किसानों की मुशिकलें श्रवण करने केंद्रीय कृषि और किसान भलाई विभाग के संयुक्त सकत्तर

कल्याण केसरी न्यूज़ अमृतसर , 13 मई :-भारत सरकार के कृषि और किसान भलाई विभाग के संयुक्त सकत्तर नमिता जे. प्रियादरशी की तरफ से सरहदी पट्टी के किसानों के साथ की गई मीटिंगों ने 2017 से बंद पड़े मुआवज़े, जो कि तारों पार वाली ज़मीनें के लिए किसानों को केंद्र सरकार से मिलता थी, फिर मिलने की आशा पैदा की है। बताने योग्य है कि बीते कल प्रियादरशी की तरफ से अटारी सरहद के साथ लगते ब्लाक चौगावों के सरहदी गाँवों का दौरा किया गया था, जिस दौरान उन्होंने धारीवाल के किसानों के साथ विचार -चर्चा की और उन की मुशिकलें को सुना। इस दौरान किसानों ने तारों पार ज़मीन में खेती करने की समस्याएँ विस्तार में बताईं और तारों पार ज़मीन पर काम करने के लिए अधिक समय की माँग की, वहां केंद्र सरकार की तरफ से इस ज़मीन के लिए मिलते प्रति एकड़ 10 हज़ार रुपए मुआवज़े को फिर चालू करने की वकालत की।

किसानों ने बताया कि यह मुआवज़ा जो कि 2017 तक मिलता रहा है, को जहाँ महँगाई के हिसाब के साथ बडा कर 30 हज़ार रुपए प्रति एकड़ करना चाहिए था, सरकार ने देना ही बंद कर दिया। उन्होंने बताया कि तारों पार पड़ती ज़मीन पर समय कम मिलने कारण ऐसीं फसलों की खेती ही की जाती है, जो कि किसान का कई बार खर्चा भी पूरा नहीं करती। इस लिए किसानों को नुक्सान की भरपायी के लिए 30 हज़ार रुपए प्रति एकड़ मुआवज़ा दिया जाये। इस के इलावा किसानों ने कई गाँवों को देश के साथ जोड़दे ड्रेनें पर बने पुल, जो कि तंग और ख़स्ता हालत में हैं, उनको दोबारा बनाने, इलाको में बैंक, हस्पताल और लड़कियों के कालेज की माँग भी संयुक्त सचिव के पास रखी। प्रियादरशी ने किसानों की मुशिकलें सुन कर भरोसा दिया कि आपकी माँगों पुरी करने की हर संभव कोशिश की जायेगी। इस मौके पर ब्लाक कृषि अधिकारी डा. कुलवंत सिंह, ए. ई.यो गुरदीप सिंह, ए ई ओ मनविन्दर सिंह और ओर मोहतबर भी उपस्थित थे।

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