जालन्धर : जिले में भिक्षा मांगने की प्रवृति को समाप्त करने के लिए जिला प्रशासन शहर में भिक्षा विरोधी मुहिम शुरू करने के लिए पूरी तरह से तैयार है। यह फैसला डिप्टी कमिशनर वरिन्दर कुमार शर्मा की अध्यक्षता में जिला प्रशासकीय कॉम्प्लेक्स में हुई एक उच्च स्तरीय मीटिंग के दौरान लिया गया। मीटिंग के दौरान डिप्टी कमिशनर, सिविल जज (सीनियर डिविजन)-कम -सचिव जिला कानूनी सेवा अथारटी जापइन्द्र सिंह, अतिरिक्त डिप्टी कमिशनर पुलिस सचिन गुप्ता और के.एस.हीर ने कहा कि भिक्षा मांगना शहर में एक बड़ी समस्या बन गई है जिस को दूर करने की ज़रूरत है। उन्होने कहा कि शहर को भीखारियों से मुक्त बनाने के लिए हर संभव प्रयास किये जाएंगे।
उन्होने कहा कि सिविल और पुलिस प्रशासन भिक्षा मांगने वालों के विरुद्ध कानून के अनुसार कार्यवाही करेंगे। मीटिंग के दौरान उन्होंने यह भी बताया कि जो लोग बार-बार भिक्षा मांगने के आदी हो चुके हैं उनको 3 साल तक की सजा हो सकती है।
उन्होने आगे यह भी बताया गया कि जो लोग जबरदस्ती बच्चों को भिक्षा मांगने के लिए मजबूर करते हैं को 5 साल की सजा और जो लोग बच्चों के किसी शारीरिक अंग को नुक्सान पहुँचा कर भिक्षा मांगने के लिए उकसाते हैं उनको 7 साल की कैद और भारी जुर्माना किया जा सकता है। उन्होने कहा कि जिला भिक्षा विरोधी टास्क फोर्स की तरफ से नियमत तौर पर पुलिस के एंटी बैगिंग सकुऐड के साथ चलाई जा रही मुहिम का जायजा लिया जायेगा। उन्होने बताया कि इस दस्ता में सहायक सबइंस्पैकटर(महिला) और पाँच पुलिस कर्मचारी भी शामिल हैं। डिप्टी कमिशनर ने लोगों से अपील की कि वे भिखारियों को भिक्षा देकर भिक्षा मांगने के लिए उत्साहित ना करें। उन्होने आधिकारियों को कहा कि शहर में भिक्षा विरोधी मुहिम चलाने से पहले जागरूकता अ5िायान चलाया जाये।