कल्याण केसरी न्यूज़ अमृतसर, 16 अगस्त ; उपायुक्त हरप्रीत सिंह सूदन ने किसानों से अपील करते हुए कहा कि यदि किसी किसान के पशु की मृत्यु ढेलेदार चर्म रोग से होती है तो ऐसे में वह अपनी पंचायत, पंचायत सचिव या बीडीपीओ कारे से संपर्क करें, जो उक्त जानवर को दफनाने की व्यवस्था करेंगे। उन्होंने कहा कि यदि उक्त रोग के कारण मरे हुए पशुओं को ठीक से दफनाया नहीं गया तो रोग बढ़ जाएगा, इसलिए रोग से बचाव के लिए पशुओं को ठक से दफनाना बहुत जरूरी है।
उन्होंने कहा कि इस काम के लिए पंचायत विभाग को निर्देश जारी कर दिए गए हैं, जिससे किसानों को मदद मिलेगी। इस मौके पर उप निदेशक पशुपालन विभाग ने कहा कि मृत जानवर के शव को ठिकाने लगाने का सबसे अच्छा तरीका है कि उसे दफना दिया जाए. उन्होंने कहा कि दफन स्थल भी मानव आबादी और जल स्रोत से कम से कम 250 मीटर की दूरी पर होना चाहिए। इसके अलावा गड्ढा जल स्तर से 5-6 फीट ऊपर होना चाहिए और निचले इलाके में नहीं होना चाहिए। इसके अलावा दफनाने के लिए खोदा गया गड्ढा जानवर के शरीर के आकार से बड़ा होना चाहिए और जानवर के ऊपर कम से कम तीन फीट मिट्टी रखनी चाहिए। उन्होंने कहा कि बड़े जानवर के लिए 8 x 7 x 6 फीट का गड्ढा खुदवाया जाए. इसके अलावा पशु के शव के ऊपर और नीचे 2-2 इंच चूने की परत भी लगानी चाहिए।