कल्याण केसरी न्यूज़ अमृतसर: शिरोमणी अकाली दल ने आज कोविड-19 की बीमारी से पंजाब में मृत्यु की दर पूरे देश में सबसे ज्यादा होने पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए कहा है कि यह अपने आप में राज्य सरकार की इस बीमारी की रोकथाम में विफलता का संकेत है, जो सुरक्षित किटें उपलब्ध करवाने,अस्पतालों का बुनियादी ढ़ांचा सुधारने यां मरीजों की देखभाल करने में बुरी तरह विफल साबित हुई है। यहां पत्रकारों से बातचीत करते हुए पूर्व मंत्री सरदार बिक्रम सिंह मजीठिया ने कहा कि कितनी हैरानी की बात है कि पंजाब में कोविड से मृत्यु की दर देश भर में सबसे ज्यादा 6फीसदी है,जबकि पड़ोसी राज्य हरियाणा में मृत्यु दर एक फीसदी से भी कम है। उन्होने मुख्यमंत्री से इस मुद्दे पर तत्काल एक खोज रिपोर्ट तैयार करने का आदेश देने तथा मृत्यु दर घटाने के लिए आवश्यक कदम उठाने की अपील की। सरदार मजीठिया ने पंजाब सरकार को अपनी रणनीति में बदलाव करने के लिए आग्रह करते हुए कहा कि इसे केरल का मॉडल अपनाना चाहिए। उन्होने कहा कि केरल ने कोविड मरीजों तथा उनके साथ जुड़े सभी लोगों को एकांतवास में डालकर न सिर्फ मृत्यु दर घटाई है, बल्कि कोविड पॉजीटिव केसों की गिनती कम कर दी है। उन्होने कहा कि इसके अलावा सरकार को पीपीई किटें उपलब्ध करवानी चाहिए, ज्यादा से ज्यादा लोगों के टेस्ट किए जाने चाहिए तथा अस्पतालों का बुनियादी ढ़ाचा सुधारना चाहिए।
उन्होने कहा कि अफसोस की बात है कि पीपीई किटों की खरीद में भी भ्रष्टाचार सामने आना शुरू हो गया है तथा अमृतसर के डॉक्टरों ने इन किटों को पहनने से इंकार कर दिया है। इस मामले की जांच की जानी चाहिए। यह टिप्पणी करते हुए कि पंजाब हरियाणा द्वारा अपनाई रणनीति से कोई सबक ले सकता है, जिसने ज्यादा टेस्ट करके तथा अस्पतालों में बुनियादी ढ़ांचे में सुधार करके मृत्यु की दर को सिर्फ एक प्रतिशत तक ही रोक दिया है, अकाली नेता ने कहा कि पंजाब में यह हाल है कि स्वास्थ्य स्टाफ अभी तक पीपीई किटों की मांग कर रहे हैं तथा मरीज साफ सफाई तथा उचित उपचार न होने की शिकायत कर रहे हैं। उन्होने कहा कि सरकार ने अभी तक आवश्यक वेंटिलेटर भी नही खरीदें हैं तथा इन सभी बातों के कारण जालंधर तथा अन्य जगहों पर स्थिति काबू से बाहर हो चुकी है। उन्होने कहा कि चल रहे गेंहू की खरीद के सीजन के दौरान मंडियों में कोई टेस्ट नही किए जा रहे हैं। उन्होने कोविड फंड के लिए सरकारी कर्मचारियों के वेतन में से 750 रूपए की कटौती करने के लिए भी सरकार की आलोचना की। सरदार मजीठिया ने पंजाब सरकार को मजदूरों की भारी कमी को देखते हुए धान की बिजाई 15 जून से शुरू करने संबधी लगाए प्रतिबंधों को भी हटाने के लिए कहा। उन्होने कहा कि सरकार को धान लगाने वाली मशीनों पर 75 फीसदी सब्सिडी देकर किसानों को मशीनों से धान लगाने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए। उन्होने कहा कि सरकार को यह मशीने खरीदकर सहकारी समितियों को देनी चाहिए ताकि किसान इनका इस्तेमाल कर सकें। सरदार मजीठिया ने राज्य में अवैध ढ़ंग से बेची जा रही शराब की भी निंदा की। उन्होने कहा कि यह अवैध कारोबार कांग्रेसी नेताओं के संरक्षण में किया जा रहा है। उन्होने कांग्रेसी नेता सैमसंन मसीह की गौ हत्या के केस में लिप्त होने की निंदा की।