जालन्धर : अतिरिक्त उपायुक्त श्री जसबीर सिंह और जिला कानूनी सेवाएं के सचिव श्री जपिन्दर सिंह ने कहा कि यातनाओं से प्रताडित महिलाओं की सहायता के लिए खोले गए सखी केंद्र के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि वन स्टॉप सैंटर -सखी के बारे में लोगों में अधिक से अधिक जागरूकता फैलाये जाने की आवश्कयता है। स्थानीय सिविल अस्पताल में वन स्टॉप सेंटर के संचालन की निगरानी के लिए बैठक की अध्यक्षता करते हुए, अतिरिक्त उपायुक्त और सचिव डी.एल.एस.ए ने कहा कि यह केंद्र उन महिलाओं के लिए एक वरदान सिद्ध हो सकता है जो इस प्रकार की समस्याओं का सामना कर रही है । उन्होंने कहा कि वन स्टॉप सेंटर-स2ाी किसी भी प्रकार की हिंसा से प्रभावित महिलाओं को अनेक सेवाएं प्रदान करेगा ,जिनमें चिकित्सा सहायता, पुलिस सहायता, कानूनी सहायता / अदालती मामलों संबंधी, मनोचिकित्सा परामर्श और अस्थायी सहायताएं सेवाएं शामिल हैं।
अतिरिक्त उपायुक्त और सचिव डी.एल.एस.ए ने कहा कि किसी भी प्रकार की परेशानी का सामना कर रही महिलाएं स्वयं या फोन पर संपर्क कर केंद्रों तक पहुंच सकती हैं। उन्होंने कहा कि यह वन स्टॉप सैंटर निजी और सार्वजनिक दोनों प्रकार के हिंसा से प्रभावित महिलाओं को सहायता प्रदान करेगा। उन्होंने कहा कि यदि 18 वर्ष से कम आयु की लड़कियों को केंद्र में भेजा जाता है, तो उन्हें किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल और संरक्षण) अधिनियम, 2000 और यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम, 2012 के तहत स्थापित प्राधिकारियों / संस्थानों के साथ समन्वय में काम किया जाएगा। अतिरिक्त उपायुक्त और सचिव डी.एल.एस.ए ने कहा कि अधिक से अधिक जरूरतमंद लड़कियां इस केंद्र का लाभ उठाए इस बात को सुनिश्चित किया जाना चाहिए और इस संबंधी प्रभावशाली जागरूकता अभियान चलाया जाना चाहिए। इस अवसर पर जिला कार्यक्रम अधिकारी नरिंदर सिंह, डा सतीश कुमार, जगन नाथ, सामाजिक कार्यकर्ता डा सुषमा चावला और परमिंदर बेरी भी उपस्थित थे।
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