प्रधानमंत्री किसान सम्मान स्कीम के अंतर्गत छोटे किसानों को फार्म भरने के लिए कहा

आय सहायता के तौर पर सालाना 6000 रुपए की राशि किसानों के बैंक खातों में होगी जमा

अमृतसर : पाँच एकड़ तक की ज़मीन वाले किसान परिवारों की वित्तीय सहायता करने के उद्देश्य से भारत सरकार ने ‘प्रधान मंत्री किसान सम्मान निधी स्कीम ’ का ऐलान किया है जिसके अंतर्गत तीन समान किश्तों में राशि योग्य किसानों के बैंक खातों में जमा करवाई जाएगी। पंजाब सरकार ने इस स्कीम को लागू करने के लिए कृषि विभाग को नोडल विभाग के तौर पर नामित किया है। मुखयमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने इस स्कीम को पारदर्शी और परेशानी मुक्त ढंग से लागू करवाने को यकीनी बनाने के लिए विभाग को निर्देश दिए हैं। सरकार द्वारा किसानों को गाँव स्तर पर कृषि सहकारी सभाओं में उपलब्ध स्व-घोषणा फार्म भरने के लिए कहा गया है। किसानों द्वारा भरे गए ये फार्म सहकारी सभाओं की तरफ से तैयार किये आई.टी पोर्टल पर अपलोड किये जाएंगे। इस महीने के अंत तक स्कीम की पहली किश्त के तौर पर 2000 रुपए की राशि किसानों के बैंक खातों में जमा हो जायेगी। इस संबंधी अधिक जानकारी देते हुए डिप्टी कमिश्नर सरदार शिवदुलार सिंह ढिल्लों ने बताया कि इस स्कीम के अंतर्गत छोटा परिवार जिसमें पति, पत्नी और 18 साल से कम आयु के बच्चे हैं और साझे रूप में पाँच एकड़ से अधिक ज़मीन नहीं है, को लाभ के योग्य माना जायेगा।
जिन छोटे किसानों के परिवार का कोई सदस्य सरकारी, बोर्ड, निगम या किसी स्व-निर्भर संस्था में नौकरी कर रहा है या सेवामुक्त हो चुका है, को इस स्कीम का लाभ नहीं मिलेगा।

परन्तु यह शर्त उन परिवारों पर लागू नहीं होती जिन परिवारों का कोई सदस्य दर्जा-4 की नौकरी करता है या सेवामुक्त होकर 10,000 से कम पैंशन ले रहा है। इसी तरह आय कर भरने वाले मौजूदा या सेवामुक्त संवैधानिक पद वाले अधिकारी, एम.एल.ए, एम.पी, मेयर, जि़ला परिषद चेयरमैन भी इस स्कीम से लाभ नहीं ले सकेंगे। अच्छे पेशों के साथ जुड़े पेशेवर डॉक्टर, इंजीनियर, आर्कीटैक्ट, वकील और चार्टर्ड अकाउँटैंट भी इस स्कीम से लाभ लेने के योग्य नहीं हैं। डीसी ढिल्लों ने बताया कि दो लाख से अधिक किसानों द्वारा फार्म भरे जा चुके हैं और सहकारिता विभाग द्वारा इन फार्मों को पोर्टल पर अपलोड किया जा रहा है। उन्होंने योग्य किसानों को जल्द से जल्द गाँव की सहकारी सभाओं में पहुँच कर फार्म भरने के लिए अपील की जिससे इन किसानों की ज़मीन की पहचान करने की कार्यवाही जल्दी मुकम्मल की जा सके और उनके फार्मों को पोर्टल पर अपलोड किया जा सके। पंजाब में करीब 9-10 लाख किसानों को इस स्कीम से लाभ मिलने की आशा है।

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