
कल्याण केसरी न्यूज़, अमृतसर, 13 दिसंबर 2025: माननीय न्यायाधीश श्री अश्वनी कुमार मिश्रा, पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय–सह–कार्यकारी अध्यक्ष, पंजाब राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, एस.ए.एस. नगर के मार्गदर्शन में आज आयोजित की गई राष्ट्रीय लोक अदालत को विभिन्न न्यायालयों से भरपूर सहयोग प्राप्त हुआ। उल्लेखनीय है कि लोक अदालतों ने विवादों के शीघ्र निपटारे और मामलों के त्वरित समाधान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, जिससे लंबित मामलों में कमी आई है और न्याय तक पहुंच आसान हुई है।
आज अमृतसर ज़िले में राष्ट्रीय लोक अदालत के दौरान कुल 33,181 मामलों को सुनवाई हेतु लिया गया, जिनमें से 30,298 मामलों का निपटारा किया गया। निपटाए गए मामलों की कुल राशि ₹59,09,14,425/- रही, जो विवाद निपटारे और वित्तीय वसूली के क्षेत्र में लोक अदालतों की प्रभावशीलता को दर्शाती है। इस अवसर पर कुल 26 बेंचों का गठन किया गया, जिनमें से 20 बेंच अमृतसर मुख्यालय में तथा 3-3 बेंच तहसील अजनाला और बाबा बकाला साहिब में स्थापित की गईं।
अमृतसर में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन श्रीमती जतिंदर कौर, जिला एवं सत्र न्यायाधीश–सह–अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, अमृतसर के नेतृत्व में किया गया, जिसमें श्री अमरदीप सिंह बैंस, सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, अमृतसर द्वारा सक्रिय प्रयास किए गए। लोक अदालत ने अपने मुख्य उद्देश्य, अर्थात् विवादों का सौहार्दपूर्ण निपटारा और लंबे समय से लंबित मामलों के त्वरित समाधान, में सफलता प्राप्त की। प्री-लोक अदालत कार्यवाहियों के दौरान किए गए निरंतर प्रयासों और लोक अदालत के दिन के प्रभावी आयोजन के कारण अमृतसर की विभिन्न अदालतों में कई वर्षों से लंबित सिविल और नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट्स एक्ट के मामलों का निपटारा किया गया।
इन्हीं में से एक मामला श्री अमरजीत सिंह, सिविल जज (जूनियर डिवीजन)–सह–जे.एम.आई.सी., अमृतसर की अदालत में लंबित सिविल वसूली का था—इलाहाबाद बैंक बनाम एम/एस पाल टेलर्स—जो वर्ष 2018 से लंबित था और वर्ष 2025–26 की एक्शन प्लान श्रेणी में शामिल था। बैंक द्वारा ₹6,05,561.40/- की वसूली का दावा किया गया था, किंतु अदालत के हस्तक्षेप से यह मामला ₹4,23,000/- में निपट गया। एक बड़ी राशि मौके पर अदा की गई और शेष राशि किस्तों में भुगतान करने पर सहमति बनी।
इसी प्रकार डॉ. गुरदर्शन सिंह, पी.सी.एस., सिविल जज (जूनियर डिवीजन)–सह–जे.एम.आई.सी., अमृतसर की अदालत में सिविल मामला एम/एस सुरिंदर कोल सप्लाई बनाम एम/एस ए.पी. ऑटो पिस्टन इंजीनियरिंग, जो वर्ष 2018 में दर्ज हुआ था और बहस पूरी होने तथा मुद्दे तय होने के बावजूद लंबित था, को प्री-लोक अदालत के दौरान किए गए निरंतर प्रयासों से सुलझा लिया गया।
सुश्री तरजानी, पी.सी.एस., न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी, अमृतसर की अदालत में भी महत्वपूर्ण सफलता दर्ज की गई, जहां नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट्स एक्ट के अंतर्गत लगभग नौ वर्षों से लंबित मामला एम/एस देवी दास एंड सन्स बनाम संजय खन्ना, जिसकी कई कार्यवाहियां माननीय उच्च न्यायालय में भी चल रही थीं, का निपटारा किया गया। अदालत के सशक्त प्रयासों से ₹16,25,000/- की राशि पर पूर्ण समझौता हुआ, जिससे लंबे समय से चली आ रही मुकदमेबाजी और सभी संबंधित कार्यवाहियों का अंत हुआ।
इसके अतिरिक्त, सुश्री नीलम, अध्यक्ष अधिकारी, राष्ट्रीय लोक अदालत, अमृतसर की देखरेख में वर्ष 2019 से 2021 तक लंबित रहे कई नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट्स एक्ट के मामलों का भी सफलतापूर्वक निपटारा किया गया। इन मामलों में चेक की राशि ₹20,000/- से ₹5,00,000/- तक थी, जो पक्षकारों के बीच विवादों के कारण वर्षों से लंबित थीं। प्री-लोक अदालत और राष्ट्रीय लोक अदालत के दौरान किए गए निरंतर प्रयासों के परिणामस्वरूप आरोपियों द्वारा शिकायतकर्ताओं—जिसमें निजी पक्ष और वित्तीय संस्थान शामिल थे—की पूर्ण संतुष्टि के अनुसार भुगतान किया गया।
इसके अलावा अजनाला में श्री पलविंदर सिंह, अतिरिक्त सिविल जज (सीनियर डिवीजन) की अदालत में दो वर्षों से अधिक समय से लंबित सिविल मामला विकास भाटिया एवं एक अन्य बनाम रणजीत सिंह एवं अन्य को भी राष्ट्रीय लोक अदालत के दौरान निपटाया गया। यह मामला लोक अदालत बेंच द्वारा सुना गया, जिसमें अध्यक्ष अधिकारी के साथ श्री एच.एस. निज्जर, अध्यक्ष, बार एसोसिएशन, अजनाला तथा श्री सुखचरणजीत सिंह, सचिव, बार एसोसिएशन, अजनाला शामिल थे। बेंच के प्रभावी हस्तक्षेप और विद्वान अधिवक्ताओं की सहायता से पक्षकारों की काउंसलिंग की गई, जिससे समझौता हुआ और मामला वापस लेने के आदेशों के साथ अंतिम रूप से निपटाया गया।
इस प्रकार राष्ट्रीय लोक अदालत त्वरित न्याय, वित्तीय वसूली, लंबित मामलों में कमी तथा पक्षकारों के बीच संबंधों की पुनर्स्थापना के लिए एक प्रभावी मंच सिद्ध हुई। सभी न्यायालयों के संयुक्त प्रयासों से वैकल्पिक विवाद निपटान प्रणाली सशक्त हुई और न्याय तक पहुंच और अधिक सुदृढ़ हुई।
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