पंजाब सरकार जमींन अधिग्रहण के लिए ढुलमुल नीति न अपनाए : श्वेत मलिक

कल्याण केसरी न्यूज़ अमृतसर:  प्रदेश भाजपा अध्यक्ष व राज्यसभा सांसद श्वेत मलिक ने अमृतसर-फ़िरोज़पुर रेलवे लिंक प्रोजेक्ट पर प्रदेश कांग्रेस की कैप्टन सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहाकि इस प्रोजेक्ट उन्होंने संसद में आवाज़ उठाइके लिए केंद्र की मोदी सरकार द्वारा उनके प्रयासों स्व तीन साल पहले ही 300 करोड़ रूपये का फंड जारी कर दिया गया था, जिसमे 40  करोड़ रूपये का हिस्सा पंजाब सरकार ने डालना था, लेकिन पंजाब सरकार कंगाल हो चुकी है जिसके चलते इस प्रोजेक्ट को ठन्डे बसते में डाल दिया गया और अभी तक उसका काम पूरा नहीं हुआ I मलिक ने कहाकि पंजाब सरकार के करनी और कथनी में बहुत अंतर है I उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार जो कह रही है उसमें से एक भी काम उन्होंने पूरा नहीं किया I मलिक ने कहाकि अमृतसर फिरोजपुर लिंक जुड़ने से हमारी सेना को भी बहुत  बल मिलेगा, क्योंकि यह रूट बॉर्डर बैल्ट के साथ होने के कारण हमेशा ही तनाव में रहता है और इस रूट के शुरू होने से सेना को तथा उनके सामान की आवाजाही में बहुत आसानी होगी I

मलिक ने कहाकि इस रेल लिंक प्रोजेक्ट के लिए केंद्र सरकार ने 299 करोड़ की राशि को तीन साल पहले ही मंजूरी दे दी  थी, लेकिन कांग्रेस की कैप्टन सरकार ने सिर्फ अख़बारों में ही इस पर कार्य किया हकीकत में कुछ नहीं I मलिक ने पंजाब के स्वर्णिम भविष्य के उठाये गए मुद्दे की मांग पर नरेंदर मोदी, पूर्व वित्-मंत्री स्वर्गीय अरुण जेटली व पूर्व रेल मंत्री सुरेश प्रभु पीयूष गोइल का  धन्यवाद किया । मलिक ने कहाकि पंजाब प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने भी इस प्रोजेक्ट को अहमियत देते हुए भूमि  अधिग्रहण प्रारम्भ किया था और फ़िरोज़पुर व तरनतारन के डी.सी. ने आवश्यक जमीन के लिए इस प्रोजेक्ट को पूर्ण करने की रिपोर्ट सौंपी थी,  लेकिन बहुत दुःख  की बात है कि  कांग्रेस सरकार के मुख्यामंत्री  कैप्टन अमरिंदर सिंह एवं वित्मंत्री मनप्रीत सिंह बादल को बार बार याद करवाने के बावजूद इस प्रोजेक्ट के लिए पंजाब सरकार द्वारा अपने हिस्से की डाली जाने वाली मात्र 40 करोड़ रूपए की राशि नहीं दी गई और यह प्रोजेक्ट करीब तीन साल से अटका रहा । मलिक ने बताया की अमृतसर-फ़िरोज़पुर रेलवे मार्ग आजादी के पहले से चल रहा था लेकिन आजादी के बाद बंद हो गया I इस प्रोजेक्ट के पूर्ण होने के बाद अमृतसर से मुम्बई तक एक नया रेल रूट मिल जाएगा और पंजाब, जम्मू- कश्मीर, हिमाचल, गुजरात, महाराष्ट्र एवं राजस्थान को जोड़ देगा।

मलिक ने कहाकि आज अमृतसर से मुंबई तक केवल एक रूट है जो कि जालंधर, लुधियाना, अम्बाला से होकर गुजरता है । जब भी कभी आंदोलन हुए या कोई रेल दुर्घटना हो जाए तो उत्तर भारत के तीन मुख्या राज्यों  पंजाब, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल का देश के बाकि राज्यों से संपर्क टूट जाता है और यह रूट अधिक व्यस्त होने के कारण इस रूट पर यात्रियों के सुविधा के लिए कोई नई गाड़ी नहीं मिलती ।  मलिक ने बताया कि फ़िरोज़पुर-अमृतसर रेल लिंक जुड़ने से अमृतसर मुंबई की दुरी 250 किलोमीटर  कम होने के साथ 5 घंटे का कम समय भी लगेगा । मलिक ने कहाकि अगर अमृतसर से मुंबई तक का नया रेलवे मार्ग बनाना  हो तो कम से कम 2 लाख करोड़ का खर्च आएगा, जबकि पंजाब  के मात्र 40 करोड़ रूपए की राशि देने से यह मकसद कब का पूरा हो सकता था ।
मलिक ने कहाकि पंजाब-राजस्थान व जम्मू-कश्मीर सीमावर्ती राज्य हैं और जिसमे  ज्यादातर सेना की आवाजाही होती है । यह रेल लिंक बनने के बाद भारतीय  सेना को आने  में बहुत बड़ी रहत मिलेगी और पंजाब के यात्रियों को दूसरे राज्यों तक जाने के लिए कई नए गाड़िया मिल जाएगी । पंजाब के साथ अन्य पांच पड़ोसी राज्यों को भी इस रेलवे लिंक के शुरू होने से व्यापार में बहुत लाभ मिलेगा और पंजाब के कृषि उत्पाद, होजरी का अदान-प्रदान से पंजाब को आर्थिक लाभ होगा ।
इस अवसर पर जिला भाजपा अध्यक्ष आनंद शर्मा, प्रदेश सचिव सुरेश महाजन, प्रदेश प्रवक्ता राजेश हनी, केवल गिल, राजिंदर मोहन सिंह छीना, पूर्व मेयर बक्शी राम अरोड़ा, प्रदेश मीडिया सह-प्रभारी जनार्दन शर्मा, हरविंदर संधू, संजीव खोसला, जोगिन्दर वाही, गौतम अरोड़ा, अजय अरोड़ा, तरुण अरोड़ा, सतपाल डोगरा, डॉ. राजेश राममूर्ति, मोनू महाजन सहित कई भाजपा कार्यकर्ता मौजूद थे I

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