श्री गुरु राम दास यूनिवर्सिटी आफ हैल्थ साइंस की तरफ से थैलेसीमिया जागरूकता वाक्य और खूनदान कैंप का किया आयोजन

कल्याण केसरी न्यूज़ अमृतसर , 11 मई : विसव थैलेसीमिया दिवस को मनाने के लिए ऐस.जी.आर.डी. थैलेसीमिया वैलफेयर सोसायटी की की तरफ़ से बाल रोग विभाग वल्लों श्री गुरू रामदास यूनिवर्सिटी आफ हैल्थ सायंसिज में धारावाहिक समागम करवाया गया। परमिन्दर सिंह भंडाल, डी.सी.पी. अमृतसर ने ऐस.जी.आर.डी. यूनिवर्सिटी आफ हैल्थ सायंसिज द्वारा आयोजित एक जागरूकता वाक्य को भाइयों का ढाबा के बाहर से हरी झंडी दिखा रवाना किया। यह वाक्य हेरिटेज स्ट्रीट से होती हुई सूचना केंद्र श्री दरबार साहब जा कर समाप्त हुई।

इस मौके पर परमिन्दर सिंह भंडाल ने रैली में विद्यार्थियों के उत्साह को देखते कहा कि थैलेसीमिया बारे लोगों में जागरूकता पैदा करने के लिए विशव भर में अंतर्राष्ट्रीय थैलेसीमिया दिवस मनाया जाता है और इस से कैसे बचा जा सकता है। उन्होंने कहा कि लोगों को इस बीमारी को फैलने से रोकनो के लिए विवाह से पहले हीमोग्लोबिन इलेक्ट्रोफोरेसिस टैस्ट करवाना चाहिए। उन्होंने श्री गुरु रामदास यूनिवर्सिटी आफ हैल्थ साइंस की तरफ से लोगों को थैलेसीमिया की बीमारी बारे जागरूक करने के लिए किये जा रहे उपरालों की सलाघा की। इस मौके पर थैलेसीमिया सोसायटी के सचिव डा: गुरसरन सिंह नारंग ने बताया कि थैलेसीमिया की बीमारी एक जेनेटिक तौर पर फैलती है जो माता -पिता दोवें को थैलेसीमिया जिने लेकर जाती है और उन की डाक्टरी स्थिति को थैलेसीमिया कैरियर कहा जाता है और शारीरिक तौर पर नार्मल होता है इस लिए यह सारी उम्र पता नहीं लग सकती। उन्होंने कहा कि थैलेसीमिया मेजर की गंभीर बीमारी उन के 25 प्रतीसत बच्चों को होती है, ऐसा वास्तव में नहीं होना चाहिए और समाज में अज्ञानता कारण बच्चे इस का शिकार होते हैं। उन्होंने कहा कि लड़कियाँ और लड़कों को विवाह से पहले एक साधारण ख़ून के नमूनो में थैलेसीमिया (हीमोग्लोबिन ए 2) के लिए टैस्ट करवाना चाहिए और यदि वह पाजेटिव डाले जाते हैं, तो उन को ऐसे व्यक्ति के साथ विवाह नहीं करना चाहिए। इस तरह थैलेसीमिया के साथ पैदा होने वाले बच्चों को बड़ी बीमारी नहीं होगी। उन्होंने कहा कि 10 हफ़्तों बाद भ्रूण की जांच की जानी चाहिए और बीमारी का पता लगाया जा सकता है। ऐसी स्थिति में गर्भ अवस्था की डाक्टरी जांच ज़रूरी है।

ऐस.जी.आर.डी. बलड बैंक में खूनदान कैंप भी लगाया गया। अलग -अलग फेकल्टी सदस्यों और विद्यार्थियों समेत 100 से अधिक व्यक्तियों ने थैलेसीमिया के मरीजों के लिए खूनदान किया। उन को सर्टिफिकेट दे कर सम्मानित किया गया और रिफरैसमैंट दी गई। इस वाक्य में डाक्टरों, एमबीबीएस और नरसिंग के विद्यार्थियों ने भाग लिया। इस मौके पर डा: मनजीत सिंह उप्पल, डायरैक्टर पि्रंसीपल, श्री गुरु राम दास इंस्टीट्यूट आफ मैडीकल सायंसज एंड रिर्सच, अंमृतसर, डा: अनुपमा महाजन, वाइस पि्रंसीपल, श्री गुरू राम दास इंस्टीट्यूट आफ मैडीकल साइंसज एंड रिर्सच, अमृतसर, डा. गुरसरन सिंह नारंग, पिरो: और प्रमुख, बाल रोग विभाग, श्री गुरू राम दास इंस्टीट्यूट आफ मैडीकल साइंस एंड रिर्सच,अमृतसर, अमनदीप सिंह, डिप्टी रजिस्ट्रार, श्री गुरू राम दास यूनिवर्सिटी आफ हैल्थ साइंसज , अमृतसर, ऐम.बी.बी.ऐस. और नरसिंग विद्यार्थी और ओर मशहूर सखसियतें उपस्थित थे। यूनिवर्सिटी आफ हैल्थ साइंसज उपरोक्त पर 12 मई 2022 को एक विशाल सैमीनार करने जा रही है। थैलेसीमिया की बीमारी का इलाज करवा रहे मरीज़ दूसरों को उतसाहत करने के लिए अपनी कहानी सुनाये गए । इस मौके पर विश्व प्रसिद्ध अदाकार गुरप्रीत सिंह कबूतर मुख्य मेहमान के तौर पर शिरकत करेंगे, जो थैलेसीमिया के मरीजों की हौसला अफजायी करेंगे।
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