कल्याण केसरी न्यूज़ अमृतसर : बी. बी. के. डी. ए. वी. काॅलेज फाॅर विमेन के प्रांगण में कृष्णजन्मोत्सव के उपलक्ष्य में विषेष हवन यज्ञ का आयोजन किया गया। इस अवसर पर श्री सुदर्षन कपूर (अध्यक्ष, स्थानीय प्रबन्धकत्र्री समिति) तथा प्राचार्या डाॅ. पुष्पिंदर वालिया मुख्य यजमान के रूप में उपस्थित रहे। स्वामी ओमकारानन्दा तथा उनके षिष्य श्री विवेकानन्द भी पधारे। आदरणीय प्राचार्या ने आए हुए अतिथियों का स्वागत करते हुए छात्राओं को अपने सम्बोधन में कहा कि, ‘‘मनुष्य को सदैव सत्य तथा धर्म के मार्ग पर चलना चाहिए। सन्तों की सत्य वाणी को अपने जीवन में धारण करना चाहिए।’’
स्वामी ओमकारानन्द ने छात्राओं को अपने वक्तव्य में गायत्री मंत्र का अर्थ स्पष्ट करते हुए कहा कि वेद वाणी तथा गुरू वाणी को समझ उस मार्ग पर चलना ही उत्तम है। आपने कहा कि ‘मन जीते जग जीते’ अतः हमें अपने मन पर नियन्त्रण करना अत्यावष्यक है। त्याग, वैराग्य ही जीवन मूल्य है। प्रयत्न कर हम ज्ञान तथा परमात्मा को प्राप्त कर सकते है। स्वामी विवेकानन्द ने ‘‘आचारः परमो धर्मः पर बल देते हुए कहा कि आचार ही मनुष्य का परम धर्म है। विचार एवं प्रतिक्रियाएं मिलकर ही मनुष्य की आदतें बनती है। अतः षिष्टाचार का सदैव पालन करना चाहिए।
श्री सुदर्षन कपूर जी ने आए हुए अतिथियो का धन्यवाद करते हुए छात्राओं को आर्य समाज के नियमों तथा ईष्वर के स्वरूप से अवगत कराया। इस अवसर पर सरदार मोहिन्द्रजीत सिंह, कर्नल वेद मित्तल, श्रीमती बलबीर कौर बेदी, आर्य युवती सभा के सदस्य, टीचिंग, नाॅन टीचिंग स्टाॅफ तथा छात्राएं उपस्थित रहीं।