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राष्ट्रीय लोक अदालत में 23799 मामलों का निपटारा

कल्याण केसरी न्यूज़ अमृतसर 24 मई 2025:माननीय पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय तथा पंजाब राज्य कानूनी सेवाएं प्राधिकरण, मोहाली के निर्देशानुसार, श्री अमरिंदर सिंह ग्रेवाल, जिला एवं सत्र न्यायाधीश-सह-अध्यक्ष, जिला कानूनी सेवाएं प्राधिकरण, अमृतसर के मार्गदर्शन में तथा श्री अमरदीप संघ बैंस, सिविल न्यायाधीश-सह-सचिव, जिला कानूनी सेवाएं प्राधिकरण के प्रयासों से आज दिनांक 24.05.2025 को राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया। यह राष्ट्रीय लोक अदालत जिला न्यायालय अमृतसर तथा तहसील अजनाला और बाबा बकाला साहिब में भी आयोजित की गई। इस राष्ट्रीय लोक अदालत में सिविल एवं फौजदारी न्यायालयों में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया, जिसमें चेक बाउंस, बैंक रिकवरी, भूमि विवाद, घरेलू विवाद एवं अन्य लगभग सभी प्रकार के मामलों का निपटारा किया गया। इस राष्ट्रीय लोक अदालत की अधिकतम सफलता के लिए जिला न्यायालय अमृतसर और तहसील अजनाला और बाबा बकाला साहिब में कुल 32 बेंच बनाए गए, जिनमें से अमृतसर न्यायालय में 25 बेंच, स्थायी लोक अदालत में 1 बेंच, श्रम न्यायालय में 1 बेंच, अजनाला में 3 बेंच, बाबा बकाला साहिब तहसील में 2 बेंच स्थापित किए गए।पुलिस विभाग ने पारिवारिक विवादों को सुलझाने के लिए महिला परामर्श प्रकोष्ठों में लोक अदालत की भी स्थापना की। इसके अलावा, लोगों के कल्याण के लिए लोक अदालत के उद्देश्य को सफल

बनाने के लिए विभिन्न विभागों ने लोक अदालत बेंचों की स्थापना की है, जिनमें हजारों मामलों का निपटारा किया गया है।
इस राष्ट्रीय लोक अदालत की सभी पीठों द्वारा कुल 30270 मामले सुनवाई हेतु रखे गए, जिनमें से 23799 मामलों का आपसी राजीनामा से निपटारा किया गया।इस दौरान माननीय जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री अमरिंदर सिंह ग्रेवाल ने लोगों को लोक अदालत की महत्ता से अवगत करवाते हुए बताया कि लोक अदालत में दोनों पक्षों के राजीनामा के आधार पर फैसला किया जाता है। लोक अदालतों के माध्यम से सस्ता और शीघ्र न्याय उपलब्ध कराया जाता है। लोक अदालतों के निर्णयों के विरुद्ध कोई अपील नहीं होती। दोनों पक्षों के बीच प्रेम बढ़ता है। जो व्यक्ति अपने सुलहनीय मामलों का निपटारा लोक अदालत के माध्यम से करवाना चाहते हैं, वे अपना आवेदन संबंधित न्यायालय में दायर कर सकते हैं, जहां उनका मामला लंबित है, अथवा नए मामलों के निपटारे के लिए लोक अदालत के माध्यम से संबंधित जिला विधिक सेवा प्राधिकरण या उप-मंडल विधिक सेवा समिति कार्यालय में अपना आवेदन प्रस्तुत कर सकते हैं।सफलता की कहानियाँएक मामले में वर्ष 2023 में भारतीय दंड संहिता की धारा 376 और पोक्सो अधिनियम की धारा 4 और 6 के तहत यौन उत्पीड़न का मामला पुलिस स्टेशन महिला, अमृतसर में दर्ज किया गया था। दिनांक 15.07.2023 को शिकायतकर्ता (माँ) और उसका पति अपने काम पर गए हुए थे। लेकिन जब वह शाम को वापस लौटी तो उसे पता चला कि उसके आरोपी चाचा ने उसकी 5 साल की नाबालिग बेटी के साथ बलात्कार की

वारदात को अंजाम दिया है। इस मामले में न्यायालय ने आरोपी को पोक्सो एक्ट की धारा 10 के तहत सजा सुनाई और इसके बाद जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ने पीड़ित परिवार को 5-5 लाख रुपए का मुआवजा वितरित किया है। पीड़ित को 1,00,000/- रु.इसके अलावा एक मामले में वर्ष 2020 में अमृतसर के पुलिस स्टेशन मजीठा में यौन उत्पीड़न का मामला दर्ज किया गया था। दिनांक 21.12.2020 को शिकायतकर्ता (पिता) शाम को अपने घर पर मौजूद था, तभी आरोपी ने शिकायतकर्ता की बेटी को बहला-फुसलाकर अपहरण कर लिया। इस मामले में अदालत ने आरोपी को 20 साल की सजा सुनाई है और अब जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ने पीड़ित परिवार को 5 लाख रुपए का मुआवजा वितरित किया है। पीड़ित को 2,00,000/- रु.
एक अन्य मामले में वर्ष 2019 में अमृतसर के पुलिस स्टेशन चट्टीविंड में यौन उत्पीड़न का मामला दर्ज किया गया था। दिनांक 25.07.2019 को (माँ) ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है कि उसकी बेटी के साथ एक व्यक्ति ने यौन उत्पीड़न किया है। इस मामले में अदालत ने आरोपी को 20 साल की सजा सुनाई है और अब जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ने पीड़ित परिवार को 5 लाख रुपए का मुआवजा वितरित किया है. 5,00,000/- रुपये पीड़िता को दिये जायेंगे।श्री अजीत पाल सिंह, अतिरिक्त प्रधान

न्यायाधीश, पारिवारिक न्यायालय, अमृतसर की अदालत ने वर्ष 2016 के एक मामले का निपटारा किया है। इसके अतिरिक्त, राष्ट्रीय लोक अदालत में उसी पक्ष से संबंधित छह अन्य मामलों का निपटारा किया गया है तथा मामले वापस ले लिए गए हैं।मिस नीलम, जेएमआईसी, अमृतसर कोर्ट ने 2019 के एक चेक से संबंधित मामले का सफलतापूर्वक निपटारा किया है जो पिछले छह वर्षों से लंबित था और इसमें रुपये की विवादित राशि शामिल थी। 2,50,000/-. जिसका आज राष्ट्रीय लोक अदालत में समाधान हो गया है। इसी प्रकार वर्ष 2023 से चल रहे एक अन्य चेक बाउंस मामले में भी 25 लाख रुपए का मामला दर्ज किया गया। 31,59,864/- का निपटान किया गया। चेक से जुड़ा एक और मामला, जो 2023 से चल रहा था, जिसमें 50 लाख रुपये की राशि शामिल थी। आज राष्ट्रीय लोक अदालत में 20,74,572/- रूपये का वाद निपटाया गया।

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