पंजाब के नौजवानों के लिए अपने हुनर में विस्तार करने का सुनहरी मौका: महात्मा गांधी नेशनल फैलोसिप के लिए अर्ज़ियाँ की माँग

कल्याण केसरी न्यूज़ अमृतसर ,19 मार्च : केंद्रीय हुनर विकास और उद्दमता मंत्रालय की तरफ से नौजवानों के हुनर को निखारने और विस्तार करन की पहलकदमी करते देश भर से महात्मा गांधी रास्टरी फैलोसपि (ऐम.जी.ऐन.ऐफ्फ.) के लिए अर्ज़ियाँ की माँग की गई। ऐम.जी.ऐन.ऐफ्फ. का मंतव्य हुनर विकास के द्वारा सरकारी कामकाज के विकेंदरीकरन के लिए ज़िला स्तरीय भारी ईकोसिस्टम को मज़बूत करना है। अपनी प्रशिक्षण दौरान फैलोज़ जलि्हा स्तर पर हुनर प्रोगरामों के विकास, प्रबंधन और तालमेल के लिए ज़िला हुनर समिति (डीऐससी) के लिए एक मज़बूत कड़ी होंगे जो रिसोर्स पर्सन के तौर पर काम करेंगे।इस सम्बन्धित जानकारी देते ज़िलाधीश गुरप्रीत सिंह ने बताया कि संकल्प के अंतर्गत ऐम.ऐस.डी.ई. की तरफ से महात्मा गांधी नेशनल फैलोसपि (ऐम.जी.ऐन.ऐफ.) के दूसरे पड़ाव की सुरूआत 9आई.आई.ऐमज़ के साथ अकादमिक भाईवालें के तौर पर की गई है जिन में आई.आई.ऐम. बंगलोर, आई.आई.ऐम. अहमदाबाद, आई.आई.ऐम. लखनऊ, आई.आई.ऐम. कोजीकोड, आई.आई.ऐम. विसाखापटनम, आई.आई.ऐम. उदैपुर, आई.आई.ऐम. नागपुर, आई.आई.ऐम. राँची और आई.आई.ऐम. जम्मू शामिल हैं।ज़िलाधीश ने बताया कि फैलोज की चयन आई.आई.ऐम. बंगलोर की तरफ से चल रही आम दाख़िला प्रक्रिया के द्वारा की जायेगी। आनलाइन अर्ज़ियाँ प्राप्त करन की आखिरी तारीख़ 27 मार्च, 2021 है। ऐम.जी.ऐन.ऐफ्फ. दो साला अकादमिक प्रोगराम है जिस में आई.आई.ऐम. में क्लासरूम सैसन के साथ ज़िला स्तर पर विसति्रत फील्ड सैशन शामिल हैं। फैलोज़ समूचे भारी ईकोसिस्टम को समझने के लिए अकादमिक महारत और तकनीकी कुसलता हासिल करेंगे और ज़िला हुनर विकास योजनाएँ (डी.ऐस.डी.पीज) बना कर ज़िला स्तर पर हुनर विकास योजनाओं के प्रबंधन के लिए ज़िला हुनर समिति (डी.ऐस.सीज़) की सहायता करेंगे। अर्ज़ी देने की आखिरी तारीख़ 27 मार्च 2021 है और अप्लाई करन सम्बन्धित और ज्यादा जानकारी http://www.iimb.ac.in /mgnf / लिंक के लिए जा सकती है।इच्छुक उम्मीदवारों के पास एक मान्यता प्राप्त यूनिवर्सिटी से कम से कम ग्रैजुएट डिगरी होनी चाहिए। वह भारत के नागरिक होने चाहिएं और उन की उम्र 21 -30 साल के बीच होनी चाहिए। इस के साथ ही उन्होंने के पास सूबो के क्षेत्रीय कामों में इस्तेमाल करी जाने वाली अधिकारत भासा में महारत होनी लाज़िमी है। फैलोज़ भारत सरकार के कर्मचारी नहीं होने चाहिए। चुने गए फैलोज़ को स्टाफिन के तौर पर उन की फैलोशिप के पहले साल 50,000 रुपए प्रति महीना और दूसरे साल 60,000 रुपए प्रति महीना दिया जायेगा। प्रोगराम मुकम्मल होने पर, फैलोज़ को मेज़बान आई.आई.ऐम. की तरफ से एक सर्टिफिकेट दिया जायेगा।

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