एक्सरसाइज जोड़ों को चोट पहुंचाए बिना हेल्थ व फिटनेस में सुधार करने में मदद करती है। मगर कई बार लाइफ स्टाइल में बदलाव लाने के बावजूद मरीज दर्द में रहते हैं और बढिय़ा जीवन जीने से वंचित हो जाते हैं। डॉ.पासी ने कहा कि जोड़ों के दर्द वाले सभी मरीजों को ज्वाइंट रिप्लेसमेंट की जरूरत नहीं होती। फिजियोथेरेपी और दवाइयों से भी इसे ठीक किया जा सकता है। जरूरत पडऩे पर छोटी व मामूली सर्जरी (ओस्टियोमाइस) करके भी भविष्य में होने वाले ज्वाइंट रिप्लेसमेंट को टाला जा सकता है। अगर किसी मरीज को इन सभी तरीकों से राहत नहीं मिलती तो ज्वाइंट रिप्लेसमेंट कराना पड़ सकता है। अकाई अस्पताल में विश्वस्तरीय बुनियादी ढांचा और सुविधाएं मौजूद हैं। जो सस्ती दर पर सुरिक्षत व सफल ज्वाइंट रिप्लेसमेंट करने के लिए जरूरी होता है। ज्वाइंट रिप्लेसमेंट करने वाले डॉ. एएस पासी अनुशासन में रहने वाले, मानवता से प्यार करने वाले ईमानदार व सफल डॉक्टर हैं। हर मरीज पर उनका रजिल्ट पूरी तरह सफल रहा है। उन्हें मेदांता में सफल सर्जरी करने का अनुभव है। उनसे व उनकी टीम से सैकड़ों मरीज लाभान्वित हुए हैं। कार्यक्र म में मौजूद पुराने मरीजों ने अपनी दर्द भरी जिंदगी से राहत दिलाने पर डॉ. पासी का धन्यवाद किया। इन मरीजों ने अपना अनुभव बताते हुए कहा कि वे अब साधारण जीवन जी रहे हैं।
विशव फिजियोथेरेपी दिवस के मौके पर आकाय हॉस्पिटल में सेमिनार अयोजिय
लुधियाना (अजय पाहवा) अकाई अस्पताल में वर्ल्ड फिजियोथेरेपी डे मनाया गया। इस दौरान मेदांता अस्पताल गुड़गांव से फैलोशिप कर चुके ज्वाइंट रिप्लेसमेंट सजर्न डॉ.एएस पासी के संचालन में ज्वाइंट रिप्लेसमेंट विभाग का शुभारंभ किया गया। इस दौरान ज्वाइंट रिप्लेसमेंट कैंप लगाया ,जो 15 सितंबर तक जारी रहेगा। कार्यक्रम में अस्पताल के प्रमुख डॉ.बीएस औलख विशेष रूप से मौजूद थे। इस मौके डॉ. पासी ने मरीजों को सेमिनार के जरिए जागरूक भी किया। उन्होंने कहा कि जैसे-जैसे हम बड़े होते रहते हैं, वैसे-वैसे हमारे अंगों में भी बदलाव होता है। आर्थाराइट्स के कारण जोड़ों में सूजन आ जाती है और घुटनों में ग्रीस बनना कम हो जाता है। इसके साथ ही हड्डी, मास व डेंटिस्टी कम हो जाती है। लेकिन हम जीवन शैली में बदलाव करके अपने जोड़ों को स्वस्थ और दर्द रहित रख सकते हैं। हर रोज तीस मिनट की शारीरिक एक्टिविटी अच्छा महसूस करने व कई चीजों को रोकने में मददगार हो सकती है। ओस्टियोआर्थराइट्स व ओस्टियोपरोसिस की गंभीर स्थिति वाला व्यक्ति भी संतुलित फिटनेस कार्यक्र म से लाभ उठा सकता है।