इन्द्रप्रस्थ अपोलो हाॅस्पिटल्स में सेमिनार आयोजित

कैंसर के इलाज में हुए आधुनिक विकास कार्यों पर डाली रोशनी

कल्याण केसरी न्यूज़ अमृतसर : अमृतसर में आज इन्द्रप्रस्थ अपोलो हाॅस्पिटल्स के जाने-माने डाॅक्टरों के द्वारा एक सीएमई ;ब्वदजपदनपदह डमकपबंस म्कनबंजपवदद्ध कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें हाल ही में कैंसर के इलाज में हुए आधुनिक विकास कार्यों के बारे में जानकारी दी गई। सीएमई का आयोजन डाॅ दीपांजन पांडा, सीनियर कन्सलटेन्ट, मेडिकल ओंकोलोेजिस्ट एवं डाॅ रोबिन खोसा, सीनियर कन्सलटेन्ट, रेडिएशन ओंकोलोजिस्ट के द्वारा किया गया, जिन्होंने ओंकोलोजी में हुए आधुनिक विकास कार्यों पर रोशनी डाली। एक दिवसीय प्रोग्राम में अमृतसर के डाॅक्टरों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। डाॅ पांडा और डाॅ खोसा ने कैंसर थेरेपी और इलाज में विकसित आधुनिक तकनीकों पर जानकारी दी। उन्होंने कैंसर के बढ़ते मामलों पर रोशनी डालते हुए बताया कि इन बढ़ते मामलों पर रोक लगाने के लिए क्या किया जा सकता है।

डाॅ पांडा ने बताया, ‘‘कैंसर सबसे आम गैर-संचारी रोगों में से एक है जो आज राज्य में रूग्णता और मौतों का मुख्य कारण बन चुका है। इण्डियन मेडिकल काउन्सिल आॅफ मेडिकल रीसर्च के अनुसार पंजाब में हर 1,00,000 लोगों पर कैंसर केे 100-110 मामले पाए जाते हैं, ये आंकड़े किसी भी अन्य भारतीय राज्य की तुलना में अधिक है। कैंसर के मामले में नियमित स्क्रीनिंग के द्वारा समय पर निदान सबसे ज़्यादा महत्वपूर्ण है, क्योंकि रोकथाम किसी भी बीमारी का सबसे अच्छा इलाज है। जल्दी निदान होने पर कैंसर के मरीज़ के जीवित रहने की संभावना बढ़ जाती है।’’

डाॅ खोसा ने शुरूआती अवस्थाओं में कैंसर के निदान के बारे में बताते हुए कहा कि कैंसर की कोशिकाएं भी आम कोशिकाओं की तरह ही होती हैं। उन्होनंे बताया कि बायोप्सी और रेडियाग्राफी के अलावा भी कैंसर के निदान की कई नई तकनीकें हैं जों कैंसर की स्टेज तथा मरीज़ के जीवित रहने की संभावना के बारे में जानकारी देती हैं।

सीएमई के दौरान कैंसर के इलाज में हुए आधुनिक विकास कार्यों और अपोलो प्रोटोन कैंसर के बारे में भी जानकारी दी गई, जो आधुनिक पेंसिल-बीम स्कैनिंग टेक्नोलाॅजी और मल्टी-रूम प्रोटोन थेरेपी के माध्यम से उच्च सटीकता के साथ कैंसर की देखभाल के क्षेत्र में नए मार्ग प्रशस्त करता है। डाॅक्टरों ने पारम्परिक रेडिएशन थेरेपी की तुलना में प्रोटोन थेरेपी के फायदों के बारे में बताया, जिसके द्वारा दुनिया भर में 200,000 से अधिक मरीज़ों का सफ़ल इलाज किया जा चुका है। प्रोटोन बीम थेरेपी ठीक कैंसर की साईट पर ज़्यादा डोज़ डिलीवरी और अधिक सटीकता के साथ स्वस्थ टिश्यूज़ को नुकसान पहुंचाए बिना कैंसर की कोशिकाओं को नष्ट करती है, जिससे मरीज़ के जीवन की गुणवत्ता पारम्परिक थेरेपी की तुलना में बेहतर हो जाती है और साथ ही सफल इलाज की संभावना भी बढ़ती है। इसमें साईड इफेक्ट्स कम होते हैं और मरीज़ का इलाज बेहतर होता है। कार्यक्रम के दौरान कैंसर इम्युनोलोजी, इन्हीबिटेड कैंसर ग्रोथ, निदान में रेडियोलोजी की भूमिका तथा मिनिमल इनवेसिव सर्जरी पर भी चर्चा की गई।

इन्द्रप्रस्थ अपोलो होस्पिटल्स के बारे में
भारत का पहला जेसीआई-मान्यता प्राप्त अस्पताल, इन्द्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल दिल्ली सरकार एवं अपोलो होस्पिटल्स एंटरप्राइज़ लिमिटेड के बीच संयुक्त उद्यम है। जुलाई 1996 में अपोलो होस्पिटल्स ग्रुप द्वारा स्थापित यह अस्पताल तीसरा सुपर स्पेशलटी टर्शरी केयर अस्पताल है। 15 एकड़ में फैले इस अस्पताल में 300 से ज़्यादा स्पेशलटीज़, 19 आॅपरेशन थिएटर, 138 आईसीयू बैड, चैबीसों घण्टे फार्मेसी, छ।ठस्.मान्यता प्राप्त लेबोरेटरी, 24 घण्टे एमरजेंसी सेवाएं तथा एक सक्रिय एम्बुलेन्स सेवा है। अपोलो होस्पिटल्स दिल्ली भारत में किडनी और लिवर ट्रांसप्लान्ट का प्रमुख प्रोग्राम संचालित करता है। भारत का पहला पीडिएट्रिक एवं एडल्ट लिवर ट्रांसप्लान्ट इन्द्रप्रस्थ अपोलो होस्पिटल्स में ही किया गया। अत्याधुनिक नैदानिक, चिकित्सा एवं सर्जिकल सुविधाओं की सम्पूर्ण रेंज उपलब्ध कराने वाले इस अस्पताल को द वीक सर्वे के द्वारा पिछले कई सालों से भारत के 10 सर्वश्रेष्ठ अस्पतालों की सूची में शामिल किया जा रहा है।

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