बी बी के डी ए वी काॅलेज द्वारा डी बी टी प्रायोजित ‘हर्बल बायोटैक्नोलाॅजी’ विषय पर व्याख्यान का आयोजन

कल्याण केसरी न्यूज़ अमृतसर (हिमांशु): बी बी के डी ए वी काॅलेज फाॅर विमेन अमृतसर के बायोटैक्नोलाॅजी विभाग द्वारा डी बी टी के सौजन्य से ‘हर्बल बायोटैक्नोलाॅजी’ विषय पर व्याख्यान कराया गया, जिसमें स्त्रोत वक्ता की भूमिका गुरू नानक देव विश्वविद्यालय से अध्यक्ष बायोटैक्नोलाॅजी विभाग डाॅ पी के पति ने निभाई। कार्यक्रम में बी ए सी मैडिकल एवं बायोटैक्नोलाॅजी के विद्यार्थियों ने सहभागिता ली। डाॅ पति ने अपने संभाषण को प्राचीन वेदों, धर्म ग्रन्थों एवं वृक्षों जैसे कल्पवृक्ष, चैत्यवृक्ष आदि पर केन्द्रित किया।

आपने इन तथ्यों पर प्रकाश डाला कि प्राचीन समय से ही ऐलोवीरा, गंेदा, पिपरमिंट, तुलसी, रोज़मैरी आदि का प्रयोग दवाआंे के रूप में किया जाता रहा है। आज डाॅक्टरी इलाज और अंग्रेजी दवाओं की कीमतें आसमान छू रही हैं। विडम्बना है कि इतना होकर भी ये दवाइयाँ रोगांे को जड़ से मिटाने की जगह सिर्फ उनके प्रभाव को कम कर रही हैं। जबकि देसी दवाइयों के बहुत से लाभ हैं, लेकिन साथ ही इनकी चुनौतियों को भी हमें समझना होगा। डाॅ पी के पति ने आधुनिक जीवन में बायोटैक्नोलाॅजी के प्रयोग एवं महत्व पर भी रोशनी डाली कि किस प्रकार भोजन के हानिकारक तत्वों को बदल कर उसमें पाइथोकेमिकल बढ़ा कर उसे लाभदायक बनाया जा सकता है।

प्रिंसिपल डाॅ पुष्पिन्दर वालिया ने स्त्रोतवक्ता को संस्था की ओर से सम्मान चिह्न प्रदान कर सम्बन्धित विभाग को शुभकामनाएँ प्रदान की। इस अवसर पर डाॅ रश्मि कालिया, डाॅ कामिया, प्रो शैलजा, प्रो पवनजीत कौर, प्रो हरप्रीत कौर एवं प्रो अमरदीप सिंह उपस्थित थे। उल्लेखनीय है कि काॅलेज डी बी टी स्पोंसर्ड स्टार काॅलेज स्कीम की गतिविधियों में वर्षां से सक्रिय है।

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