मानसून सत्र में प्राइवटाइजेशन और एयरलाइंस के विरूद्ध जमकर बरसे औजला

कल्याण केसरी न्यूज़ अमृतसर; सांसद गुरजीत सिंह औजला ने बीते दिन संसद में प्राइवटाइजेशन और एयरलाइंस की ओर से लूट का मुद्दा उठाया। इन मुद्दों पर कांग्रेस के सांसद ज्योतिरिधिया सिंधियां और निशिकांत दूबे से भी जोरदार बहस हुई। जिस पर गुरजीत सिंह औजला ने कहा कि बीजेपी की सरकार पिछले दस साल से है तो फिर उंगली उठाने की बजाए इन चीजों को ठीक क्यों नहीं किया गया।

सांसद गुरजीत सिंह औजला ने मानसून सेशन के दौरान संसद में एयरलाइंस की ओर से वसूले जा रहे नाजायज़ टिकटों के रेटों का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि एयरलाइंस की लूट के कारण कई जरुरतमंद अपना सफर स्थगित कर देते हैं। उन्होंने कहा कि इस मसले पर 10 अगस्त 2023 को जो स्टैंडिंग कमेटी बनी थी और जो रिपोर्ट आयी थी उसके बाद भी कोई बदलाव नहीं आया है। कोरोना काल में एयरलाइंस ने कई गुना हवाई यात्रा के टिकट के पैसे बढ़ा दिए थे लेकिन अब हालात सामान्य होने के बावजूद वो बढ़े हुए पैसे वापिस कम नहीं किए गए हैं। उदाहरण देते हुए गुरजीत सिंह औजला ने कहा कि चंडीगढ़ तक का किराया भी ऐमरजेंसी के हालातों में 70 हजार वसूला गया है। उन्होंने कहा कि अमृतसर के लिए लाखों लोग ट्रैवल करते हैं लेकिन टिकट बिना किसी मंजूरी के मंहगी होती रहती है और टूरिस्ट आ नहीं पा रहे।

वहीं इंटरनेशनल फ्लाइट्स की बात करें तो जो सिंगापुर की टिकट इंटरनेशनल एयरलाइंस 20,000 में होटल के साथ देती है वही टिकट डोमेस्टिक एयरलाइंस 28000 में वन वे देती है। पंजाब से बहुत से लोग यूएआई में जाते हैं लेकिन एयरइंडिया एक्सप्रेस की टिकट अमृतसर से 25 से 35 प्रतिशत मंहगी है जबकि दिल्ली से सस्ती है। वहीं अमृतसर दिल्ली से 400 किलोमीटर कम पड़ता है लेकिन टिकट मंहगी है। उन्होंने कहा कि बुकिंग होने के बाद भी सिर्फ मिडल सीट ही नार्मल रेट पर मिलती है जबकि बाकी सीटों पर फिर मौके पर ही 200 से 2000 रुपए ले लिए जाते हैं जो कि  एक आम परिवार के लिए बेहद मुश्किल है जिसके दस लोगों का उस मौके पर 10 या 20000 देना पड़े। इस मुद्दे पर उन्होंने निशिकांत दूबे को घेरते हुए कहा कि दस साल से बीजेपी की सरकार है तो इसमें बदलाव क्यों नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि निशिकांत जी हर भाषण में कांग्रेस से ही शुरुआत करते हैं और कांग्रेस को कोसते हैं तो फिर अब उनके पास पूरी पावर है तो फिर इसे क्यों नहीं ठीक किया गया।

उन्होंने कहा कि जब 370 जैसी धाराएं लागू की जा रही हैं तो फिर इसे क्यों बदल नहीं सकते। उन्होंने कहा कि सारा देश तो प्राइवेट कर दिया है तो कम से कम अब इसे तो रेगुलेट कर दें। उन्होंने कहा कि वो सांसद एमपी शफी पारामबिल की ओर से लाए गए प्राइवेट बिल का समर्थन करते हैं लेकिन इसे सख्ती से लागू किया जाए। जिसके बाद टेलीकोम मंत्री ज्योतिधारित्य सिंधिया ने कहा कि ऐसे नहीं चलेगा कि चित भी उनकी और पट भी उनकी। तो औजला ने कहा कि जब इसका विरोध 2006 में किया था तो आप ही थे आप ही ने तो रास्ता दिखाया था।

इस दौरान उन्होंने बीएसएनएल की बात भी की और कहा कि  जितने भी पब्लिक सेक्टर युनिट हैं उन्हें बेचकर पूरे देश को प्राइवेट कर दिया गया है। बीएसएनएल की बात की जा रही है लेकिन क्या कभी बीएसएनएल का हाल जाना है। गांवों में बीएसएनएल का एक भी कर्मचारी का नहीं कर रहा है। बीएसएनएल खत्म होने की कगार पर पहुंच गया है।

गुरजीत सिंह औजला ने मांग की कि इन चीजों को काबू में करने के लिए सख्ती दिखानी होगी और सरकार को इसके लिए रेगुलेटरी कमेटी की स्ट्रेंथ बढ़ाकर सख्त कदम उठाने चाहिए। उन्होंने यह भी मांग की है कि सीनियर सीटिजंस को भी स्पेशल इंसेंटिव दिए जाएं और रेटों पर रेगुलेटरी कमेटी बनाई जाए।

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