अमृतसर : पुलवामा हमले के बाद भारत पाकिस्तान दरमियान सरहद पर लगातार बढ़ रहे तनाव के चलते दमदमी टकसाल के प्रमुख और संत समाज के प्रधान संत ज्ञानी हरनाम सिंह खालसा ने दोनों देशों को जंग प्रति उकसाहत पैदा करन की जगह मानवता के और ज्यादाहित के लिए संयम से काम लेने और शान्ति की बहाली को समर्पित होने की सलाह दी है। उन्होंने कहा कि पंजाब एक सरह दी सूबा है और जंग जैसे मौजूदा हलात कारण सरह दी लोगों में भारी सहम है और होने वाले जानी माली नुक्सान के अनुमान के साथ इतना लोगों की चिंता अधिक गई है। उन्होंने कहा कि’71 की जंग दौरान पंजाब के 18 हज़ार से ज्यादा नौजवानों को जानें से हाथ धोने पड़े। उन्होंने दोनों देशों को जंग से गुरेज़ करन की सलाह देते कहा कि जंग की स्थिति में मानवता का घान होता है और लोक को ख़तरनाक नतीजे भुगत ने पेंदे हैं, जिससे होने वाले नुक्सान की भरपायी किसी भी कीमत पर नहीं हो सकती।
उन्होंने कहा कि जंग की स्थिति के साथ लोगों का जन जीवन प्रभावित हो रेहा है, ऐसी में महँगाई काबू से बाहर हो जायेगी । देश की अर्थव्यवस्था चरमरा जाने से रोका नहीं जा सकेगा। दोनों देश परमाणु सम्पन्न होने के कारण जंग दोनों देशों के लिए तबाही का सबब बनेगा।जंग किसी भी मसले का हल नहीं और दोनों देशों को पेशव्यापक मसलों के लिए देहों देशों के मुखियों को मिल बैठकर कोई सारथिकहल निकालना चाहिए।दमदमी टकसाल प्रमुख ने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा जहाँ सबसे अहम हैवहां राजनैतिक पार्टियाँ और नेताओं को भी अपने राजनैतिक स्वार्थोंसे पर उठ कर सोचना चाहिए। उन्होंने देश बसा के हित में भारत के प्रधान मंत्री नरिन्दर मोदी को पाकिस्तान पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर असर दार दबाव पहन ने की रणनीति अपना ने के लिए कहा है। उन्होंने जंग के लिए बिना वजा उकसाहत पैदा कर रहे कुछ कु मीडिया अदारों को भी अपनी जिमेवारी के एहसास का पल्ला न छोडऩे की सलाह दी है।
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