
कल्याण केसरी न्यूज़, तरनतारन, 9 नवंबर 2025: पंजाब स्टेट मिनिस्टीरियल सर्विसेज़ यूनियन की कॉल पर, सूबा प्रधान गुरनाम सिंह विरक, सूबा महासचिव तरसेम भठल और सूबा चेयरमैन रघुबीर सिंह बडवाल की अगुवाई में तरनतारन में राज्यभर के लगभग 45 विभागों के मिनिस्टीरियल कर्मचारियों ने हजारों की संख्या में सामूहिक अवकाश लेकर भाग लिया।
ज़िला प्रशासनिक परिसर के सामने रैली करने के बाद आम आदमी पार्टी के चुनाव लड़ रहे उम्मीदवार के घर की ओर रोष मार्च शुरू किया गया। कर्मचारियों में पंजाब सरकार के “कर्मचारी विरोधी रवैये” और किसी भी मांग को पूरा न करने के कारण गहरा रोष और गुस्सा देखने को मिला। प्रदर्शनकारियों ने पुलिस प्रशासन द्वारा लगाए गए तीन बैरिकेड्स को पार कर लिया।
रोष मार्च को रोकने के लिए सरकार की ओर से भारी संख्या में पुलिस और सी.आर.पी.एफ. बल तैनात किए गए थे। तीसरा बैरिकेड पार करने पर पुलिस प्रशासन ने शांतिपूर्ण रोष मार्च में शामिल कर्मचारियों पर लाठीचार्ज कर दिया। कई कर्मचारियों को ज़ख़्म आए, उनके कपड़े फट गए और बटन टूट गए। ज़बरदस्ती उन्हें बसों में डालकर हिरासत में लिया गया। इसके विरोध में कर्मचारियों ने सड़क पर ही धरना लगा दिया। पुलिस ने बाद में गिरफ्तार कर्मचारियों को रिहा कर दिया।
सूबा प्रधान गुरनाम सिंह विरक ने बताया कि इस रैली और रोष मार्च में पंजाब के हर ज़िले से कर्मचारी कारों और बसों द्वारा पहुंचे थे। तरनतारन ज़िले का भी काफी स्थानीय स्टाफ, जिनमें चुनाव ड्यूटी की तैयारी कर रहे कर्मचारी और ब्लॉक लेवल ऑफिसर (बीएलओ) शामिल थे, ने भी जिला प्रधान गुरसेवक सिंह, जिला महासचिव अंग्रेज सिंह और डीसी दफ्तर के जिला प्रधान कर्मिंदर सिंह चीमा की अगुवाई में भाग लिया।
रैली के दौरान ज़िला प्रशासन की ओर से पंजाब के मुख्यमंत्री के साथ कोई बैठक तय नहीं की गई। संगठन की लीडरशिप का कहना था कि कैबिनेट सब-कमेटी या अन्य किसी भी स्तर की बैठक का कोई लाभ नहीं है, क्योंकि कर्मचारियों की मांगों पर अंतिम निर्णय मुख्यमंत्री द्वारा ही लिया जाना है।
सरकार की बेरुखी और पूरे कार्यकाल के दौरान किसी भी मांग को लागू न करने के विरोध में कर्मचारियों पर हुए लाठीचार्ज की कड़े शब्दों में निंदा की गई। तरनतारन के बाद खडूर साहिब और आने वाले चुनावों में सरकार को सबक सिखाने का संकल्प लिया गया और लगातार संघर्ष जारी रखने का फैसला किया गया। जल्द ही सूबा स्तर पर बैठक बुलाकर अगली रणनीति और आंदोलन की रूपरेखा तय की जाएगी।
सूबा प्रेस सचिव सुखदेव हवास ने प्रेस नोट जारी कर बताया कि इस रैली में सूबा वाइस चेयरमैन अनिरुद्ध मोदगिल (होशियारपुर), सूबा अतिरिक्त महासचिव अमित अरोड़ा, मुख्य सलाहकार और डीसी कार्यालय के सूबा प्रधान तेजिंदर सिंह नंगल (जालंधर), सूबा महासचिव नरिंदर सिंह चीमा (कपूरथला), मनजिंदर सिंह संधू और जगदीश ठाकुर (श्री अमृतसर साहिब), पिपल सिंह सिद्धू, मनोज लाल और प्रदीप विनायक (फिरोजपुर), गुरप्रीत सिंह खटरा (सूबा प्रधान शिक्षा विभाग), खुशकरणजीत सिंह (श्री मुक्तसर साहिब), जगसीर सिंह जग्गा (बठिंडा) – सूबा प्रधान पीडब्लयूडी वाटर सप्लाई एंड सेनिटेशन मिनिस्ट्रियल एसोसिएशन पंजाब, सुखदेव कंबोज (फाज़िल्का), अमरीक सिंह संधू, विक्रमजीत सिंह, बख्शीश सिंह (फरीदकोट), संगत राम (कपूरथला), कुलदीप सिंह, संदीप कुमार (मोगा), जैमल सिंह, सावन सिंह, गुरजीत रंधावा, मैनुअल नाहर, सरबजीत डिंगरा (गुरदासपुर), गुरनाम सिंह सैनी (पठानकोट), अजय शर्मा (नवांशहर), संदीप भंबूक, संदीप कुमार (लुधियाना), जसदीप चाहल, प्रताप सिंह (मानसा), गुरप्रीत सिंह (बठिंडा), रविंदर शर्मा, निर्मल सिंह चाने (बरनाला), गुरमेल सिंह विरक (पटियाला) और कंप्यूटर अध्यापक संगठन के नेता अपने साथियों सहित शामिल हुए।
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