कोरोना वायरस के प्रकोप के कारण गुरु नानक देव यूनिवर्सिटी की तरह से दी गई एहतियात के तौर पर उठाए जा रहे कदमों में एक और बढ़ावा करते हुए विद्यार्थियों को ऑनलाइन शिक्षा देने के बाद अध्यापकों को भी अपडेट करने के लिए ऑनलाइन वर्कशॉप का सिलसिला शुरू करने जा रही है। गुरु नानक देव यूनिवर्सिटी के विभाग स्कूल ऑफ एजुकेशन की तरफ से इसकी शुरुआत 10 अप्रैल से की जा रही है। वर्कशॉप के प्रोजेक्ट कोऑर्डिनेटर डॉ अमित कोटस ने बताया कि यूनिवर्सिटी के उप कुलपति डॉक्टर जसपाल सिंह की तरफ से ऑनलाइन वर्कशॉप को उत्साहित करने के लिए निजी तौर पर दिखाई गई दिलचस्पी के कारण ही यह संभव हो सका है। कोरोना वायरस के कारण ऑनलाइन शिक्षा और वर्कशॉप समय की जरूरत भी बन गई है। अध्यापक और सिखलाई के अधीन उच्च शिक्षा विभाग मुख्य स्रोत विकास मंत्रालय की योजना के अधीन पंडित मदन मोहन मालवीय राष्ट्रीय मिशन की योजना के तहत 10 अप्रैल को स्कोप्स और मैंडेली का इस्तेमाल करते हुए योजना बंदी और आयोजित खोज के विषय पर और एक दिवस की ऑनलाइन वर्कशॉप का आयोजन किया जा रहा है। इस वर्कशॉप में हिस्सा लेने के लिए अध्यापकों को बुलावा दिया गया है ताकि वह स्कोप्स और मैंडेली को इस्तेमाल के अभ्यास खोज को ज्यादा प्रभावशाली और योजनाबद्ध के साथ आगे बढ़ा सकें।
इसमें अध्यापकों को यह अंतर्दृष्टि भी प्रदान की जाएगी कि वह कैसे समीखियाका, रसलियो का चुनाव , फंडिंग के मौके कैसे ढूंढने ? संबंधित सार्थक सामग्री कैसे और कहां से ढूंढनी? खोज के रुझान और प्रभाव को कैसे समझाया जाए ? आदि और बाकी बारीकियों को वर्कशॉप के दौरान ऑनलाइन अपडेट किया जाएगा। अध्यापकों को इस संबंधी जानकारी और गूगल फॉर्म का लिंक रजिस्ट्रेशन के लिए भेजा जा रहा है। यूनिवर्सिटी की तरफ से वर्कशॉप संबंधी बाकी जानकारी के लिए मोबाइल नंबर 9815222084 भी उपलब्ध करवाया गया। डॉ कोट्स ने यह बताया कि वह 400 अध्यापकों और खोज विद्यार्थियों से अपनी रजिस्ट्रेशन करवा चुके हैं जिसके कारण इस वर्कशॉप की सीटों को बढ़ाकर 500 कर दी गई है। यूनिवर्सिटी की इस मानमती प्राप्ति का सारा धन्यवाद गया उपकुलपति डॉ संधू की मेहनत और लगन को दिया है और साथ ही कहा है कि मैं इस वर्कशॉप को ज्यादा दूर निक बनाने के लिए काम जारी रखेंगे।