कल्याण केसरी न्यूज़ अमृतसर: कोविड-19 को के कारण देश भर में लॉकडाउन कर दिया गया है और सभी देशों और राज्यों द्वारा उनकी सीमाओं को सील करने के कारण, जम्मू और कश्मीर के 14 छात्र, जो अमृतसर फसे हुए थे, डिप्टी कमिश्नर शिवदुलार सिंह ढिल्लों के प्रयासों से अपने घर लौट गए है। साथ ही, 41 पाकिस्तानी, जो अमृतसर सहित देश के कई हिस्सों में फंसे हुए थे, दोनों देशों की सरकारों की अनुमति से घर लौटने का मौका मिला। एसडीएम शिवराज सिंह बल ने कहा कि ये 14 छात्र पिछले 28 दिनों से अमृतसर में रह रहे थे और जम्मू-कश्मीर की सीमा के कारण अपने घर नहीं जा सकते थे। जिला प्रशासन, अतिरिक्त डिप्टी कमिश्नर डॉ हिमाशुं अग्रवाल के विशेष निर्देशों ने इन बच्चों को आवास और भोजन उपलब्ध कराया, लेकिन घर जाने की उनकी मांग के जवाब में, उपायुक्त ढिल्लों ने राज्य सरकार के माध्यम से जम्मू-कश्मीर सरकार से संपर्क किया और उन्होंने सभी बच्चों को एक कोविड परीक्षण करवाने के लिए बोला।
सभी छात्रों का परीक्षण किया गया, जो उम्मीद के मुताबिक नकारात्मक थे, जिसके कारण उन्हें इन बच्चों को स्वीकार करना पड़ा। आज, पंजाब रोडवेज की विशेष बस को लखनऊ सीमा पर भेजा गया, जहाँ जम्मू-कश्मीर सरकार ने एक बस भेजने और इन बच्चों को उनके घरों में भेजने की व्यवस्था की। लौटने वाले बच्चों ने अमृतसर प्रशासन द्वारा दी गई सुविधाओं और घर लौटने के लिए उठाए गए कदमों की सराहना की और कहा कि इनकी वजह से हमें घर जाने का सौभाग्य मिला है।
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान द्वारा सील की गई सीमा के कारण 41 पाकिस्तानी देश के विभिन्न हिस्सों में फंस गए थे, उनको भी आज दोनों तरफ की सरकारों द्वारा सहमति देकर बॉर्डर गेट खोल कर घर भेज दिया है। इन पाकिस्तानी नागरिकों ने पंजाब सरकार के साथ-साथ दोनों देशों की सरकारों द्वारा की गई पहल की भी प्रशंसा की,जिस कारन वे अपने घरों तक पहुंच सकें।