कल्याण केसरी न्यूज़ जालंधर (17 जुलाई ):शिरोमणी अकाली दल ने आज केंद्रीय राशन मेें धांधली करने वाले जालंधर (सेंट्रल) विधायक राजिंदर बेरी के खिलाफ तुरंत कार्रवाई की मांग की और केंद्र से मिलने वाले राशन का खुले बाजार में बेचने वाले अपने समर्थकों के साथ साथ अन्य कांग्रेसियों में इसे वितरित कर दिया गया। उन्होने लॉकडाउन के दौरान बंद की गई मिड-डे मील योजना को तत्काल चालू करने की मांग की है।यहां डिप्टी कमिशनर को इस मुद्दे पर मेमोरेंडम सौंपते हुए विधायक पवन कुमार टीनू, जालंधर इकाई के अध्यक्ष कुलवंत सिंह मानन व बलजीत सिंह नीलमहल सहित केंद्रीय प्रतिनिधिमंडल ने केंद्रीय राशन का गबन करने वाले सभी कांग्रेसियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए उन सभी अधिकारियों को भी अनुकरणीय सजा देने की मांग की, जिन्होने कांग्रेसियों को गरीबों व जरूरतमंदो को केंद्र से प्राप्त खाद्यान्न व दालों का गबन करने की अनुमति दी थी।
इस बात की अन्य जानकारी देते हुए पवन कुमार टीनू ने कहा कि राज्य की आधी आबादी वाले 1.44 करोड़ लोगों को केंद्रीय राशन वितरण के लिए कोई मानदंड तय नही किया गया था।उन्होने कहा कि खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग के साथ साथ जिला प्रशासन ने सिर्फ कांग्रेसियों को इस योजना का हाईजैक करने और खाद्य भंडार लेने की अनुमति दी थी। उन्होने कहा कि हाल ही में एक होटल में केंद्रीय राशन प्राप्त होना और जालंधर (सेंट्रल) विधायक द्वारा कल गलत तरीके से वितरित किया जा रहा इस बात का सबूत है कि कांग्रेसी खाद्य भंडार में धांधली कर रहे थे। उन्होने कहा कि महामारी के दौरान ऐसी अमानवीय गतिविधियों में लिप्त लोग राष्ट्र विरोधी हैं और इनके साथ सख्ती से निपटा जाना चाहिए।
टीनू ने कहा कि स्थिति ऐसी थी कि केंद्र से प्राप्त कुल राशन का केवल दस से पद्रंह फीसदी ही जिले के विभिन्न निर्वाचन क्षेत्रों में वितरित किया गया था। उन्होने कहा कि आदमपुर में प्राप्त राशन का केवल दस प्रतिशत ही वितरित किया गया था। उन्होने राशन घोटाले का पर्दाफाश करने वाले पत्रकारों को डराने वाले कांग्रेसियों के खिलाफ भी कार्रवाई की मांग की। उन्होने कहा कि कल ही एक पत्रकार जो जालंधर में गलत तरीके से वितरित राशन को रिकॉर्ड करना चाहता था, उसे गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी गई थी।मिड-डे मील योजना के बारे में बोलते हुए अकाली दल नेताओं ने कहा कि यह बेहद निंदनीय है कि इस साल 15 अप्रैल से इसे बंद कर दिया गया। उन्होने कहा कि हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने भी निर्देश दिया था कि इस योजना को जल्द से जल्द फिर से शुरू किया जाए, लेकिन पंजाब को अभी ऐसा करना था। उन्होने कहा कि इससे 13 लाख से अधिक छात्र प्रभावित हुए हैं और सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि मिड-डे मील से वे वंचित न रहें। उन्होने डिप्टी कमिशनर से कहा कि ऐसा नही करने पर स्कूल छोड़ने वाले खासतौर पर छात्राओं के लिए तत्काल योजना को फिर से शुरू करने के लिए आवश्यक निर्देश जारी किए जाएं।
कुलवंत मनान और बलजीत नीलमहल ने भी मांग की है कि कोविड-19 की जांच के लिए सरकारी मशीनें खरीदें। उन्होने कहा कि वर्तमान में सभी टैस्टों को परिणामों के लिए बाहर भेजा जा रहा है, जिससे परिणामों में देरी के अलावा टैस्टों पर गंभीर पाबंदी लगा दी थी। नेताओं ने कहा कि सरकार को जिले के सभी सामुदायिक अस्पतालों में एक कोविड-19 जांच मशीन स्थापित करनी चाहिए।