कल्याण केसरी न्यूज़ अमृतसर: गेंहू की कटाई के उपरांत बचे हुए डंठल में चाहे बहुत डंठल पशुओं के लिए तुढ़ी बनाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है लेकिन कई बार किसान कम मात्रा में बची हुए ठूंठ को आग लगने की कोशिश करते है, जोकि इस बार सख्ती के साथ रोका जाएगा। ऊपर सपष्ट करते जिला खेती अधिकारी हरिंदरजित सिंह ने बताया कि डिप्टी कमिश्नर शिवदुलार सिंह ढिल्लो की ओर से डंठल को जलाने के मुद्दे पर रोक लगने को मनाही हुक्म जारी किया जा चुका है और खेतीबाड़ी विभाग के सेक्टरी और मिशन तंदरुस्त पंजाब के डायरेक्टर काहन सिंहपुन्नू और डायरेक्टर खेतीबाड़ी डॉ स्तंत्र कुमार ऐरी की ओर से भी सभी पंजाब में विभाग के अधिकारियों को डंठल जलाने रोकने की हिदायते जारी कर दी गई है। उन्होंने बताया कि विभाग ने जिले में टीमें बना दी है , तांकी हर एक खेत पर नजर रखी जा सके। उन किसानों को अपील की जाती है कि डंठल को जला कर किसान मुफ्त में मिल रहा नाइट्रोजन, पोटाश, फास्फोरस वह अन्य तत्व गवा लेते है और फिर भी चावल की खेती के लिए मूल लेकर खेत में डालते है। इसी तरह एक तो बड़ी मात्रा में कार्बन ऑक्साइड , कार्बन मोनो ऑक्साइड और मीथेन जैसी जहरीली गैस हनारिसेहट को नुक़सान पहुंचती है, दूसरी ओर रासायनिक खांदे हमारी जेब पर भारी पड़ती है। उन्होंने कहा कि किसान अगर यह डंठल – प्राली को मत जलाए तो धरती की उपजाऊ शक्ति में अथाह बढ़ावा हो सकता है, जोकि फसल की झाड़ को बड़ा कर किसान की आर्थिकता मजबूत करेगी।
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