करोना खि़लाफ़ जंग में सरकारों व समाज सेवीं संस्थायों के साथ-साथ लोग भी दें अपना योगदान

इस समय पर देश करोना वायरस को ले कर बहुत ही नाजुक दौर में से गुजऱ रहा है। इस बीमारी की गंभीरता का अंदाज़ा इस बात से ही लगाया जा सकता है कि जिन देशों में अच्छे डाक्टर, अच्छे हस्पताल उपलब्ध हैं या जिन देशों के साफ़ सफ़ाई और अनुशासन की लोग मिसालें देते हैं, उन देशों में करोना वायरस के साथ लडऩे में हाथ खड़े कर दिए और कई देशों में तो अभी तक भी हालात काबू में नहीं आ रहे। इस लिए इस करोना वायरस को हलके में लेना बहुत ही बड़ी भूल मानी जा सकती है। इसकी गंभीरता को देखते हुए देश के प्रधानमंत्री नरिन्दर मोदी ने पहले 31 मार्च तक और फिर 21 दिनों का ओर सख्त तौर पर लाक डाउन की घोषणा भी की है क्योंकि उन को यह बात अच्छी तरह के साथ पता है कि यदि यह करोना वायरस परमात्मा न करे कहीं भारत में फैल गया तो इस के साथ लडऩा बहुत ही मुश्किल हो जायेगा। भारत में अस्पतालों की संख्या के इलावा सेहत सुविधाएं देने के लिए बहुत ही समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। यहाँ अब सोचने वाली बात है कि फिर इस करोना वायरस से किस तरह के साथ बचाव हो सकता है, आखिर किन्नें बातों के साथ इस नामुराद बीमारी को देश में फैलने से रोका जा सकता है। सरकार चाहे कोई भी हो चाहे वह केंद्र की सरकार हो चाहे वह राज्य सरकारें हो वह इस बीमारी को बहुत ही गंभीरता के साथ ले रहे हैं और जितना हो सकता है अपना बनता योगदान दे रहे हैं। इसके साथ समाज सेवीं संस्थाएं भी आगे आ रही हैं परन्तु इसके साथ साथ लोगों का सहयोग बहुत ही ज़रूरी है। इस में लोगों की तरफ से भी योगदान देना बहुत ही ज़रूरी है, लोगों के सहयोग के साथ बिना इस बीमारी के साथ लडऩा सरकारों के लिए बहुत ही मुशिकलें पैदा कर सकता है। जिस तरह सरकारें और प्रशासन लोगों के लिए कुछ दिशा -निर्देश या प्रबंध चलाने के लिए जिस तरह करने के लिए कहा जा रहा है, उसी तरह करना बहुत ही ज़रूरी है।

अकेले अपने परिवार का ही नहीं बल्कि समूची मानवता का सोचें लोग जब देश के प्रधानमंत्री नरिन्दर मोदी ने लाक डाउन की घोषणा की तो चारों तरफ़ हफड़ा -तफड़ी का माहौल सा बन गया। हर व्यक्ति यह सवाल करने लगा कि हमारा खाने का समान, दवाएँ और ओर समान हमारे तक किस तरह पहुंचेगा। हर व्यक्ति ने समुची मानवता का न सोच कर केवल अपने परिवार का सोचते हुए अपने परिवार के लिए बहुत सारा समान इक_ा करना शुरू कर दिया। इसका नतीजा क्या हुआ कई लोग ज़रूरी वस्तुएँ से रह गए, फिर दोष किस को दिया जा रहा है प्रशासन और सरकारों को कि उन के सभी चीजों का प्रबंध नहीं किया। देश की संख्या कम नहीं है, सभी का प्रबंध बिना दुकानों के बिना खोले प्रबंध करना बहुत ही कठिन काम होता है। धीरे धीरे सभी प्रबंध प्रशासन की तरफ से किये जा रहे हैं। इस में लोगों का सहयोग बहुत ही ज़रूरी है। करोना वायरस कोई यह नहीं है कि केवल एक राज्य के फैला है, सारे देश में यह वायरस धीरे धीरे फैलता दिखाई दे रहा है, इस वायरस को किस तरह के साथ हराया जा सकता है, इसके लिए सभी को मिल कर योगदान देना होगा। जिस तरह सरकारें, सेहत विभाग, जि़ला प्रशासन की तरफ से हिदायतों जारी की जा रही हैं, उन हिदायतों का पालन करके इस करोना वायरस को जड़ से ख़त्म किया जा सकता है।

Check Also

पंजाब पुलिस ने विदेशी तस्करों द्वारा समर्थित हथियार तस्करी मॉड्यूल का भंडाफोड़; छह लोग गिरफ्तार

पुलिस टीमों ने उनके कब्जे से तीन आधुनिक ग्लॉक पिस्तौल सहित 10 पिस्तौल बरामद कीं: …