंगे। दिल्ली के रेलवे स्टेशन हैं – पुरानी दिल्ली, नई दिल्ली, हज़रत निज़ामुद्दीन, आनंद विहार, सराय रोहेला और सब्ज़ी मण्डी। आई.एस.बी.टी. हैं काशमीरी गेट, आनंद विहार और सराय काले खाँ। इनके अलावा जो श्रद्धालु भक्त भोडवाल माजरी तथा पानीपत रेलवे स्टेशनों पर उतरेंगे, यह सुविधा उनके लिए भी उपलब्ध रहेगी। इस प्रकार ट्रांसपोर्ट विभाग ऐसे सभी भक्तों की सहायता कर सकेगा जिन्हें वाहनों की ज़रूरत होगी।सन्त निरंकारी मण्डल द्वारा हरियाणा सरकार के सहयोग से बिजली, पानी, सीवरेज आदि की आवश्यक जरूरतों के लिये व्यापक व्यवस्था की गई है। इसमें ट्रैफिक कंट्रोल, सुरक्षा व अग्निशमन की सुविधाएँ भी शामिल है।
समागम स्थल पर प्रत्येक मैदान में लंगर के बनाने व वितरण करने की समुचित व्यवस्था की गई है। इसके अलावा सभी मैदानों में लगभग 20 कैन्टीनों की व्यवस्था की गई है जहां पर खान पान की सामग्री, चाय, काॅफी, शीतल पेय तथा अन्य खाद्य पदार्थ उपलब्ध होंगे। मिनरल वाॅटर भी इन कैंटीनों में उपलब्ध होगा। लंगर तथा कैंटीनों में हर प्रकार से सफाई का विशेष ध्यान रखा जा रहा है। लंगर स्टील की प्लेटों में परोसा जायेगा। चपाती बनाने के लिए दो मशीनों का प्रबंध किया गया है। अन्य सेवाएं सेवादल के सदस्यों तथा अन्य श्रद्धालु भक्तों द्वारा की जायेंगी।
प्रकाशन उत्पादन एवं वितरण विभाग द्वारा 13 स्टाॅल लगाये जायेंगे जिनमें दो स्टाॅल सन्त निरंकारी काॅलोनी में होंगे। यहां से श्रद्धालु भक्त मिशन का साहित्य, फोटो, डी.वी.डी., डायरी, कैलेंडर तथा अन्य सामग्री प्राप्त कर सकेंगे।पत्रिका विभाग भी नए सदस्यों के पंजीकरण के लिए अपना कार्यालय समागम स्थल पर स्थापित करेगा। इस अवसर पर पत्रिका विभाग द्वारा एक विशेष स्मारिका भी प्रकाशित की जा रही है जिसका शीर्षक है ’मर्यादा’। इसमें हिन्दी, पंजाबी और अंग्रेजी भाषाओं में लेख शामिल किये जायेंगे।
सन्त निरंकारी मण्डल के स्वास्थ्य एवं समाज कल्याण विभाग की ओर से समागम के दौरान श्रद्धालु भक्तों की स्वास्थ्य से संबंधित समस्याओं के समाधान के लिये 14 डिस्पेंसरियाँ कार्य करेंगी जिनमें कुल 85 बिस्तरों का भी प्रबंध किया जायेगा। इनके अतिरिक्त 11 प्राथमिक सहायता केन्द्र, 18 एम्बुलेंस (जिनमें छः 102 एम्बुलेंस सम्मिलित हैं) भी उपलब्ध रहेंगी। गम्भीर अवस्था में मरीजों को निकट के पानीपत, सोनीपत एवं दिल्ली के सरकारी अस्पतालों में पहुंचाने का प्रबंध भी किया गया है।गत वर्ष की भांति इस वर्ष भी समागम में 60 अन्तर्राष्ट्रीय डाॅक्टरों की टीम आर्थोपेडिक मरीज़ों के लिए कायरो चिकित्सा पद्धति का अपना शिविर आयोजित करेगी।
समागम स्थल पर रेलवे आरक्षण तथा बुकिंग के लिये 6 काऊंटर कार्य करेंगे। लेखा जोखा विभाग द्वारा 14 ए.टी.एम. मशीनों का प्रबंध किया गया है। इसके अलावा एक चलता फिरता ए.टी.एम. भी होगा। आॅन लाइन भुगतान के लिए 50 स्वाइप मशीनों का भी प्रबंध किया गया है। इन सभी सुविधाओं के लिये विभाग द्वारा पंजाब नेशनल बैंक, बैंक आॅफ इण्डिया, येस बैंक तथा आई.सी.आई.सी.आई. बैंक से सहयोग प्राप्त किया गया है।
समागम का मुख्य विषय
इस वर्ष निरंकारी संत समागम मिशन के पूर्व सद्गुरु माता सविंदर हरदेव जी के जीवन व उनकी शिक्षाओं को समर्पित होगा जिन्होंने 5 अगस्त, 2018 को अपने नशवर शरीर का त्याग किया था। कहा गया है – माँ सविन्दर – एक रोशन सफर। जब से उनका विवाह 1975 में बाबा हरदेव सिंह जी से हुआ तब से पूर्ण रूप से उन्होंने अपना जीवन मिशन व सद्गुरु की सेवा के लिए समर्पित कर दिया था। सद्गुरु बाबा हरदेव सिंह जी महाराज ने 36 वर्षों तक मिशन का मार्गदर्शन किया और इस दौरान माता सविन्दर जी ने बाबा जी के साथ कन्धे से कन्धा मिलाकर कार्य किया।
13 मई, 2016 को सद्गुरु बाबा हरदेव सिंह जी महाराज का कनाडा में एक कार दुर्घटना में अकस्मात् निधन हो जाने के उपरान्त माता सविन्दर जी ने मिशन के सद्गुरु के रूप में ज़िम्मेदारी सम्भाली तो उन्होंने निरंतर देश व दूर देशों में मिशन का प्रचार उसी गति के साथ किया जिस प्रकार बाबा जी के समय में हो रहा था। उनका कहना था कि हम ब्रह्मज्ञान को अपने कर्म में ढालें ताकि हमारे जीवन में प्यार, दया, करुणा, शान्ति, सहनशीलता, समदृष्टि, विशाल हृदय, क्षमाशीलता, भाईचारा और एकता जैसे गुण झलकते दिखाई दें। उनकी अकांक्षा थी कि मिशन का प्रत्येक श्रद्धालु भक्त दूसरों के लिए एक आदर्श बने। उनका विश्वास था कि कर्म की आवाज़ शब्दों से भी अधिक होती है।
समागम के मुख्य कार्यक्रम
समागम का शुभारंभ दोपहर लगभग 1.00 बजे सद्गुरु माता सुदीक्षा जी महाराज के समागम स्थल पर आगमन के साथ होगा। समागम कमेटी के सदस्यों द्वारा समस्त साध संगत की ओर से स्वागत के उपरांत सद्गुरु माता जी की अगुवाई एक शोभायात्रा के रूप में मुख्य मंच तक की जायेगी। मिशन के हजारों अनुयायी उनका उद्घोष द्वारा अभिवादन करेंगे और सद्गुरु माता जी अपने दिव्य आशीर्वाद प्रदान करेंगे। सद्गुरु माता जी मुख्य मंच पर आसीन होते ही मानव के नाम संदेश देंगे और समागम के प्रथम दिवस का कार्यक्रम आरम्भ हो जायेगा। सत्संग कार्यक्रम सायं 8.00 बजे सद्गुरु माता जी के आशीर्वचनों के साथ सम्पन्न होगा।
दूसरे दिन का मुख्य कार्यक्रम होगा सेवादल रैली जिसका समय है प्रातः 10.00 बजे से दोपहर 12.00 बजे तक। इस रैली में सेवादल के देश व दूर देशों से आये हजारों पुरूष तथा महिलायें भाग लेंगी। सेवादल रैली के उपरांत सत्संग कार्यक्रम दोपहर 1.00 बजे से सायं 8.00 बजे तक चलेगा और सद्गुरु माता सुदीक्षा जी महाराज के प्रवचनों के साथ सम्पन्न होगा।
अंतिम दिवस का कार्यक्रम दोपहर 1.00 बजे से सायं 8.30 बजे तक होगा जिसमें 3.00 बजे से 5.00 बजे तक एक बहुभाषीय कवि सम्मेलन होगा। इसमें करीब 30 कवि महात्मा अपनी रचनाएं प्रस्तुत करेंगे। कवि सम्मेलन का विषय हैः
रोशन सफर जी के खुद माँ सविन्दर
जीने का ढंग हम को सिखला गये
समाज कल्याण
आध्यात्मिक जागरूकता के अतिरिक्त मिशन समाज कल्याण के कार्यों में भी अपना योगदान दे रहा है। आज मिशन भारत की स्वेच्छा से रक्तदान करने वाली अग्रिम संस्थाओं में से एक है। वर्ष 1986 से आरम्भ होकर मिशन के द्वारा देश भर में अब तक 5832 रक्तदान शिविर लगाये जा चुके हैं जिनमें 10,02,018 यूनिट रक्तदान किया गया। गत वर्ष मिशन ने 514 रक्तदान शिविर आयोजित किये जिनमें 83,341 यूनिट रक्तदान किया गया। इस वर्ष अप्रैल से अब तक 272 शिविर लगाये जा चुके हैं जिनमें 49,516 यूनिट रक्तदान किया गया।
मिशन के द्वारा देश में चार धर्मार्थ अस्पताल, 133 डिस्पैंसरियां तथा 9 पैथोलौजीकल प्रयोगशालाएं चलाई जा रही हैं। अस्पताल कोलकाता, चेन्नई, दिल्ली और आगरा में स्थित हैं जबकि डिस्पैंसरियाँ देश भर में फैली हुई हैं। मिशन का विले पार्ले मुम्बई में एक ब्लड बैंक भी काम कर रहा है। मिशन द्वारा समय-समय पर आँखों के आॅपरेशन, स्वास्थ्य जाँच और हृदय जाँच आदि के लिए भी शिविर आयोजित किये जाते हैं। दिल्ली में सन्त निरंकारी हेल्थ सिटी का भी निर्माण किया जा रहा है।
इसी तरह मिशन दो काॅलेज और 19 स्कूल दिल्ली तथा देश के अन्य स्थानों में चला रहा है। विधवाओं तथा जरूरतमंद महिलाओं को स्वावलम्बी बनाने के लिए मिशन 54 सिलाई-कढ़ाई प्रशिक्षण केन्द्र चला रहा है। इसके अतिरिक्त युवाओं के उत्थान के लिए विभिन्न व्यवसायिक कोर्स जैसे कम्प्यूटर प्रशिक्षण तथा संचार कौशल भी उपलब्ध कराये जा रहे हैं।
वर्ष 2003 से प्रतिवर्ष मिशन के श्रद्धालु भक्त 23 फरवरी को देश और दूर देशों में वृक्षारोपण तथा सफाई अभियान का आयोजन करते आ रहे हैं। वर्ष 2010 से समाज कल्याण की गतिविधियाँ सन्त निरंकारी चेरिटेबल फाउंडेशन के तत्वावधान में आयोजित की जा रही हैं।