जालन्धर : समाज के कमजोर वर्ग के विद्यार्थियों का सर्व समर्थकी विकास को विश्वसनीय बनाने के लिए पंजाब सरकार की तरफ से जिले के सरकारी प्राथमिक स्कूलों में लगाए गए स्मरण कैंप 1776 बच्चों के लिए वरदान साबित हुआ।
राज्य सरकार के निर्देशों और जिला प्रशासन की तरफ से जालंधर के 41 स्कूलों में ऐसे कैंप लगाए गए थे जिन में 1776 विद्यार्थियों ने पहुँच की। इन कैंपों में 103 अध्यापकों ने भी अपनी, सेवा नि5ााईं। इन कैंपों के दौरान हिस्सा लेने वाले विद्यार्थियों को मोडलिंग, बैस्ट आउट आफ वेस्ट, ग्रीटिंग कार्ड बनाने, मुखौटे बनाने, पतंग गुड्डी बनाने, पेपर फ़ोलडिंग और कटिंग, स्किट, नाच और ड्रांमा, कोलाज़ मेकिंग, कविता उच्चारण, पेंटिंग, योगा और अन्य संस्कृतिक गतिविधियों में हिस्सा लिया। इसी तरह इन कैंपों केदौरान बच्चों को अच्छी नैतिक कदरों कीमतों, खाने पीने की आदता और अन्यों के बारे में भी लैक्चर दिए गए।
इन कैंपा के बारे में और ज्यादा जानकारी देते हुए डिप्टी कमिशनर जालंधर श्री वरिन्दर कुमार शर्मा ने कहा कि इन कैंप को लगाने का मुख्य उदेश्य स्कूल के विद्यार्थियों का संपूर्ण विकास यकीनी बनाना था। उन्होने कहा कि निजी स्कूलों में पढने वाले विद्यार्थी भारी पैसा ख़र्च कर ऐसे कैंपों में हिस्सा लेते हैं परन्तु पंजाब सरकार की तरफ से राज्य के प्राथमिक स्कूलों में वहाँ के बच्चों के लिए यह कैंप मुफ्त लगाए गए। उन्होने कहा कि यह कैंप देश के भविष्य बच्चों का संपूर्ण विकास को यकीनी बनाने के लिए पंजाब सरकार की नीति का निष्कर्ष है।
उन्होने कहा कि यह कैंप बच्चों में रचनात्मिक प्रवृतियों पैदा करने में सहायक होंगी और साथ की साथ उनको किताबी ज्ञान के साथ साथ कला और संस्कृतिक के क्षेत्रों में प्राप्तियां के लिए प्रेरित किया गया। उन्होने कहा कि यह कैंप पढऩे और पढ़ाने की प्रक्रिया को भी ओर भी रोचक बनाने की तरफ एक ऐतिहासिक कदम है। उन्होने कहा कि शिक्षा का रोल केवल अकादमिक विकास तक ही सीमित नहीं है बल्कि उसका मनोरथ बच्चों के संपूर्ण विकास को यकीनी बनाना है। जिस से यह कैंप प्रभावी योगदान डाल सकें।