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गायक महिंदर कपूर की 10वीं पुण्य तिथि को समर्पित नाइट का आयोजन

नाटशाला के मंच पर आईजी कुंवर विजय प्रताप उपासना और कविशा की युगलबंदी के साथ गीत पेश करते हुए

अमृतसर : पंजाब नाटशाला में वीरवार की शाम प्रसिद्ध गायक महिंदर कपूर की 10वीं पुण्य तिथि को समर्पित नाइट आधा है चंद्रमा उनके गीतों पर अधारित रहा। दो घंटे तक चले इस सुरमीय समागम की खूबी यह रही की एसटीएफ के आईजी डा. कुवंर विजय प्रताप सिंह ने कपूर के गीत क्या खूब लगती हो बड़ी सुंदर दिखती हो की दिलकश प्रस्तुति से श्रोताऔर दर्शकों का मन मोह लिया। कुंवर की पुलिस की नौकरी संभवतया पहला मौका था कि लोगों ने जाना की कुंवर अच्छी आवाज के मालिक भी है।

 समागम की शुरुआत एसटीएफ के आईजी डा. कुंवर विजय प्रताप सिंह,पंजाब नाटशाला के संस्थापक जतिंदर बराड़ तथा क्लब के मुखी दलजीत ओरड़ा ने शमां रोशन करके की। पंजाबी स्क्रीन क्लब की तरफ से नाटशाला के सहयोग आयोजित समागम में कपूर साहिब के गीत   आधा है चंद्रमा रात आधी, रह न जाए तेरी मेरी बात आधी… ने दर्शकों को झूमने पर मजबूर कर दिया। कुंवर के साथ उपासना और कविशा की युगलबंदी ने पेशकारी को और भी बेहतर बना दिया। पूरा आडटोरियम तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा। बता दें कि  कुंवर पंजाब पुलिस में अपनी ईमानदारी और कर्ममठता के लिए जाने जाते है।  लेखक होने के साथ एक गायक भी है। इसका पता पंजाब नाटशाला में वीरवार की शाम महिंदर कपूर नाइट में लगा। कुंवर ने अपनी नौकरी के ही दौरान पीएचडी तथा कानून की ड्रिगी हासिल की और कई किताबें लिखी।

  समागम में तरलोचन सिंह ,अरविंदर भट्टी,संजीव महाजन,सलौनी,गुरप्रीत,दलजीत अरोड़ा,अर्जुन सिंह,आरएस राही,रवि गुप्ता, सिल्पी गांगुली,यशपाल मिंटु,लतिका अरोड़ा,मनोज शर्मा ने अपनी खूबसूरत आवाज में ऐसे ही और कई पुराने गीतों से समय बांधा। डा. राज कुमार वेरका ने अपने संबोधन में कहा कि इस तरह के प्रोग्राम पुरानी प्रतिभाओं की याद दिलाती है वहीं नए कालकारों को भी उभरने का मौका देती है। जतिंदर बराड़ ने पंजाब नाटशाला के रुप में थिएटर का जो मंदिर स्थापित किया है उसमें इस विधा को बुलंदी तक पहुंचाने में बड़ा योगदान दिया है। बराड़ का कहना है कि पंजाब नाटशाला कला और कलाकारों को प्रोत्साहित करने के लिए हमेशा तैयार है।

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