कल्याण केसरी न्यूज़ अंमृतसर,16 सितम्बर : अपने कारनामों कारण हमेशा चर्चा में रहने वाले अमृतसर के ज़िला शिक्षा दफ़्तर के मुख्य अधिकारी ज़िला शिक्षा अफ़सर और उस के कुछ कामचोर कर्मचारियों की अब ख़ैर नहीं है क्योंकि एलिमेंट्री अध्यापकों की सिरमौर जत्थेबंदी एलिमेंट्री टीचर्ज यूनियन रजि.जो अध्यापकों की तरक्कियाँ के मसले को ले कर पिछले कई दिनों से भूख हड़ताल पर बैठी हुई है ने अब उक्त लापरवाह और बेईमान आधिकारियों का कच्चा चिट्ठा चौराहो में फोङने के लिए सख़्त गुप्त एक्शन करने का फ़ैसला लिया है।
करोना महामारी के चलते मुश्किल दौर में भी सरकारी स्कूलों के प्रबंधों को सही करवा कर इन अंदर पढ़ने वाले गरीब बच्चों को इन्साफ दिलाने और अध्यापकों के हो रहे बड़े नुक्सान को देखते हुआ पिछले कई दिनों से लगातार भूख हड़ताल रख कर संघर्ष कर रही ई.टी.यू. ने अब उक्त आधिकारियों का कच्चा चिट्ठा चौराहो में तोड़ने का फ़ैसला कर लिया है। इस सम्बन्धित जानकारी सांझी करते ई.टी.यू.दे प्रमुख नेता हरजिन्दरपाल सिंह पन्नूं,गुरिन्दर सिंह घुक्केवाली,सतबीर सिंह बोपाराए,सुधीर ढंड,जतिन्दरपाल सिंह रंधावा आदि ने बताया कि ज़िला शिक्षा दफ़्तर के कुछ अधिकारी और कर्मचारी पिछले कई सालों से सरकार से लाखों रुपए तनख़्वाह के रूप में ले चुके हैं परन्तु उन की तरफ से अपनी सीट का एक निगूना काम भी नेपरे नहीं चढ़ाया गया। उन्होंने बताया कि जो अधिकारी या कर्मचारी तरक्कियों के साथ सम्बन्धित एक मामूली रोस्टर रजिस्टर ही नहीं तैयार कर सकता तो उस का नौकरी पर बना रहना कितना क उचित है? उन्होंने कहा कि उन की जत्थेबंदी ने अब यह पक्का निश्चय कर लिया है कि वह तरक्कियाँ का मसला हल करवा कर या दोषी कर्मचारियों को नौकरी से ससपेंड करवा कर ही साँस लेंगे बेशक इस लिए उन को कितनी भी बड़ी लड़ाई क्यों न लड़नी पड़े। उनहोंने यह भी स्पष्ट किया कि अमृतसर ज़िलो के अध्यापकों के मन अंदर इस समय पर ज़िला शिक्षा दफ़्तर ख़िलाफ़ इतना बड़ा गुस्सा है कि वह अब अपने संघर्ष दौरान जेल जाने या पर्चे होने से भी नहीं डरेंगे।उनहोंने यह भी स्पष्ट किया कि ई.टी.यू. ने गुप्त मीटिंग करके यह फ़ैसला ले लिया है कि ज़िला शिक्षा अधिकारी और सम्बन्धित कर्मचारियों ख़िलाफ़ अब सख़्त गुप्त एक्सन किये जाएंगे। उन्होंने कहा कि ई. टी.यू. का यह इतिहास रहा है कि वह अपने वर्ग के लिए हमेशा ही बड़ी लड़ाई लड़ कर अपने हक प्राप्त करती रही है बेशक इस लिए कितनी बड़ी बलि ही क्यों न देनी पड़े। उनहोंने यह भी बताया कि इस गंभीर मसले के दोषी आधिकारियों और कर्मचारियों के रवई्ईए सम्बन्धित और जत्थेबंदी की तरफ से लड़े जा रहे संघरश सम्बन्धित ई.टी.यू. ने शिक्षा मंत्री पंजाब,शिक्षा सचिव पंजाब और डी.पी.आई. समेत सभी ही उच्च आधिकारियों को जानकारी देकर इस मसले में तुरंत दख़ल देने की माँग की है।
ज़िक्रयोग्य है कि ज़िला शिक्षा अफ़सर और उस के कुछ कर्मचारियों की तरफ से अपनी, नाकामियें को छिपाने के लिए जिले अंदर अध्यापकों की तरक्कियों के साथ सम्बन्धित रोस्टर रजिस्टर को पिछले कई सालों से मुकम्मल न करने से सरहदी जिले अंदर इस समय 200 से अधिक स्कूल मुख्य अध्यापक और सैंटर मुख्य अध्यापक से वंचित चल रहे हैं। प्रशास्निक पोस्ट खाली होने के कारण जहाँ सरकारी स्कूलों अंदर प्रबंधों की कमी रहने कारण सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले गरीब परिवारों के बेकसूर बच्चों का बड़ा नुक्सान हो रहा है वहां ही पंजाब सरकार की तरफ से शिक्षा सुधार के किये जा रहे बड़े -बड़े दावों की फूंक निकलती भी साफ़ दिखाई दे रही है। इस के इलावा उक्त आधिकारियों की तरफ से तरक्कियों के मसले को ले कर आए दिन शिक्षा विभाग के उच्च आधिकारियों और अध्यापक जत्थेबंदियाँ को झूठ बोल कर गुमराह किया जा रहा है।
ज़िला शिक्षा दफ़्तर के सामने चल रहे संघरश के अंतर्गत आज 22 में दिन भूख हड़ताल पर बैठे दिलबाग सिंह बाजवा,दलजीत सिंह बल्ल,शमसेर सिंह,निशानजीत सिंह,गुरिन्दरजीत सिंह,जगदेव सिंह,रणजीत सिंह, गुरमीत सिंह आदि ने ज़िला शिक्षा अधिकारी और सम्बन्धित कर्मचारियों ख़िलाफ़ नारेबाज़ी की।
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