
कल्याण केसरी न्यूज़, अमृतसर, 5 दिसंबर 2025: हर वर्ष की तरह जिला अमृतसर में सशस्त्र सेना झंडा दिवस 07 दिसंबर 2025 को मनाया जाना था, किन्तु इस वर्ष 07 दिसंबर रविवार होने के कारण इसे आज दिनांक 05 दिसंबर 2025 को डिप्टी कमिश्नर-कम-प्रधान, जिला सैनिक बोर्ड अमृतसर श्री दलविंदरजीत सिंह के कार्यालय में पहुँचकर मनाया गया।
इस अवसर पर लेफ्टिनेंट कर्नल सरबजीत सिंह सैनी (सेवानिवृत्त), उप-प्रधान जिला रक्षा सेवाएं कल्याण कार्यालय, अमृतसर ने डिप्टी कमिश्नर श्री दलविंदरजीत सिंह अमृतसर के सीने पर झंडा लगाकर कार्यक्रम की शुरुआत की। इस मौके पर डिप्टी कमिश्नर अमृतसर द्वारा रक्षा सेवाएं कल्याण विभाग पंजाब की रणजोधे पुस्तिका भी जारी की गई।
डिप्टी कमिश्नर अमृतसर ने इस दिवस के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि सशस्त्र सेना झंडा दिवस देश के अमर शहीदों को स्मरण कराता है, जिन्होंने हमारा कल सुरक्षित करने के लिए अपना आज कुर्बान कर दिया। इस दिन सुरक्षा बलों द्वारा देश के लिए दी गई सेवाओं और बलिदानों को याद किया जाता है, जिससे सैनिकों के परिवारों को हौसला मिलता है और उन्हें यह विश्वास दिलाया जाता है कि देश की जनता हर अच्छे-बुरे समय में उनके साथ खड़ी है।
देश की एकता और अखंडता बनाए रखने के लिए दुश्मन द्वारा थोपी गई लड़ाइयों और आतंकवाद के विरुद्ध संघर्ष में हमारे सैनिकों ने अनेक शहादतें दी हैं, जो अत्यंत सराहनीय हैं। कई सैनिक शहीद हो गए और कई हमेशा के लिए अपंग हो गए। ऐसे सैनिकों के परिवारों की देखभाल करना सरकार और समाज दोनों की मूल जिम्मेदारी बन जाती है। निस्संदेह सरकार समय-समय पर इन परिवारों की सहायता करती है, परंतु सशस्त्र सेना झंडा दिवस हर नागरिक को हमारे बहादुर सैनिकों और उनके परिवारों के प्रति सम्मान और सहानुभूति व्यक्त करने का एक सुनहरा अवसर प्रदान करता है।
इसलिए भारत का हर नागरिक झंडा दिवस मनाकर दिल खोलकर दान करता है। दान के रूप में संकलित राशि राज्य सरकार के आर्म्ड फोर्सेज फ्लैग डे फंड में जमा की जाती है, जिसका उपयोग देश के लिए शहीद हुए सैनिकों के परिवारों, विकलांग सैनिकों तथा अन्य जरूरतमंद पूर्व सैनिकों की भलाई हेतु चल रही योजनाओं में किया जाता है।
इसी कारण डिप्टी कमिश्नर अमृतसर ने झंडा दिवस पर समूचे अमृतसर जिले के नागरिकों, निजी स्कूलों, कॉलेजों, अस्पतालों, विभागों और संस्थाओं से खुले दिल से दान करने की अपील की। उन्होंने कहा कि आओ, हम भी उन वीर शहीद सैनिकों को नमन करें, जिन्होंने कठिन परिस्थितियों में अपने अनमोल जीवन की परवाह किए बिना देश की सुरक्षा के लिए अतुलनीय बलिदान दिया। इन्हीं शहीदों की कुर्बानी का फल है कि हम आज स्वतंत्र देश में स्वाभिमान के साथ जीवन जी रहे हैं। इसलिए यह हमारा सामाजिक दायित्व बनता है कि हम भी उनके परिवारों की भलाई के लिए अपना योगदान दें। शहीद सदा अमर रहते हैं।
इस शुभ अवसर पर अपनी क्षमता के अनुसार बढ़-चढ़कर दान करने की अपील की गई है।
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