पिछले दिनों शहर के नवी आबादी इलाके में सीवरेज साफ़ करते हुए अपनी जान गंवाने वाले कर्मी की मौत पर गहरा दुःख व्यक्त करते हुए जिला भाजपा अध्यक्ष सुरेश महाजन ने मृतक के परिवार वालों के साथ दुःख की इस घड़ी में संवेदना व्यक्त की है। भाजपा अध्यक्ष सुरेश महाजन ने परिवार के साथ इन्साफ की लड़ाई में हर सम्भव मदद का भरोसा भी दिलाया है। सुरेश महाजन ने कहाकि नगर निगम द्वारा अपने कर्मचारियों की जिन्दगी को दांव पर लगा कर शहर में सीवरेज की सफाई कारवाई जाती है। निगम की इसी लापरवाही के चलते पिछले दिनों सीवरेज की सफाई करते हुए एक सफाई कर्मचारी की मौत हो गई थी, जिसके बाद अब खानापूर्ति के लिए मशीनों द्वारा सीवरेज की सफाई करवाए जाने की बात कही जा रही है। महाजन ने कहाकि सुपर-सक्शन मशीनों का उपयोग केवल मुख्य सीवरेज लाइनों की सफाई में किया जाता है ।
सुरेश महाजन ने कहाकि केवल बरसात के मौसम में शहर के सीवरेज से डिसिल्टिंग न किये जाने के चलते बारिश के दौरान सारा शहर नदी का रूप ले लेता है । ऐसे में नगर निगम अपने सफाई श्रमिकों को सड़कों और इलाकों में सीवर लाइनों में मैनहोल की रुकावटों को खत्म करने के लिए बिना समुचित सुरक्षा प्रबंधों व गैस मास्क के जान हथेली पर रख कर गंदगी और खतरनाक बैक्टीरिया से भरे गटरों व मैनहोलों में उतार दिया जाता है । महाजन ने कहाकि इसके परिणामस्वरूप वे गंभीर त्वचा रोगों के अलावा दस्त, टाईफाइड, हेपेटाइटिस-बी, सांस और पेट की बीमारियों के शिकार हो जाते हैं । माहाजन ने कहाकि ‘टैटनी’ नामक बैक्टीरिया इनके खुले घावों को टैटनस में बदल देता है । चूंकि सीवरेज की सफाई करने वाले अधिकांश कर्मचारियों को मैनहोलों में सुरक्षा उपकरणों के बगैर ही उतर कर सफाई करनी पड़ती है, इसलिए जहरीली गैसों व दम घुटने के कारण उनकी मौत भी हो जाती है । महाजन ने कहाकि सफाई कर्मियों की मौत की जिमेवार नगर निगम और उसके उच्च-अधिकारी है।
सुरेश महाजन ने कहाकि सीवरेज में विषैली गैस चढऩे से होने वाली दुखद मौतों के ये कोई इक्के-दुक्के उदाहरण नहीं हैं बल्कि अक्सर ऐसी घटनाएं होती ही रहती हैं क्योंकि सीवरेज में सफाई के लिए उतरे कर्मचारियों को बचाव के लिए जरूरी गैस मास्क व अन्य सुरक्षात्मक उपकरण उपलब्ध नहीं करवाए जाते । महाजन ने कहाकि अत: इस बात की अत्यधिक आवश्यकता है कि सीवरेज कर्मियों को सफाई आदि के लिए समुचित सुरक्षा प्रबंधों के साथ गैस मास्क देकर ही सीवरेज में उतारा जाए और यदि उन्हें गैस मास्क उपलब्ध न किए जाएं तो कर्मचारी सीवर में उतरने से इंकार कर दें । महाजन ने कहाकि जब तक ऐसा नहीं किया जाएगा, इस तरह की घटनाएं होती ही रहेंगी और गरीबों के परिवार उजड़ते रहेंगे । दुर्घटना के बाद सरकार द्वारा मृतकों के परिवारों को कुछ लाख रुपए राहत देकर कर्तव्य की इतिश्री मान लेना काफी नहीं है ।