कृषि विभाग ने किसानों को बासमती के लिए नौ कीटनाशक का उपयोग ना करने के लिए कहा

कल्याण केसरी न्यूज़ जालंधर: कीटनाशक मुक्त बासमती की खेती सुनिश्चित करके बासमती उत्पादकों के लाभ को बढाने के के उद्देश्य से, कृषि और किसान कल्याण विभाग ने गुरुवार को तंदुरुस्त पंजाब मिशन के अधीन खेरा मज्ज गांव में जागरूकता सैमिनार का आयोजन किया जिसमें किसानों को नौ अलग-अलग प्रकार के कीटनाशकों का उपयोग ना करने के लिए जागरूक किया गया। किसानों को संबोधित करते हुए, मुख्य कृषि अधिकारी डा। नजऱ सिंह ने कहा कि दुनिया भर में कीटनाशक मुक्त बासमती की भारी मांग है। उन्होंने कहा कि विभाग बासमती उत्पादकों को बासमती पोर्टल (basmati.in) पर पंजीकृत कर रहा है ताकि उत्पादित बासमती अंतरराष्ट्रीय गुणवता के अनुसार हो सके।

मुख्य कृषि अधिकारी ने कहा कि ऐसफेट, ट्रायजोफोस, थियामेथोकसम 25 प्रतिशत डबलल्यूजी, कार्बेन्डाजिम 50 प्रतिशत डबलल्यूपी , ट्राईसाइकिलजोल 75 प्रतिशत डबलल्यूपी बुप्रोफेजिन, कार्बो3यूरॉन, प्रोपिकोनाजोल और थिपैनेट मिथाइल सहित नौ कीटनाशकों का फसलों पर उपयोग नहीं किया जाना चाहिए। उन्होने आगे बताया कि यह उपरोक्त नौ कीटनाशक का प्रयोग सरकार की और से प्रतिबंधित किया गया है। उन्होंने कहा कि बासमती एक प्रमुख फसल है और इसके निर्यात की बड़ी संभावनाएं है ।

डॉ। नाजऱ सिंह ने यह भी बताया कि निर्यात केवल तभी सुनिश्चित किया जा सकता है जब फसल की गुणवता अच्छी हो और कीटनाशकों के अवशेषों से मुक्त हो। उन्होंने कहा कि अगर इन कीटनाशकों को बासमती पर छिड़का जाता है तो इसके अवशेष बासमती चावल में रह जाते हैं और जिसे निर्यात की गई बासमती वापस कर दी जाती है, जिससे किसानों का समय, धन और ऊर्जा बर्बाद होती है। डॉ। नाजऱ सिंह ने कि किसानों को सैमिनार में उपयोगी और हानिकारक कीड़ों के बारे में जागरूक किया।इस अवससर पर सहायक निर्देशक केंद्रीय कीट प्रबंधन केंद्र के डॉ राजिंदर सिंह और अन्य भी उपस्तित थे।

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