दमदमी टकसाल के मुखी और संत समाज के प्रधान संत ज्ञानी हरनाम सिंह खालसा ने कोरोना वायरस की महामारी दौरान तालाबंदी और कर्फ्यू का सामना करने के लिए मजबूर जरूरतमंद लोगों की हर संभव मदद करने और उन्हों तक लंगर पहुँचाने और बाकी सब सहूलत पहुँचाने के लिए सिख संगत और सिख संस्थाओं को आगे आने के लिए कहा। उन्होंने सरकार को भी मुश्किलों का सामना कर रहे आम लोगों के घर तक जरूरत मंदी वस्तुएं और जरूरी सेवाओं की निरंतर सप्लाई यकीनी करने के प्रति जरूरी कदम उठाने की जरूरत पर जोर दिया है। सरचांद सिंह ने बताया कि महामारी कोरोना वायरस के कारण पंजाब में लगे कर्फ्यू दौरान दमदमी टकसाल के मुखी संत ज्ञानी हरनाम सिंह खालसा ने देशों निर्देशों के तहत टकसाल के सिखों की तरह से गरीब परिवारों तक लंगर पहुंचाने की सेवा निभाई जा रही है। दमदमी टकसाल, जत्था भिंडरा मेहता के ब्रांच डेरा बाबा जवाहर दास जी चैरिटेबल ट्रस्ट रजिस्टर्ड और गुरुद्वारा बाबे संहिता सरस्वतपुर जालंधर की तरह से दर्जन आसपास के नजदीक की गांव में लंगर बताया जा रहा है। इसी तरह संत ज्ञानी गुरबचन सिंह खालसा अस्पताल मेहता की तरफ से 24 मार्च से 15 अप्रैल तक जरूरतमंद के लिए इमरजेंसी सेवाएं 24 घंटे के लिए खोली गई। जिसको जरूरत पड़ने पर आगे बढ़ाते हुए सेवाएं निरंतर जारी रखी जाएंगी। दमदमी टकसाल मुखी ने सिख संगठनों में कमेटी स्वयंसेवी संस्थाएं और सरकारी मुलाजिम की तरफ से मौजूदा हालातों में निभाई जा रही सेवाएं और राहत कार्यों की उपासना की। उन्होंने राजसी पार्टियों को भी समय की नजाकत को देखते हुए सियासी इर्खेबाज़ी छोड़ के लोगों की सेवा को समर्पित होने की अपील की है।
उन्होंने कहा कि गरीब वर्ग दो वक्त की रोटी के लिए सरकारी और गैर सरकारी मदद की उडीक कर रहे हैं। सरकार की तरफ से महामारी को रोकने के लिए हर जरूरी कदम उठाया जा रहा है पर कालाबाजारी के चलते हुए आम लोग महंगाई की मार झेलने के लिए मजबूर हैं। उन्होंने अफसोस प्रकट करते हुए कहा कि कई शहरों में हजारों लोगों कोरोना के कारण मौत के खून में गए हैं और निरंतर जा रहे हैं। इस वक्त दुनिया पूरी तरह सेहमी हुई है। आज हर गुरसिख के लिए अपने गुरु साहिबान की तरफ से दिए गए सरबत के भले की प्रेरणा को परवान करते हुए दिखाने की जरूरत है। इसलिए ज्यादा से ज्यादा लोगों की सेवा यकीनी बनाई जाए। इस मौके बाबा जी वाशिंग, ज्ञानी साहिब सिंह , अजीत सिंह , सुखदेव सिंह , जरनैल सिंह , रविंदर पाल सिंह , रछपाल सिंह गोंडा , मास्टर सुखविंदर सिंह , चरणजीत सिंह पंच और अरिजीत सिंह आदि मौजूद थे।