अब भारत सरकार की अधिकारित समिति ज़िलाधीश से चर्चा के बाद लेगी आखिरी फैसला

कल्याण केसरी न्यूज़ जालंधर, 29 सितम्बर- नागरिक सेवाएं प्रदान करने की दिशा में सुधार लाने की श्रेणी में प्रधानमंत्री पुरस्कार के आखिरी पड़ाव में जांलधर जिले ने प्रवेश कर लिया है। नागरिक सेवाओं में सुधार श्रेणी में दिए जाने वाले प्रधानमंत्री पुरस्कार के आखिरी दौर (पड़ाव – IV) में प्रवेश करते हुए ज़िला जालंधर ने समयबद्ध नागरिक केंद्रित सेवाओं को यकीनी बनाने से सम्बन्धित अपने प्रयत्नों को राष्ट्रीय स्तर पर सफ़लतापूर्वक पहचान दिलाई है। अब, भारत सरकार के कैबिनेट सचिव के नेतृत्व वाली अधिकारित समिति डिप्टी कमिशनर घनश्याम थोरी के साथ 02 अक्तूबर, 2020 को एक वीडियो कान्फ़्रेंस के जरिए इस पहलकदमी के बारे में विचार-विमर्श करेगी। समिति ज़िला प्रशासन की तरफ से सौंपी गई पावर प्वाईंट प्रैज़ेनटेशन का विशलेषण करने के बाद समयबद्ध नागरिक केंद्रित सेवाएं प्रदान करने में की गई पहलकदमियों, इसके प्रभाव और इसके लोगों को मिलने वाले लाभ के बारे में  विचार करेगी। समिति अपनी सिफारशों के बारे में सीधे प्रधानमंत्री को रिपोर्ट करेगी, जिसकी घोषणा बाद में प्रधानमंत्री की मंजूरी मिलने के बाद की जायेगी। जुलाई माह से समयबद्ध तरीके से नागरिक सेवाएं प्रदान करने में जालंधर ज़िला पंजाब में सबसे आगे है और अब तक सबसे कम पैंडैंसी रही है। डिप्टी कमिशनर ने बताया कि ज़िला प्रशासन की तरफ से पैंडैंसी को ख़त्म करने के लिए नागरिकों के फीडबैक के अलावा सेवा केन्द्रों के रोज़ाना के काम पर की निगरानी को यकीनी बनाने के लिए एक विस्तृत कार्ययोजना तैयार की है। उन्होंने कहा कि पेंडैंसी कम करने और समयबद्ध सेवाएं प्रदान करने को यकीनी बनाने के लिए यह अभ्यास कोरोना वायरस महामारी दौरान आरंभ किया गया है। 

ज़िलाधीश घनश्याम थोरी ने कुछ ही दिनों के अंदर-अंदर पैंडैंसी को कम करने और राज्य में सब से कम पैंडैंसी के लिए पूरी टीम को बधाई देते हुए कहा कि यह बहुत सम्मान वाली बात है कि हमारी टीम की तरफ से की गई सख़्त मेहनत को राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता दी गई है।  थोरी ने बताया कि नागरिक केंद्रित सेवाएं समयबद्ध तरीके से मुहैया करवाने के लिए प्रशासन की तरफ से कई प्रयास किये गए, जिनसे भारत सरकार की कमेटी भी प्रभावित हुई। उन्होनें कहा कि जालंधर पंजाब का अकेला ज़िला है, जिसने इस अवार्ड के लिए आवेदन दाखिल करने के बाद लम्बे समय तक इसमें खुद को बनाकर रखा है।

ज़िलाधीश ने कहा कि सेवा केन्द्रों की कार्यप्रणाली की लगातार निगरानी और कामकाज की साप्ताहिक समीक्षा की बदौलत नागरिक केंद्रित सेवाएं जल्द प्रदान करने को सुनिश्चित करने में बहुत मदद मिली है। उन्होनें कहा कि राज्य सरकार की तरफ से सेवा केन्द्रों को लोगों की सुविधा के लिए और उन्हें एक छत के नीचे 200  से अधिक नागरिक सेवाएं प्रदान करने के लिए खोला गया है और इस कार्य में किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

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