जालन्धर : बच्चों के टीकाकरन प्रोगराम के अंतर्गत ए.ई.एफ.आई. (अडवरस ईवैंटस फोलोविंग इंमूनाईजेशन) टीकाकरन के बाद में होने वाले प्रभावों सम्बन्धित मीटिंग सिविल सर्जन जालन्धर डा. राजेश कुमार बग्गा की अध्यक्षयता में सिविल सर्जन जालन्धर में हुई। इस अवसर पर मीटिंग को संबोधन करते हुए सिविल सर्जन डा. राजेश कुमार बग्गा ने कहा कि टीकाकरन अभियान चुनौती भरा होता है इस लिए जब भी कोई बच्चा टीकाकरन सैशन /ममता दिवस और टीकाकरन के लिए आता है तो आशा /ए.एन.एम को टीकाकरन से पहले बच्चे की माता /रिश्तेदार को टीकाकरन के चार संदेश ज़रूर बताए जाएँ कि बच्चे को कौन सी वैक्सीन दी गई है और किस रोग से बचाव करती है, अगले टीकाकरन के लिए कब और कहाँ जाना है,कौन से प्रतिकूल प्रभाव हो सकते हैं और उस का किस तरह हल किया जा सकता है, टीकाकरन कार्ड को सुरक्षित रखा जाए और इस को अगले टीकाकरन के समय के साथ लाने सम्बन्धित बताया जाये।
उन्होनें आगे बताया कि इससे बच्चे की माता को पता होगा कि मेरे बच्चे को कौन सी वैक्सीन दी गई है। उन्होनें बताया कि सभी बच्चों के टीकाकरन से बाद कुछ बच्चों को कोई बुख़ार, उल्टी, टट्टियाँ या कोई ओर तकलीफ़ हो जाये तो आम लोगों की गलत धारणा हो जाती है यह बच्चे के टीकाकरन के कारण हुआ है जब कि बच्चे को इस टीकाकरन की वजह से नहीं बल्कि किसी अन्य कारण से भी हो सकता है क्योंकि सभी बच्चों को भी वही वैक्सीन दी गई होती है यदि फिर भी किसी बच्चे को समस्या आती है तो आशा /ए.एन.एम / बच्चों के रोगों के विशेषज्ञ मैडीकल अधिकारी के साथ तरुंत संपर्क किया जाये और सरकारी अस्पताल की सेवाएं ली जाएँ।
इस मीटिंग में ज़िला टीकाकरन अधिकारी डा. तरसेम लाल, ज़िला ऐपीडिमोलोजिस्ट डा. सतीश कुमार, डा. कश्मीरी लाल एम.डी सिविल अस्पताल जालन्धर,डा. संजीव कुमार एम.डी बच्चों के रोग के विशेषज्ञ सिविल अस्पताल नकोदर.डा.रवि खेड़ा एम.डी बच्चों के रोगों के विशेषज्ञ सिविल अस्पताल फिल्लौर,डा. प्रियंका भंडारी ए.एम.ओ नोडल अधिकारी,श्री अमरजीत सिंह ड्रग इंस्पेक्टर जालन्धर और ज़िला समूह शिक्षा और सूचना अधिकारी श्री किरपाल सिंह झल्ली उपस्थित थे।