कल्याण केसरी न्यूज़ अमृतसर(22 जुलाई) :सच्चखंड डेरा संत प्रीतम दास (बाबे जोड़े), रायपुर, रसूलपुर में श्री गुरु रविदास साधू सांप्रदायक सोसायटी पंजाब और आल इंडिया आदि धर्म मिशन भारत के संत महापुरुषों की तरफ से ब्रह्मलीन संत जोगिन्द्र पाल जौहरी की अंतिम अरदास मौके श्री सुखमनी साहिब जी के पाठ के भोग उपरांत श्रद्धा के फूल भेंट किए गए। इस मौके श्री गुरु रविदास साधू सांप्रदायक सोसायटी पंजाब के चेयरमैन संत सरवण दास बोहन वालों ने कहा संतों का काम संगत और समाज को जोडऩे का होता है न कि तोडऩे का। आज का समाज सब कुछ जानता है कि कौन समाज को जोड़ता है और कौन तोड़ता है। संत जोगिन्द्र पाल जौहरी के बलिदान को भुलाया नहीं जा सकता, क्योंकि उन्होंने पंजाब में ही नहीं भारत के अलग-अलग राज्यों में जाकर आदिवासी/मूलनिवासी समाज को सतगुरु रविदास जी और डा. अंबेडकर जी के जीवन-मिशन से अवगत करवा कर टूटे हुए समाज को गाँठने का काम किया। अध्यक्ष संत निर्मल दास (बाबे जोड़े) ने कहा आज अपना जब भी कोई फैसला लेना है, तो बुद्धिजीवियों और संगत की राय लेनी जरूरी है। संत सरवण दास सलेम टाबरी (लुधियाना) राष्ट्रीय अध्यक्ष आल इंडिया आदि धर्म साधू समाज ने कहा आप हिंदुओं के मंदिरों की बात करते हो, हमें तो आज भी अपने ही गुरु रविदास मंदिर कांशी बनारस में माथा टेकने का अधिकार नहीं। यह घटना 2011 में हमारे के साथ घटी। कौम को कब्जे वाले संत नहीं बल्कि कौम को समाज को जोडऩे वाले संत चाहिएं। आल इंडिया आदि धर्म मिशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष संत सतविंदर हीरा ने कहा 2021 की जनगणना में अपना धर्म ‘आदि धर्म’ लिखवाए और तुगलकाबाद श्री गुरु रविदास मंदिर की नव-उसारी के लिए हम अधिक से अधिक जमीन लेंगे। महंत प्रशोतम लाल गद्दी नशीन देहरा श्री गुरु रविदास मंदिर चक्क हकीम ने कहा कि तुगलकाबाद के संघर्ष में जिन्होंने तन, मन पर धन से हिस्सा लिया उनकी की कोई पूछ प्रतीत नहीं, जिन्होंने कुछ किया ही नहीं उनको अहुदे दिए गए। सरकार भी एक डेरे के मालिक को आगे रख कर समाज को तोडऩा और बाँटना चाहती है, सो इस 11 सदस्यता समिति को समाज मान्यता नहीं देता, यह भांग होनी चाहिए। मैडम संतोष कुमारी ने कहा पहले हमें धर्म बारे आदि धर्म का खाना बहाल करवाना पड़ेगा। संत जोगिन्द्र पाल जौहरी जिंदा शहीद हैं, उन्होंने सब कुछ समाज पर कुर्बान कर दिया। संत सुरिंदर दास अध्यक्ष श्री चरण छोह गंगा सच्चखंड श्री खुरालगढ़ साहिब ने कहा कि ‘‘जय गुरदेव-धन गुरदेव, बोले सो निर्भय सतगुरु रविदास महाराज जी की जय’’ यह दोनों जैकारे बाबू मंगू राम मुग्गोवालिया जी की देने है।
संत जौहरी ने हमेशा आदि धर्म के रहबरों सतगुरु रविदास, सतगुरु कबीर, सतगुरु नामदेव, श्री गुरु नानक देव, भगवान वाल्मीकि जी, डा. अम्बेडकर, बाबू मंगू राम मुग्गोवालिया, बाबा बंता राम घेड़ा और साहिब कांशी राम जी की लहर और मिशन को आगे बड़ाने के लिए रात-दिन एक किया। इस मौके श्री चरन छोह गंगा सच्चखंड श्री खुरालगढ़ साहिब के इंचार्ज संत जगविंदर लांबा, संत कर्म चंद, संत गिरधारी लाल, संत कबीर दास, संत धर्म पाल शेरगढ़, संत मनदीप दास, संत बीबी कुलदीप कौर मैहना, संत शमशेर सिंह रायकोट, संत लाल दास प्यालां वाले, संत सुच्चा सिंह, संत रमेश दास, संत जगीर सिंह, संत बलवंत सिंह डींगरीयाँ, संत हाकम सिंह मानसा, संत कृपाल दास भारटे वाले, संत राम स्वरूप, संत फकीर दास, रामभज सुरीला, राष्ट्रीय कैशियर श्री अमित कुमार पाल, अशोक बद्धन, मैनेजर जसवीर दुगाल, जीवन सिंह, प्रिं. परमजीत जस्सल, राम सिंह, गुरदयाल भट्टी, करनैल संतोखपुरी के इलावा भारी संख्या में संत महापुरुष और संगत मौजूद थे।