पिम्स में आपातकालीन मदद देने के विषय में सेमिनार का आयोजन

जालंधर :पंजाब इंस्टीच्यूट आफ मेडिकल साइंसिका (पिम्स) में आपातकालीन मदद देने के विषय में सेमिनार का आयोजन किया गया। डा. एच.एस बैंस और डा. अनुराधा बांसल की देखरेख में सेमिनार का आयोजन किया गया। उन्होंने बताया कि यह सेमिनार हर किसी के लिए जरूरी है। इस सेमिनार में पिम्स के स्पोर्टिग औरस्टाफ को आपातकालीन मदद बारे जानकारी दी गई। इसमें बताया गया कि अगर किसी की को सांस लेने में कोई दिक्कत होती है या किसी भी प्रकार की अन्य मुश्किल में मरीज फंसा हो तो उसकी किस प्रकार अस्पताल पहुंचने से पहले मदद की जा सकती है।

उन्होंने बताया कि सबसे जरूरी होता है मरीज का सीपीआर करना। सेमिनार में सीपीआर के विस्तार से जानकारी दी गई। सीपीआर का मतलब कार्डियोपल्मोनरी रेससिटेशन। इससे कार्डियो अरेस्ट और सांस न ले पाने जैसी आपातकालीन सिथति में व्यक्ति की जान बचाई जा सकती है। सीपीआर देने से पहले इसकी ट्रेनिंग लेनी बहुत जरूरी है। सीपीआर में मरीज को सांसे दी जाती हैं, जिससे फेफड़ों को आक्सीजन मिलती है और सांस वापिस आने तक या दिल की धडक़न सामान्य होने तक छाती को दबाया जाता है। इससे शरीर में पहले से मौजूद आक्सीजन वाला खून संचारित होता रहता है। उन्होंने आगे बताया कि चार महीने से एक साल तक के बच्चों को सीपीआर देने का तरीका थोड़ा अलग होता है। ज्यादातर नवजात बच्चे को कार्डियो अरेस्ट होने का कारण डूबने या दम घुटना मुख्य होता है। उन्होंने आगे बताया कि अगर आपको पता है कि बच्चा सांस क्यों नहीं ले रहा, तो उसे सीपीआर दें।

उन्होंने आगे बताया कि यह जानना बहुत जरूरी होता है कि आखिर मरीज को कब सीपीआर करना है। इस अवसर पर पिम्स के रेजिडेंट डायरेक्टर अमित सिंह और डायरेक्टर प्रिंसीपल डा. कुलबीर कौर ने बताया कि यह सेमिनार एक सामाजिक जागृति के लिए एक आवश्यक है। उन्होंने आगे कहा कि इस सेमिनार के दौरान पिम्स के पूरे स्टाफ को भी इस्ी प्रकार ट्रेनिंग दी जाएगी। इसके अलावा यही ट्रेनिंग पंजाब पुलिस और विभिन्न स्कूलों कालेजों के विद्यार्थियों को भी दी जाएगी ताकि आपातकालीन स्थिति से निपटा जा सके। इसमें जरूरी आपातकालीन मदद देने के तरीकों और मरीजों को अस्पताल पहुंचाने से पहले दी जाने वाली मदद के बारे में सिखाया गया। इस दौरान सिखाए गए तरीकों व जान बचाने संबंधी जानकारी को वास्तविक रूप में दिखाया गया। इस अवसर पर पिम्स के वाइस प्रिंसीपल डा. राजीव अरोड़ा और मेडिकल सुपरिटेंडेंट डा. कुलबीर शर्मा मौजूद थे।

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